झारखंड में कांग्रेस विधायक कुमार जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह के रांची स्थित आवास पर इनकम टैक्स के छापे आज शनिवार 5 नवंबर को भी मारे गए। विधायक के आवास पर छापों का सिलसिला कल शुक्रवार से शुरू हुआ था। आखिर ऐसा क्या है जो केंद्रीय जांच एजेंसी उनके घर को दूसरे दिन खंगाल रही है। इस छापे का सीधा संबंध झारखंड की राजनीति से हैं। झारखंड में जुलाई 2022 से शुरू हुए ऑपरेशन लोटस को कामयाबी नहीं मिलने के घटनाक्रम पर अगर नजर डाली जाए तो सारी स्थिति साफ हो जाएगी। इस मामले में सबसे पहले आरोप यही लगा था कि जब कल शुक्रवार को आयकर विभाग की टीम जिस वाहन में छापा मारने विधायक के आवास पर आई तो उस पर बीजेपी का स्टीकर पाया गया। उस वाहन से बीजेपी का स्टीकर हटाते हुए एक वीडियो भी वायरल है।
कुमार जयमंगल सिंह झारखंड में बेरमो से विधायक हैं। जुलाई में कोलकाता में तीन विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन बिक्सल बहुत बड़ी रकम के साथ एक वाहन में पकड़े गए। एक टोयोटा फॉर्च्यूनर एसयूवी पर 'जामताड़ा विधायक' लिखा हुआ एक बोर्ड था। वो गाड़ी विधायक इरफान अंसारी की थी। इरफान अंसारी जामताड़ा से विधायक हैं। इन लोगों से बड़ी रकम बरामद होने के बाद इन्हें बंगाल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वो कैश असम से आया था।
इस घटनाक्रम के बाद विधायक कुमार जयमंगल सिंह ने झारखंड में एफआईआर कराई कि तीन विधायकों इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन बिक्सल ने उन्हें फोन करके कोलकाता आने को कहा। तीनों विधायकों ने उनसे यह भी कहा कि वहां से सब लोग गुवाहाटी में असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा से मिलने जाएंगे। वो उनकी मुलाकात सरमा से करा देंगे। उन्होंने एफआईआर में असम के सीएम सरमा को नामजद किया।
विधायक जयमंगल सिंह ने एफआईआर में आरोप लगाया है कि उन्हें आश्वासन दिया गया कि जितने भी विधायक टूटकर आएंगे, उन्हें मंत्री बनाया जाएगा और हर विधायक को दस करोड़ रुपये भी मिलेंगे। ये नई सरकार झारखंड की मौजूदा सरकार को गिराने के बाद बीजेपी की मदद से बनाई जाएगी। विधायक ने कहा कि उन तीनों ने उनसे कहा कि असम के सीएम को दिल्ली के कुछ बड़े नेताओं का आशीर्वाद प्राप्त है, जिस वजह से मौजूदा झारखंड सरकार को गिराया जाना है।
वकील कैश के साथ गिरफ्तार
इसके बाद यह मामला अभी थमा नहीं था कि कोलकाता में झारखंड के वकील राजीव कुमार को बंगाल पुलिस ने गिरफ्तार किया। इनके पास से 50 लाख कैश बरामद हुआ। इन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया। राजीव कुमार वही वकील हैं, जिन्हें झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत कोर्ट में की थी और इसके बाद कोर्ट ने जांच का आदेश दिया था। ईडी वगैरह भी हेमंत सोरेन के खिलाफ जांच कर रही है।कांग्रेस ने झारखंड से जुड़े लोगों की इन गिरफ्तारियों और रकम बरामदगी को ऑपरेशन लोटस का हिस्सा बताया। कांग्रेस ने यह भी कहा कि यह ऑपरेशन असम के मुख्यमंत्री सरमा चला रहे हैं। हालांकि अब सरमा के खिलाफ शिकायत करने वाले कांग्रेस विधायक भी शक के दायरे में आ गए हैं। क्योंकि एक तरफ तो वो असम के सीएम के खिलाफ एफआईआऱ करा रहे थे, दूसरी तरफ वो उनसे मिल भी रहे थे। उनके साथ वो केंद्रीय मंत्री तक से मिले।
झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार कांग्रेस की मदद से चल रही है। सोरेन को भ्रष्टाचार के कथित मामले में ईडी ने पूछताछ के लिए तलब किया था। कांग्रेस की सलाह पर सोरेन ने ईडी के सामने नहीं आए। ईडी ने अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। अगर हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया जाता है तो झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस इसे आदिवासी, दलित समुदाय के नेता के खिलाफ नाइंसाफी का मामला बनाकर बीजेपी के लिए मुश्किल पैदा कर सकते हैं। कांग्रेस के जिन विधायकों को तोड़ने की कोशिश हुई थी, उसे मामले को विधायक कुमार जयमंगल सिंह ने पहले ही खोल दिया। इरफान अंसारी बदनाम हो चुके हैं। इस तरह झारखंड में ऑपरेशन लोट्स कामयाब होता नहीं दिख रहा है।
इस बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी बीजेपी स्टीकर वाली गाड़ी में आयकर अधिकारियों का विधायक कुमार जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह के आवास पर छापे मारने का मुद्दा उठाया है। उन्होंने अपने भाषण की एक खबर आज शनिवार को ट्वीट की है, जिसे उन्होंने शुक्रवार को दिया था। इस तरह हेमंत सोरेन केंद्र के हर कदम पर मुखर हैं।