जोशीमठः शुक्रवार से ग्राउंड मैपिंग, घर अभी नहीं गिराए जाएंगे
जोशीमठ में हालात का जायजा लेने के लिए वैज्ञानिकों की एक टीम कल 13 जनवरी को आ रही है। वैज्ञानिकों के उपकरण आदि पहले ही पहुंच चुके हैं। इसका मुख्य काम होगा यह पता लगाना कि जोशीमठ क्यों धंस रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज जोशीमठ पर उच्चस्तरीय बैठक की। अमित शाह ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से कहा है कि विस्थापितों की मदद में कोई कमी नहीं होने पाए। राहत और बचाव कार्य साथ-साथ चले। केंद्र सरकार के निर्देश पर धामी बुधवार देर रात ही विस्थापितों के राहत कैंप में जोशीमठ जा पहुंचे, जहां उन्हें उजड़े लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा। फिलहाल घर नहीं गिराए जाएंगे। अलबत्ता होटल गिराने की कार्रवाई शुरू हो गई है। धामी ने विस्थापितों को भरोसा दिया कि सरकार मदद करने से पीछे नहीं हटेगी। जोशीमठ में अब बर्फ पड़ गई है। होटलों को छोड़कर बाकी दरार वाले घरों को अभी नहीं गिराया जाएगा। यह बात धामी ने कही। जोशीमठ में मौसम बदल गया है। वहां रात से बारिश हो रही है और बर्फ भी पड़ी है।
पीटीआई के मुताबिक जियो फिजिक्स के वरिष्ठ वैज्ञानिक आनंद के. पांडेय ने गुरुवार को बताया है कि सीएसआईआर-नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनजीआरआई) के विशेषज्ञों की टीम कर शुक्रवार को जोशीमठ पहुंच रही है। एनजीआरआई के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक आनंद के. पांडेय की अध्यक्षता वाली 10 सदस्यीय टीम के 13 जनवरी को साइट पर पहुंचने और अपना काम शुरू करने की उम्मीद है। परीक्षण दो सप्ताह तक जारी रहने की उम्मीद है, और इसके बाद जमीन के धंसने की वजह का पता लगाने के लिए एकत्रित आंकड़ों का विश्लेषण किया जाएगा।
जोशीमठ, बद्रीनाथ, कर्ण प्रयाग और हेमकुंड साहिब जैसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों और अंतर्राष्ट्रीय स्कीइंग केंद्र औली के इस प्रवेश द्वार को इस समय जमीन धंसने और मकानों में दरार आने जैसी बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
पांडेय ने पीटीआई को बताया कि हमारे उपकरण पहले से ही रास्ते में हैं। 13 जनवरी को, पूरी टीम इस साइट पर जाएगी। 14 जनवरी से हम उस क्षेत्र का सर्वेक्षण करने के लिए कम से कम दो सप्ताह के लिए रहेंगे। हम भूगर्भ जल और मिट्टी की उपसतह का भौतिक मानचित्रण (फिजिकल मैपिंग) करेंगे।
पांडेय ने कहा कि टीम एक विद्युत सर्वेक्षण करेगी जो ऐसे भूकंपीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण हैं। हम अपने परीक्षण में मिट्टी की मोटाई को मापने के लिए एक गैर-विनाशकारी भूकंपीय विधि, सतह तरंगों (MASW) विधि का इस्तेमाल करेंगे।
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक टीम ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार का उपयोग करके मामूली दरारें, छोटे आकार के पानी की सबसॉइल में फ्रैक्चर का पता लगाने के लिए उपकरणों का इस्तेमाल करेगी। इसके अलावा, फील्ड मैपिंग का भी इस्तेमाल होगा।
एनजीआरआई उत्तराखंड में सबसे बड़े वैज्ञानिक नेटवर्क में से एक है और भविष्य में यह संस्थान बाढ़ के बारे में भी शुरुआती चेतावनी देने में सक्षम होगा।
चमोली में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के एक बुलेटिन में कहा गया है कि जोशीमठ में धंसने वाले घरों की संख्या बढ़कर 678 हो गई है।
25 सेना बिल्डिंगों में दरारः आर्मी चीफ मनोज पांडे ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि जोशीमठ क्षेत्र में सेना की 25 बिल्डिंगों में दरारें आ गई हैं। इनमें रह रहे सैनिकों को दूसरी जगहों पर शिफ्ट किया गया है। जोशीमठ में सेना का ब्रिगेड मुख्यालय है और एलएसी से करीब सौ किलोमीटर दूर है। रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट भी आज गुरुवार को जोशीमठ पहुंचने वाले हैं।
मुख्यमंत्री जोशीमठ में मौजूद
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार देर रात से जोशीमठ में जमे हुए हैं। धामी रात में ही विस्थापितों के राहत कैंप में पहुंचे। जहां उन्हें रोते-बिलखते परिवारों के गुस्से का भी सामना करना पड़ा। ज्यादातर विस्थापित अपने भविष्य और मुआवजा राशि को लेकर चिंतित नजर आए। सीएम धामी ने वहां घोषणा की है कि दरार वाले घरों को अभी नहीं गिराया जाएगा। सिर्फ होटल गिराए जाएंगे। जोशीमठ में होटल गिराने की कार्रवाई शुरू हो गई है। धामी ने 3000 विस्थापित परिवारों के लिए 45 हजार करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान भी किया है।आज नरसिंह मंदिर, जोशीमठ में पूजा-अर्चना करने के पश्चात गौ माता का पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया व इन प्रतिकूल परिस्थितियों में आध्यात्मिक व धार्मिक स्थली जोशीमठ की सुरक्षा की कामना की। pic.twitter.com/32aAi20yQa
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) January 12, 2023
मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया कि सरकार के राहत पैकेज पर लोग भरोसा रखें। किसी के साथी नाइंसाफी नहीं होगी। धामी ने इस मौके पर हर विस्थापित परिवार को डेढ़ लाख रुपये की अंतरिम सहायता देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुआवजा मार्केट रेट पर ऐसे परिवारों को मिलेगा। धामी ने गुरुवार को जोशीमठ में अधिकारियों के साथ बैठक की। समझा जाता है कि शाम तक या शुक्रवार सुबह विस्थापितों को अंतरिम राहत की कुछ रकम दी जाएगी।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि विस्थापित लोगों की देखभाल सही से हो, किसी को भी परेशानी नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री रात को जोशीमठ में ही रुके।
धामी ने आज 12 जनवरी को नरसिंह मंदिर में पूजा अर्चना की। धामी ने वहां के फोटो ट्वीट करते हुए लिखा है कि उन्होंने जोशीमठ की सुरक्षा की कामना की।
इस बीच जोशीमठ में बर्फ पड़ी है और बारिश हो रही है। इस बीच होटल को गिराने का काम जोशीमठ में शुरू हो गया है।