मुंबई की एक अदालत ने बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत को मानहानि केस में पेश होने से स्थायी छूट देने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि सिलेब्रिटी हैं लेकिन वो एक आरोपी भी हैं। मानहानि का यह केस प्रसिद्ध शायर और गीतकार जावेद अख्तर ने कंगना के खिलाफ दायर किया है।
मुंबई में अंधेरी की मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट कोर्ट ने कहा कि बॉलीवुड एक्ट्रेस मुकदमे में अब तक उसके सामने एक बार भी पेश नहीं हुई हैं। इस कोर्ट ने मंगलवार को स्थायी छूट की मांग करने वाली कंगना की याचिका को खारिज कर दिया था। कोर्ट का विस्तृत आदेश आज सामने आया है।
इस मामले में कोर्ट ने कहा कि मामले में आरोप अभी तय नहीं हुए हैं, स्थायी छूट के लिए कंगना की याचिका समय से पहले है। हालांकि यह आश्वासन दिया गया है कि इस पर बाद में किसी स्टेज पर विचार किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि अगर कंगना को अभी पेशी से स्थायी छूट दी जाएगी तो शिकायतकर्ता जावेद अख्तर, जो एक वरिष्ठ नागरिक भी हैं, के प्रति गंभीर पूर्वाग्रह होगा और मुकदमे आगे नहीं बढ़ सकेगा।जावेद अख्तर ने कोर्ट में दाखिल अपनी मानहानि याचिका में आरोप लगाया है कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु के बाद 2020 में कंगना ने उनके खिलाफ उनकी मानहानि करने वाले बयान दिए थे। पिछले साल अदालत ने मुकदमे को आगे बढ़ाने के लिए प्रथम दृष्टया पर्याप्त सबूत मिलने के बाद उन्हें समन जारी किया था।
कंगना ने कोर्ट में पहली बार में ही पेश होने से स्थायी छूट के लिए अर्जी दी थी। कोर्ट ने कहा कि आरोपी इस मामले की सुनवाई के लिए अपनी पसंद के तरीके से अपनी शर्तों को तय कर रहा है। आरोपी अधिकार के रूप में स्थायी छूट का दावा नहीं कर सकता। आरोपी को कानून की स्थापित प्रक्रिया और उसके जमानत नियमों और शर्तों का पालन करना होगा। हालांकि, एक सेलिब्रिटी होने के नाते, आरोपी के पास अपने प्रोफेशनल काम हैं लेकिन वो यह नहीं भूलें कि वह इस मामले में एक आरोपी हैं। मुकदमे की निष्पक्ष प्रगति के लिए, उनका सहयोग आवश्यक है।
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट आर आर खान ने आदेश में कहा कि कंगना रनौत ने खुद से ही मान लिया था कि उनकी मौजूदगी कोर्ट में जरूरी नहीं है और उनके वकील कानूनी औपचारिकताओं को देखेंगे। कोर्ट ने कहा कि कानून के प्रावधानों के मुताबिक मामले को आगे बढ़ने के लिए कम से कम एक बार आरोपी की मौजूदगी जरूरी है।
रनौत ने वकील रिजवान सिद्दीकी के जरिए दायर अपनी याचिका में कहा था कि वह बॉलीवुड में बड़ी एक्ट्रेस में से एक हैं और उन्हें काम के लिए लगातार यात्रा करना होता है, इस वजह से उनके लिए अदालत में मौजूद होना मुश्किल हो गया है। जरूरत पड़ने पर मौजूद रहने का भरोसा अदालत को दिया गया था।
अख्तर के वकील जय भारद्वाज ने याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि वह मुंबई में होने के बावजूद अदालत में नहीं आ रही थीं और अदालत के प्रति कंगना का रवैया अनौपचारिक दिख रहा है। गैर हाजिर रहने का हर मौका दिए जाने के बावजूद, वह अपने वकील के आश्वासन के बावजूद अदालत में नहीं आईं। अगर इस समय आरोपी को स्थायी रूप से गैर हाजिर रहने की अनुमति दी गई तो वह आगे की सुनवाई के लिए कभी भी इस अदालत में उपस्थित नहीं होंगी।