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कर्नाटक में टिकट से वंचित बीजेपी नेताओं, विधायकों का जगह-जगह प्रदर्शन

कर्नाटक में टिकट से वंचित बीजेपी नेताओं, विधायकों का जगह-जगह प्रदर्शन

कर्नाटक बीजेपी में टिकट से वंचित नेता और विधायक खुलकर बगावत कर रहे हैं। मंगलवार शाम से राज्य में जगह-जगह पार्टी विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं।

कर्नाटक बीजेपी में प्रत्याशियों की पहली सूची सामने आने के बाद पार्टी के तमाम नेताओं, विधायकों और कार्यकर्ताओं का जबरदस्त असंतोष सामने आया है। राज्य में जगह-जगह टिकट से वंचित नेता, विधायक और उनके समर्थक प्रदर्शन कर रहे हैं।

बीजेपी विधायक महादेवप्पा यादवाद के समर्थकों ने मंगलवार देर रात बेलगावी के रामदुर्ग निर्वाचन क्षेत्र से उन्हें टिकट नहीं दिए जाने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए चिक्का रेवाना को इस विधानसभा क्षेत्र से टिकट मिला है।

बेलगावी उत्तर से मौजूदा बीजेपी विधायक अनिल बेनाके के समर्थकों ने भी कर्नाटक विधानसभा चुनाव में टिकट से वंचित किए जाने के बाद मंगलवार शाम विरोध प्रदर्शन किया। बीजेपी ने 11 अप्रैल को चुनाव के लिए अपने 189 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी।  

कर्नाटक के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता केएस ईश्वरप्पा के राज्य विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने के विरोध में कर्नाटक के शिवमोग्गा में सड़कों पर स्थिति भयावह हो गई है। उनके समर्थक सड़कों पर उतर गए हैं और दो दिन से प्रदर्शन हो रहे हैं। पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा का राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम का पत्र सामने आने के बाद प्रदर्शन शुरू हुए। राज्य में 10 मई को वोट डाले जाएंगे।

हालांकि बीजेपी सूत्रों का कहना है कि इसी तरह के प्रदर्शन गुजरात विधानसभा चुनाव के समय भी हुए थे, जब कई बीजेपी विधायकों के टिकट काट दिए गए थे। लेकिन जब नतीजे आए तो बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ लौटी।

कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने मंगलवार को 189 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने यह घोषणा की। राज्य के पार्टी नेताओं और पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा के साथ नई दिल्ली में उनके निवास पर बैठक के घंटों बाद इस सूची को जारी किया गया। पहले कहा गया था कि सोमवार को इसे जारी किया जाएगा, लेकिन तब यह जारी नहीं किया जा सका था। मीडिया में रिपोर्टें आती रही थीं कि टिकट बँटवारे को लेकर पार्टी में घमासान चल रहा है और इस वजह से इसमें देरी हुई है।

नामों को अंतिम रूप देने के लिए पिछले हफ्ते दिल्ली में बीजेपी की चुनाव समिति की बैठक हुई थी। कर्नाटक में 224 विधानसभा सीटें हैं। बहरहाल, पार्टी ने मंगलवार रात को उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। मौजूदा कई विधायकों को हटा दिया गया है और पहली सूची में कांग्रेस के दलबदलुओं को चुना गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरी सूची जल्द ही आएगी। 

कर्नाटक के प्रभारी भाजपा महासचिव अरुण सिंह के अनुसार, भाजपा उम्मीदवारों की पहली सूची में 189 उम्मीदवार हैं, जिनमें से 52 नए चेहरे हैं, 32 ओबीसी उम्मीदवार हैं, 30 एससी समुदाय से हैं और 16 एसटी से हैं। कर्नाटक के प्रभारी अरुण सिंह ने कहा कि आगामी चुनावों में आठ महिला उम्मीदवार मैदान में हैं। मीडिया को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, 'चूंकि भाजपा एक लोकतांत्रिक पार्टी है, हमने कर्नाटक चुनाव के लिए विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों के उम्मीदवारों पर फैसला करने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से परामर्श किया। 25000 से अधिक पार्टी कार्यकर्ताओं ने इस प्रक्रिया में भाग लिया। और बाद में अप्रैल की शुरुआत में उम्मीदवारों के लिए राज्य और जिला स्तर के नेताओं के साथ बैठक की गई।'

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई आगामी विधानसभा चुनाव शिगगांव से लड़ेंगे। पूर्व सीएम बी एस येदियुरप्पा के बेटे बी वाई विजयेंद्र अपने पिता के शिकारीपुरा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सी टी रवि चिकमगलूर सीट से चुनाव लड़ेंगे। रवि ने चार बार निर्वाचन क्षेत्र जीता था। 

वरुणा में आवास मंत्री वी सोमन्ना विपक्ष के नेता सिद्धारमैया के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। सोमन्ना चामराजनगर से भी चुनाव लड़ेंगे।

राज्य के मंत्री बी श्रीरामुलु बेल्लारी ग्रामीण से चुनाव लड़ेंगे। भाजपा के अन्य प्रमुख नेता रमेश जारकीहोली और गोविंद एम करजोल क्रमशः गोकक और मुधोल से चुनाव लड़ेंगे। 

अथानी में भाजपा ने पार्टी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी के अनुरोध के खिलाफ एक उम्मीदवार महेश कुमथहल्ली को चुना है। सावदी ने पिछले सप्ताह भाजपा को यह बताने की कोशिश की थी कि उनके जीतने की संभावना अधिक है और यदि कुमथहल्ली को टिकट दिया गया तो भाजपा सीट हार जाएगी।

बता दें कि आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को कड़ा मुकाबला नजर आ रहा है। कर्नाटक दक्षिण भारत का एकमात्र राज्य है जहां भाजपा की सरकार है। सरकार में अपने दोनों कार्यकालों (2008-13 और 2019 से अब तक) में भाजपा ने कर्नाटक में स्पष्ट बहुमत हासिल नहीं किया। लेकिन उसे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दम पर वह सत्ता हासिल करेगी।

इस बीच, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने कहा कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने संकेत दिया था कि आगामी विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं दिया जाएगा। इसी तरह, भाजपा के वरिष्ठ नेता के एस ईश्वरप्पा ने कर्नाटक में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा को लिखे पत्र में उन्होंने कहा, 'अपनी मर्जी और इच्छा से, मैंने कर्नाटक में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। मैं चुनावी राजनीति से भी संन्यास ले रहा हूं।'

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