हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या के मामले में पुलिस को एक बड़ा सबूत हाथ लगा है। तिवारी के घर के पास ही स्थित एक होटल से पुलिस को कुछ कपड़े और एक बैग मिला है। पुलिस का कहना है कि तिवारी की हत्या के बाद हत्यारे इस होटल में आये होंगे और भागने से पहले उन्होंने यहां कपड़े बदले होंगे। पुलिस का कहना है कि ये वैसे ही भगवा कपड़े हैं, जैसे तिवारी के घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों की फ़ुटेज में दो लोग पहने दिखाई दे रहे थे। बता दें कि तिवारी की शुक्रवार को उनके लखनऊ स्थित घर में दिन-दहाड़े हत्या कर दी गई थी।
पुलिस के सूत्रों के मुताबिक़, तिवारी के घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों में जो संदिग्ध लोग दिखाई दे रहे हैं, वे ट्रेन के द्वारा गुजरात से कानपुर आये थे और इसके बाद किसी और वाहन से लखनऊ आये। सूत्रों के मुताबिक़, इनकी अंतिम लोकेशन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में मिली है।
शनिवार को हुई प्रेस कॉन्फ़्रेंस में डीजीपी ओपी सिंह ने कहा था कि यूपी पुलिस ने इस मामले में और सबूत जुटाने के लिए गुजरात और महाराष्ट्र एटीएस से संपर्क साधा था। उन्होंने यह भी कहा था कि सीसीटीवी फ़ुटेज में जो महिला दिखाई दे रही है, उससे भी पूछताछ की जा चुकी है। पुलिस का मानना है कि वह हत्याकांड में शामिल नहीं है।
लखनऊ पुलिस ने कहा है कि उसे होटल खालसा में ठहरे दो संदिग्धों के बारे में जानकारी मिली है, जिनके नाम शेख़ अशफ़ाक़ हुसैन और पठान मोइनुद्दीन अहमद बताये गये हैं। इसके अलावा एक भगवे रंग का कपड़ा और तौलिया भी मिला है। होटल के मैनेजर ने कहा है कि टीवी में फ़ुटेज देखने के बाद हमने इन लोगों की आईडी की जाँच की और पुलिस को सूचना दी।
शनिवार को कमलेश तिवारी की माँ ने शिव कुमार गुप्ता नाम के एक बीजेपी नेता पर उनके बेटे की हत्या करवाने का आरोप लगाया था। तिवारी की माँ ने कहा था कि उनके बेटे की सुरक्षा बढ़ाने की लगातार माँग की जा रही थी लेकिन प्रशासन ने सुरक्षा नहीं बढ़ाई थी।
कमलेश तिवारी के बेटे सत्यम तिवारी ने कहा था कि उन्हें नहीं पता है कि जो लोग पकड़े गए हैं उन्हीं लोगों ने उनके पिता का मर्डर किया है या साज़िश के तहत बेकसूर लोगों को फंसाया जा रहा है। सत्यम ने कहा था कि उनके पिता की हत्या के केस की जाँच एनआईए (एनआईए) को करनी चाहिए क्योंकि उन्हें प्रशासन की जांच पर भरोसा नहीं है।
मामला सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि तिवारी की हत्या में शामिल अपराधियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। बताया जा रहा है कि पीड़ित परिवार के सदस्यों की आज शाम को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाक़ात हो सकती है।
डीजीपी ओपी सिंह ने शनिवार को कहा था कि गुजरात के सूरत के रहने वाले तीन मुसलमान युवक कमलेश तिवारी के द्वारा 2015 में पैगंबर मोहम्मद साहब को लेकर दिये गये बयान से बेहद आक्रोशित थे। इन तीनों के नाम फ़ैज़ान युनूस भाई, मौलाना मोहसिन शेख और राशिद अहमद खुर्शीद पठान बताये गये हैं।
यूपी के डीजीपी ओपी सिंह के मुताबिक़, राशिद ने कमलेश तिवारी की हत्या की योजना बनाई थी और मौलाना मोहसिन शेख ने उसे हत्या के लिये भड़काया था। डीजीपी ने कहा कि कमलेश तिवारी के घर लाये गये मिठाई के डिब्बे को आधार बनाते हुए यूपी पुलिस ने गुजरात पुलिस से संपर्क साधा और मिठाई का यह डिब्बा सूरत की जिस दुकान से खरीदा गया था, वहां के आसपास की सीसीटीवी फ़ुटेज की छानबीन के बाद एक संदिग्ध व्यक्ति फ़ैज़ान युनूस भाई को हिरासत में ले लिया गया। पुलिस का कहना है कि फ़ैज़ान मिठाई का डिब्बा खरीदने में शामिल रहा है।