अपहरण-मारपीट के मामले में मंत्री आव्हाड गिरफ़्तार, मिली जमानत
महाराष्ट्र के गृह निर्माण मंत्री जितेंद्र आव्हाड को अपहरण और मारपीट के एक मामले में गुरुवार को ठाणे पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया। हालांकि बाद में ठाणे की सेशन कोर्ट से आव्हाड को 10 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत भी मिल गयी।
दरअसल, आव्हाड पर एक इंजीनियर ने अपहरण और मारपीट का आरोप लगाया था जिसके बाद उनकी गिरफ़्तारी हुई थी।
बताया जा रहा है कि ठाणे पुलिस ने आव्हाड को गुरुवार शाम को ही गिरफ़्तार किया और ठाणे की सेशन कोर्ट में पेश किया जहां से उन्हें जमानत मिल गयी। वहीं, बीजेपी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से जितेंद्र आव्हाड की मंत्रिमंडल से बर्खास्तगी की मांग की है।
ठाणे पुलिस के वर्तक नगर पुलिस स्टेशन के सीनियर पुलिस अधिकारी ने मंत्री जितेंद्र आव्हाड की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए कहा कि आव्हाड को एक इंजीनियर से मारपीट के मामले में पूछताछ के लिए बुलाया गया था।
पूछताछ के बाद पुलिस ने आव्हाड को गिरफ़्तार कर लिया और उन्हें ठाणे की सेशन कोर्ट में पेश किया गया। शाम को आव्हाड को अदालत से 10 हजार के निजी मुचलके पर जमानत मिल गयी। आव्हाड के ख़िलाफ़ आईपीसी की धाराओं 365, 324, 143, 147, 148, 506 के तहत केस दर्ज था।
गिरफ़्तारी पर बीजेपी हमलावर
उधर, जितेंद्र आव्हाड की गिरफ़्तारी के बाद से महाराष्ट्र बीजेपी उद्धव ठाकरे सरकार पर हमलावर हो गयी है। महाराष्ट्र बीजेपी के उपाध्यक्ष और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से जितेंद्र आव्हाड को मंत्रिमंडल से फौरन बर्खास्त करने की मांग की है।
किरीट सोमैया ने ट्वीट कर कहा कि मंत्री जितेंद्र आव्हाड को बर्खास्त किया जाना चाहिए। किरीट ने ‘सत्य हिंदी’ से बातचीत में कहा कि किसी भी राज्य में कोई भी मंत्री कानून हाथ में लेता है तो उस राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठते हैं।
किरीट ने कहा कि महाराष्ट्र विकास अघाड़ी की यह सरकार जनता की सरकार नहीं है बल्कि दादागिरी करने वाली सरकार है।
किरीट ने आरोप लगाया कि ठाणे पुलिस ने मंत्री आव्हाड के ख़िलाफ़ नरमी बरती है और उन पर कड़ी कार्रवाई करने के बजाय गिरफ़्तारी दिखाते हुए कोर्ट में पेश कर दिया और उन्हें जमानत भी मिल गयी।
क्या है मामला?
मामला पिछले साल का है। कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी देशवासियों से एकजुटता दिखाते हुए दिए जलाने की अपील की थी। उस समय मोदी सरकार के इस फैसले का मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने विरोध किया था।
ठाणे में रहने वाले सिविल इंजीनियर अनंत करमुसे ने प्रधानमंत्री की अपील पर लोगों का भारी समर्थन देखकर फेसबुक और ट्विटर पर जितेंद्र आव्हाड के ख़िलाफ़ एक पोस्ट लिखी थी। अनंत ने लिखा था, “अगर दिया जलाने वाले सभी लोग मूर्ख हैं तो क्या आज पूरा देश मूर्ख है?”
अनंत करमुसे ने फेसबुक पर जितेंद्र आव्हाड की एक अश्लील तसवीर भी पोस्ट की थी जो उस समय काफी वायरल हुई थी। बताया जाता है कि जितेंद्र आव्हाड इस फेसबुक पोस्ट से बहुत नाराज़ हो गए थे।
करमुसे ने आरोप लगाया था कि कुछ पुलिसकर्मी पांच अप्रैल 2020 की शाम को उनके घर आए और पुलिस स्टेशन चलने की बात कही। करमुसे का कहना था कि पुलिसकर्मी उसे पुलिस स्टेशन ले जाने के बजाय जितेंद्र आव्हाड के बंगले पर ले गए।
करमुसे ने आरोप लगाया था कि मंत्री उसकी फेसबुक पोस्ट से नाराज थे और मंत्री के ही 10 से 15 लोगों ने उसकी काफी पिटाई की थी। करमुसे का कहना था कि जितेंद्र आव्हाड उसकी पिटाई होते हुए देख रहे थे और उनके ही इशारे पर उसे अगवा करके आव्हाड के बंगले पर लाया गया था।
जैसे ही यह मामला मीडिया में आया था, विपक्ष ने मंत्री आव्हाड और ठाकरे सरकार पर हमला बोला था। हालांकि आव्हाड ने करमुसे के साथ किसी भी तरह की मारपीट से इनकार किया था।
करमुसे ने जब पुलिस में शिकायत करनी चाही तो पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया। बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद जितेंद्र आव्हाड के ख़िलाफ़ अपहरण और मारपीट की धाराओं में वर्तक नगर पुलिस ने मामला दर्ज किया था। जिसके बाद गुरुवार को आव्हाड को गिरफ़्तार किया गया और बाद में उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गयी।