मेरी गिरफ्तारी के पीछे पीएमओ में बैठे गोडसे भक्तों का हाथ: मेवाणी
जमानत पर जेल से छूटने के बाद गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। सोमवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मेवाणी ने कहा कि उनके खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमे पहले से रची गई साजिश का हिस्सा हैं और ऐसा गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें बदनाम करने के लिए किया गया। उन्होंने कहा कि असम और गुजरात सरकार ने यह साजिश रची।
बता दें कि मेवाणी को असम पुलिस ने एक ही हफ्ते के अंदर दो बार गिरफ्तार कर लिया था। पहले मामले में उनकी गिरफ्तारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की गई टिप्पणी के चलते हुई थी जबकि दूसरी बार में उन पर आरोप था कि उन्होंने एक महिला पुलिस कर्मी से बदसुलूकी की है।
लेकिन असम की एक अदालत ने उन्हें जमानत देते हुए राज्य की पुलिस को कड़ी फटकार लगाई थी और कहा था कि ऐसे हालात में हम पुलिस स्टेट बन जाएंगे।
नई दिल्ली में स्थित कांग्रेस मुख्यालय में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में मेवाणी ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी के पीछे प्रधानमंत्री कार्यालय में बैठे कुछ गोडसे भक्तों का हाथ है।
दलित नेता के रूप में अपनी पहचान रखने वाले मेवाणी ने कहा कि वह इस तरह के दबाव के सामने नहीं झुकेंगे। उन्होंने पुष्पा फिल्म के डायलॉग का जिक्र करते हुए कहा कि वह फ्लावर नहीं हैं वह फायर हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसी संभावना है कि सरकार उनके मोबाइल फोन और लैपटॉप में कोई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लगा सकती है। उनके और उनकी टीम के लोगों के मोबाइल और लैपटॉप को पुलिस ने जब्त कर लिया है।
मेवाणी ने कहा कि गुजरात में पेपर लीक होने के 22 मामले सामने आ चुके हैं लेकिन अब तक किसी भी मामले में एफआईआर दर्ज नहीं हुई है और ना ही कोई गिरफ्तारी हुई है और ना ही कोई जांच। उन्होंने कहा कि मुंद्रा एयरपोर्ट पर पकड़ी गई ड्रग्स के मामले में भी किसी तरह की कोई जांच व गिरफ्तारी नहीं हुई और गुजरात सरकार के एक मंत्री पर एक दलित महिला द्वारा लगाए गए बलात्कार के आरोपों पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
बता दें कि गुजरात में इस साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं और मेवाणी पिछली बार निर्दलीय विधायक के तौर पर चुनाव जीते थे। लेकिन इस बार का चुनाव वह कांग्रेस के टिकट पर लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।
वडगाम से निर्दलीय विधायक ने कहा कि बीते महीनों में हुई धर्म संसदों में की गई जहरीली बयानबाजी के मामलों में भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
मेवाणी ने उनके जिन ट्वीट को लेकर असम पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया उस बारे में भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि उनके ट्वीट बेहद साधारण थे और उन्होंने प्रधानमंत्री से सिर्फ शांति और सौहार्द्र बनाए रखने के लिए कहा था। लेकिन उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने कहा कि उन्हें एफआईआर की कॉपी भी नहीं दी गई और उन्हें उनके वकील से भी बात नहीं करने दी गई और इस तरह उनके विधायक होने के अधिकारों का भी अपमान किया गया।
मेवाणी की गिरफ्तारी के खिलाफ कांग्रेस ने गुजरात में कई जगहों पर प्रदर्शन भी किया था। जिग्नेश मेवाणी राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच नाम के राजनीतिक दल के संयोजक भी हैं।