बैंक से धोखाधड़ी के मामले में भतीजे रतुल पुरी को गिरफ़्तार करने पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि उनका रतुल पुरी के व्यवसाय से कोई लेना-देना नहीं है। कमलनाथ ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा, ‘पुरी के व्यवसाय से मेरा कोई संबंध नहीं है। लेकिन यह पूरी तरह दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई है। मुझे अदालत पर पूरा भरोसा है कि वह इस मामले में सही फ़ैसला करेगी।’
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार सुबह रतुल पुरी को बैंक से धोखाधड़ी करने के मामले में गिरफ़्तार कर लिया था। इससे पहले रतुल पुरी को पकड़ने की कई कोशिशें की गई थीं, लेकिन वह हर बार चकमा देने में कामयाब रहे थे। रतुल पुरी पर 354 करोड़ के बैंक घोटाले का आरोप है।
मोजरबेयर के पूर्व कार्यकारी अधिकारी रतुल पुरी के ख़िलाफ़ सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया की शिकायत पर मुक़दमा दर्ज किया गया था। बैंक का आरोप था कि मोजरबेयर ने 2009 के बाद से कई बैंकों से लोन लिया था और इसका सही इस्तेमाल नहीं किया था। पुरी और कंपनी के चार पूर्व निदेशकों पर आरोप था कि उन्होंने फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों के सहारे बैंकों के साथ 354 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी। रतुल पुरी के अलावा इस मामले में मोजरबेयर के प्रबंध निदेशक दीपक पुरी, निदेशक नीता पुरी, संजय जैन और विनीत शर्मा के ख़िलाफ़ धोखाधड़ी करने के आरोप थे।
पिछले कुछ महीनों में रतुल पुरी के ख़िलाफ़ कई मामलों में जाँच शुरू हुई है। पुरी अगस्ता वेस्टलैंड मामले में भी जाँच का सामना कर रहे हैं। पुरी पर 3,600 करोड़ रुपये की अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर डील में रिश्वत लेने का आरोप है। यह सौदा यूपीए सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान 2007 में हुआ था। भारतीय वायुसेना (आईएएफ़) ने 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की खरीद के लिए अगस्ता-वेस्टलैंड के साथ करार किया था। लेकिन 2014 में भारत सरकार ने इस करार को रद्द कर दिया था।
ईडी ने सोमवार को दिल्ली की एक अदालत को बताया था कि रतुल पुरी चॉपर डील से जुड़े मनी लॉड्रिंग के एक मामले में लगातार जाँच से भाग रहे हैं। लेकिन पुरी ने कोर्ट को बताया था कि वह जाँच में सहयोग करना चाहते हैं लेकिन उनके ख़िलाफ़ जारी ग़ैर-जमानती वारंट को रद्द कर दिया जाए। इससे पहले 26 जुलाई को यह बात सामने आई थी कि 47 साल के रतुल पुरी प्रवर्तन निदेशायल की पूछताछ के दौरान टॉयलेट जाने का बहाना बनाकर ग़ायब हो गए थे।