कर्नाटक के बेंगलुरु में भाषा विवाद बढ़ गया है। बेंगलुरु शहर में सभी साइनबोर्डों में 60 प्रतिशत कन्नड़ भाषा लागू करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन बुधवार को हिंसात्मक हो गया। शहर के कई क्षेत्रों में तोड़फोड़ की गई। व्यापारिक प्रतिष्ठानों और शॉपिंग सेंटरों के अंग्रेजी में लिखे साइनबोर्ड को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। इसके बाद कई लोगों को हिरासत में लिया गया है।
एक दक्षिणपंथी समूह कर्नाटक रक्षणा वेदिके कन्नड़ के अनिवार्य इस्तेमाल पर जोर दे रहा है। इसके सदस्यों ने केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और हाई-प्रोफाइल व्यवसायों को भी निशाना बनाया। शहर में एमजी रोड, ब्रिगेड रोड, लावेल रोड और सेंट मार्क्स रोड के शॉपिंग सेंटरों में भी विरोध-प्रदर्शन किया और साइनबोर्डों में तोड़फोड़ की गई।
हिंसा के कई वीडियो सोशल मीडिया पर आए हैं। उनमें कुछ लोगों को होटलों और शॉपिंग सेंटरों से अंग्रेजी के साइनबोर्ड में तोड़फोड़ करते देखा जा सकता है। वीडियो में महिलाओं और पुरुषों को, कुछ पीले और लाल स्कार्फ में देखा जा सकता है। प्रदर्शनकारियों ने होटल श्रृंखला ब्लूम के साइनबोर्ड को तोड़ दिया जिसमें कन्नड़ भाषा में नहीं लिखा था। प्रदर्शनकारियों द्वारा कुछ बोर्डों पर स्प्रे पेंटिंग करने के वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा किए गए। वे एयरपोर्ट रोड पर लगे बड़े फ्लेक्स भी फाड़ते दिखे।
कर्नाटक रक्षणा वेदिके यानी केआरवी के विरोध-प्रदर्शन के दौरान कई बोर्डों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। शहर के विभिन्न हिस्सों में भी एक साथ विरोध प्रदर्शन हुए, जहां प्रदर्शनकारियों ने उन बोर्डों को हटा दिया जिन पर कन्नड़ नहीं थी।
कर्नाटक रक्षणा वेदिके के लोगों का कहना है कि ऐसे साइनबोर्ड कर्नाटक की आधिकारिक भाषा कन्नड़ को कमजोर कर रहे हैं। पुलिस ने जिन लोगों को हिरासत में लिया है उनमें कर्नाटक रक्षणा वेदिके के संयोजक टीए नारायण गौड़ा भी शामिल हैं। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार गौड़ा ने पत्रकारों से कहा, 'नियम के अनुसार, 60 प्रतिशत साइनबोर्ड और नेमप्लेट कन्नड़ में होने चाहिए। हम किसी व्यवसाय के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन यदि आप कर्नाटक में व्यवसाय कर रहे हैं तो आपको हमारी भाषा का सम्मान करना होगा। यदि आप कन्नड़ को नजरअंदाज करते हैं, या कन्नड़ अक्षरों को छोटे अक्षरों में रखते हैं तो हम आपको यहां काम नहीं करने देंगे।'
बता दें कि कन्नड़ समर्थक संगठन ने बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका यानी बीबीएमपी के आदेश को लागू करने के लिए बेंगलुरु में सभी प्रतिष्ठानों के लिए 27 दिसंबर की समय सीमा तय की थी। इसके तहत शहर भर में साइनबोर्ड में 60 प्रतिशत कन्नड़ को अनिवार्य करने की बात कही गयी है। यह आदेश बीबीएमपी आउटडोर साइनेज और सार्वजनिक संदेश उपनियम, 2018 पर आधारित है। कन्नड़ समूहों के दबाव के बाद बीबीएमपी ने सभी प्रतिष्ठानों के लिए मानदंडों का पालन करने की समय सीमा 28 फरवरी निर्धारित की है।
कन्नड़ समर्थक संगठनों की लंबे समय से कन्नड़ साइबोर्ड की मांग रही है और यह पिछले हफ्ते और तेज हो गई। अक्टूबर महीने में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा था कि इस राज्य में रहने वाले हर व्यक्ति को कन्नड़ बोलना सीखना चाहिए। उन्होंने कहा था, 'हम सभी कन्नड़ हैं। अलग-अलग भाषाएं बोलने वाले लोग यहां बस गए हैं और इस राज्य में रहने वाले सभी लोगों को कन्नड़ बोलना सीखना चाहिए।'