कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार गिरने के बाद बीजेपी राज्य में अपनी सरकार बनाने की कोशिशों में जुट गई है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता जगदीश शेट्टार, बसवराज बोम्मई, अरविंद लिंबावली दिल्ली पहुँच गए हैं। बताया जा रहा है कि सरकार गठन को लेकर ये नेता आज यानी गुरुवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाक़ात करेंगे। पहले यह माना जा रहा था कि बीजेपी येदियुरप्पा की अगुवाई में सरकार बनाने की दावेदारी जल्द ही पेश कर देगी। लेकिन ऐसा लगता है कि बीजेपी आलाकमान इस मामले में बिलकुल भी जल्दबाज़ी नहीं करना चाहता।
आलाकमान की ओर से पर्यवेक्षक भेजे जाएँगे जिनकी उपस्थिति में ही बीजेपी विधायक दल का नेता चुनने से लेकर सरकार बनने तक की प्रक्रिया पूरी होगी। माना जा रहा है कि कर्नाटक बीजेपी के अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ही पार्टी की ओर से कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद के दावेदार होंगे, लेकिन इस बारे में अभी अंतिम फ़ैसला नहीं हुआ है। कर्नाटक की राजनीति में बीएस येदियुरप्पा सबसे असरदार नेता माने जाते हैं। येदियुरप्पा पहले भी सूबे के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और उन्होंने बीजेपी में सामान्य कार्यकर्ता से लेकर मुख्यमंत्री तक का सफर तय किया है। वह बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं।
लंबे सियासी नाटक के बाद कुमारस्वामी सरकार विधानसभा में विश्वास मत हासिल नहीं कर सकी थी। विश्वास मत के विरोध में 105 जबकि समर्थन में 99 मत पड़े थे। केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा कह चुके हैं कि उनकी पार्टी कर्नाटक में सरकार बनाने का दावा पेश करेगी।
कर्नाटक के 225 विधायकों के सदन में कांग्रेस-जेडीएस के 15 बाग़ी विधायकों के इस्तीफ़ा देने के बाद सदस्य संख्या घटकर 210 रह गई है। इस हिसाब से बहुमत के लिए 106 सदस्य होने ज़रूरी हैं। बीजेपी के पास 105 विधायक हैं और 2 निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है, इस तरह बीजेपी का आंकड़ा बढ़कर 107 हो जाता है। बीएसपी से निकाले गए विधायक एन. महेश का भी समर्थन मिलने की उम्मीद है। लेकिन बीजेपी को इसकी पूरी तैयारी करनी होगी कि निर्दलीय विधायक अपना पाला न बदलें।
कुमारस्वामी सरकार गिरने के बाद येदियुरप्पा ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को चिट्ठी लिखी थी और कहा था कि इस पूरे संघर्ष में आपके, पार्टी के अन्य नेताओं और पार्टी से मिले समर्थन के लिए आपको धन्यवाद और शुभकामनाएँ देता हूँ। कांग्रेस-जेडीएस की सरकार गिरने के बाद बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने पूरे राज्य में जश्न मनाया था।
बता दें कि कर्नाटक की सत्ता पर लंबे समय से बीजेपी की नज़र है। विधानसभा चुनाव में सबसे ज़्यादा सीटें जीतने के बाद भी वह सरकार बनाने में नाकामयाब रही थी। सरकार बनाने के लिए उसने ‘ऑपरेशन लोटस’ भी चलाया था और कांग्रेस-जेडीएस के विधायकों को तोड़ने की कोशिश की थी। लेकिन आख़िरकार उसे कुमारस्वामी सरकार को गिराने में सफलता मिल गई।