कर्नाटक ने वापस ली डीके शिवकुमार पर सीबीआई जांच की मंजूरी
कर्नाटक कैबिनेट ने गुरुवार को उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के खिलाफ सीबीआई जाँच की मंजूरी को वापस लेने का फ़ैसला किया है। उनके ख़िलाफ़ आय से अधिक संपत्ति का मामला चल रहा है। बीजेपी के नेतृत्व वाली पूर्व कर्नाटक सरकार ने डीके शिवकुमार के खिलाफ मामला सीबीआई को सौंप दिया था। मौजूदा कर्नाटक सरकार ने मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो की जांच को रद्द करने के लिए राज्य गृह विभाग द्वारा पेश प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
कर्नाटक कैबिनेट का यह फ़ैसला तब आया है जब क़रीब एक महीने पहले कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 19 अक्टूबर को शिवकुमार के खिलाफ जांच को रद्द करने से इनकार कर दिया था और सीबीआई को 2020 में शुरू हुई जांच को तीन महीने के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया था। कुछ महीने पहले ही कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शिवकुमार की उनके खिलाफ सीबीआई जांच के लिए 2019 की मंजूरी को रद्द करने की एक विशेष याचिका को खारिज कर दिया था।
बहरहाल, कैबिनेट के प्रस्ताव पर राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी के बारे में बात करते हुए कांग्रेस नेता और कर्नाटक के मंत्री एचके पाटिल ने कहा कि मामले को सीबीआई को सौंपने का पूर्व भाजपा नीत राज्य सरकार का निर्णय कानून के अनुरूप नहीं था। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार पाटिल ने यह भी कहा कि बीजेपी ने सीबीआई को जांच सौंपने से पहले कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति नहीं ली थी।
प्रस्ताव में सीबीआई जांच वापस लेने की मांग के अलावा जांच राज्य पुलिस विभाग को सौंपने की भी मांग की गई है। यह प्रस्ताव महाधिवक्ता शशिकिरण शेट्टी की राय के आधार पर रखा गया। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि डीके शिवकुमार के कार्यालय ने दावा किया है कि कर्नाटक में आय से अधिक संपत्ति के लगभग 577 मामले सामने आए लेकिन उनमें से कोई भी सीबीआई को नहीं सौंपा गया।
बीजेपी नेता बसनगौड़ा आर पाटिल ने सरकार के इस फ़ैसले की आलोचना की और कहा कि सीबीआई निष्पक्ष जांच कर रही है। उन्होंने कहा, 'यह कदम कानूनी प्रक्रिया में हेरफेर करने और शिवकुमार के हितों की रक्षा करने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास लगता है। राज्य में सूखा, आग की त्रासदी, जाति जनगणना विवाद और विकास संबंधी चुनौतियों जैसे मुद्दों के बीच, कैबिनेट का ध्यान सीबीआई से सहमति वापस लेने पर केंद्रित होना इसकी प्राथमिकताओं के बारे में सवाल उठाता है।' उन्होंने कहा है कि वह इस फ़ैसले को चुनौती देंगे।
I will challenge the withdrawal of the Dissapropriation of Assets case against DK Shivakumar in the Court.
— Basanagouda R Patil (Yatnal) (@BasanagoudaBJP) November 24, 2023
Government should reconsider withdrawl of Corruption Case. @ANI @PTI_News https://t.co/xflu2XshCs
डीके शिवकुमार पर 2013 से 2018 के बीच कर्नाटक की कांग्रेस सरकार में मंत्री रहने के दौरान 74 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। इसके लिए 2020 में उनके खिलाफ सीबीआई द्वारा भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया।
इस मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय 29 नवंबर को शिवकुमार द्वारा उनकी याचिका खारिज करने के एकल-न्यायाधीश पीठ के 20 अप्रैल के फ़ैसले के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई करने वाला है।