कर्नाटक बीजेपी में बगावत के संकेत? टिकट के लिए पूर्व सीएम की धमकी!
क्या आपको पता है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी के उम्मीदवारों की सूची जारी करने में देरी क्यों हुई और मंगलवार देर रात को उसे जारी किया गया? इस सवाल का जवाब तो बीजेपी की तरफ़ से नहीं दिया गया है, लेकिन अब बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ने जो कहा है उससे इसका संकेत मिल सकता है।
पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार को कथित तौर पर टिकट से वंचित किया गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार भाजपा विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने कहा है कि पार्टी द्वारा उन्हें दूसरों को मौक़ा देने के लिए कहने और उन्हें टिकट नहीं दिए जाने का संकेत मिलने के बाद वह नाराज हैं। हालाँकि, छह बार के विधायक शेट्टार ने पार्टी से उस फ़ैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहा और कहा कि वह किसी भी कीमत पर चुनाव लड़ेंगे। पूर्व सीएम का यह बयान तब आया है जब बीजेपी के एक अन्य वरिष्ठ नेता केएस ईश्वरप्पा ने आज बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखे पत्र में कहा है कि वह 10 मई को होने वाला कर्नाटक चुनाव नहीं लड़ेंगे।
विधानसभा चुनाव में मतदान के दिन में एक महीने से भी कम समय बचा है लेकिन कर्नाटक बीजेपी में बगावत के संकेत मिलने लगे हैं। भाजपा विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने टिकट नहीं दिने जाने के संकेतों से नाराज़ हैं। हुबली से विधायक शेट्टार ने 2018 में पिछले विधानसभा चुनाव में अपने कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी महेश नलवाड़ को हराकर 21,000 से अधिक वोटों से जीत हासिल की थी।
शेट्टार ने संवाददाताओं से कहा, 'पिछले छह चुनावों में मैं 21,000 से अधिक मतों के अंतर से निर्वाचित हुआ। मेरे माइनस पॉइंट क्या हैं?' उन्होंने कहा, 'मैं बहुत निराश हूं। मैंने पहले ही अपने निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार शुरू कर दिया है और मैं इसे और तेज करूंगा। चुनाव से दूर रहने का कोई सवाल ही नहीं है।'
शेट्टार ने अपने राजनीतिक जीवन में कोई दाग नहीं होने का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी नेतृत्व से कहा है कि इस बार भी उन्हें चुनाव लड़ने दिया जाए। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा, 'मैं केवल एक सवाल पूछता हूं - मैं छह बार जीता, मेरे करियर में कोई दाग नहीं है और मुझ पर कोई आरोप नहीं है। इसलिए मुझे बाहर क्यों किया जा रहा है? मैं पार्टी से कहना चाहता हूं कि मुझे चुनाव लड़ने दिया जाए, अन्यथा यह पार्टी के लिए अच्छा नहीं होगा।' उन्होंने यह भी कहा कि यदि उन्हें टिकट नहीं दिया जाता है तो वह निर्दलीय लड़ेंगे।
शेट्टार का यह कड़ा रुख तब सामने आया है जब कर्नाटक में बीजेपी की चुनावी सूची को लेकर महासंग्राम मचा हुआ है। बीजेपी की सूची सोमवार को आने वाली थी, लेकिन नहीं आई।
पूर्व सीएम बी एस येदियुरप्पा, पूर्व मंत्री ईश्वरप्पा समेत कई नेता सूची को लेकर असंतुष्ट नज़र आ रहे हैं। पिछले दो दिनों से हो रहे घटनाक्रम को लेकर बीजेपी चिन्ता में पड़ गई है। न उससे बगावत थम रही है और न वो कांग्रेस के मुद्दों का जवाब दे पा रही है। राज्य विधानसभा चुनाव 10 मई को है और 13 मई को नतीजे आएंगे।
इधर, बीजेपी के वरिष्ठ नेता केएस ईश्वरप्पा ने आज कहा है कि वह 10 मई को होने वाला कर्नाटक चुनाव नहीं लड़ेंगे। ईश्वरप्पा की इस घोषणा से उन अटकलों को और हवा मिली कि बीजेपी प्रत्याशियों की सूची क्यों नहीं जारी कर पा रही है। ईश्वरप्पा ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखे पत्र में कहा, 'मैं चुनावी राजनीति से हट रहा हूं।'
उन्होंने ख़त में कहा है- 'पार्टी ने मुझे पिछले 40 वर्षों में बहुत सारी जिम्मेदारियां दी हैं। मैं एक बूथ प्रभारी से लेकर राज्य पार्टी प्रमुख तक गया। मुझे उपमुख्यमंत्री बनने का भी सम्मान मिला। चुनाव न लड़ने का फैसला मेरा अपना है।'
कहा जा रहा है कि कर्नाटक बीजेपी के उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने में देरी का बड़ा कारण है राज्य बीजेपी के सबसे बड़े नेता बीएस येदियुरप्पा की नाराजगी। वो प्रत्याशियों के चयन को लेकर शनिवार से ही दिल्ली में डेरा डाले हुए थे। लेकिन मंगलवार को वह नाराज होकर बेंगलुरु वापस लौट गये। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक येदियुरप्पा की नाराजगी का कारण टिकट बंटवारे में उनकी न सुना जाना बताया जा रहा है। हालांकि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने येदियुरप्पा की नाराजगी की खबरों का खंडन करते हुए कहा कि उन्हें अपने किसी निजी काम के चलते अचानक से बेंगलुरु लौटना पड़ा।