झारखंड में बाइक चोरी के शक में रात भर खंभे से बांधकर पीटे गए तबरेज़ अंसारी की मौत के मामले में आख़िरकार पुलिस को सही रास्ते पर आना ही पड़ा। कुछ दिन पहले जब तबरेज़ की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई थी तो लोग चौंक गये थे। रिपोर्ट में कहा गया था कि तबरेज़ की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी न कि भीड़ के द्वारा की गई पिटाई से। इसके अलावा इसी महीने की 10 सितंबर को पुलिस ने इस मामले में 11 अभियुक्तों पर से भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 यानी हत्या की धारा को भी हटा दिया था। लेकिन अब पुलिस ने तबरेज़ की मौत के मामले में हत्या की धारा फिर से जोड़ दी है। पुलिस ने तबरेज़ को पीटे जाने के वीडियो को भी सही पाया है।
पुलिस ने मामले में बुधवार को फिर से चार्जशीट दाख़िल की है और इसमें ताज़ा मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर ही हत्या की धारा को फिर से जोड़ा गया है। इससे पहले पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि तबरेज़ अंसारी की हत्या सोच-समझकर या जानबूझकर नहीं की गई थी। पुलिस ने इस मामले में दो और लोगों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाख़िल की है और उन पर भी हत्या की धारा लगाई गई है।
पुलिस द्वारा हत्या की धारा हटाये जाने के बाद तबरेज़ की पत्नी शाइस्ता परवीन ने इस मामले की जाँच सीबीआई से कराने की माँग की थी और कहा गया था कि प्रशासन के दबाव में हत्या की धारा हटाई गई है।
तबरेज़ को झारखंड के सरायकेला-खरसावां इलाक़े में भीड़ ने पीटा था। यह घटना 18 जून की थी और 22 जून को अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर ख़ूब वायरल हुआ था और तबरेज़ की हत्या के विरोध में देश भर में प्रदर्शन हुए थे।
भीड़ ने तबरेज़ से ‘जय श्री राम’ और ‘जय हनुमान’ के नारे भी लगवाए थे। अंसारी की पत्नी शाइस्ता परवीन की ओर से इस मामले में हत्या का मुक़दमा दर्ज कराया गया था जबकि पुलिस ने भी इस मामले में आईपीसी की धारा 304 (ग़ैर इरादतन हत्या) के तहत मुक़दमा दर्ज किया था। लेकिन जब पुलिस ने हत्या की धारा को हटा दिया था तो यह सवाल उठा था कि पुलिस आख़िर क्यों तबरेज़ की हत्या के अभियुक्तों को बचाने की कोशिश कर रही है।
एक अधिकारी ने हत्या के आरोपों को सही ठहराते हुए न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को बताया कि पुलिस ने इस मामले में विशेषज्ञ डॉक्टरों से भी राय ली क्योंकि इससे पहले आई मेडिकल रिपोर्ट में यह साफ़ नहीं था कि तबरेज़ की मौत हृदय गति रुकने से हुई है।
अब जो ताज़ा मेडिकल रिपोर्ट आई है, उसके मुताबिक़ डॉक्टरों ने पाया कि हड्डियाँ किसी कठोर चीज से चोट लगने के कारण टूटी हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि तबरेज़ को दिल का दौरा उसे हड्डियों में लगी चोट और हृदय में ख़ून एकत्रित होने के कारण पड़ा।
तबरेज़ के अभियुक्तों से हत्या की धारा हटाये जाने के बाद सरायकेला-खरसावां के एसपी कार्तिक एस. ने अंग्रेजी अख़बार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से बातचीत में कहा था, ‘हमने आईपीसी की धारा 304 के तहत चार्जशीट दो कारणों से दाख़िल की थी। पहला कारण यह कि तबरेज़ की मौत घटनास्थल पर नहीं हुई थी और ग्रामीणों का अंसारी की हत्या करने का कोई इरादा नहीं था। दूसरा कारण यह कि तबरेज़ की मेडिकल रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि नहीं हुई थी।’ एसपी ने अख़बार से कहा था, ‘फ़ाइनल पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक़, अंसारी की मौत दिल का दौरा पड़ने से और सिर से ख़ून बहने के कारण हुई लेकिन सिर की यह चोट जानलेवा नहीं थी।’
तबरेज़ अंसारी की मौत की जाँच के मामले में पुलिस का रवैया शुरू से ही सवालों के घेरे में रहा है। क्योंकि पुलिस ने हिरासत के दौरान तबरेज़ का मोटरसाइकिल चोरी करने का कबूलनामा तो दर्ज कर लिया था लेकिन भीड़ के द्वारा उसे पीटे जाने को लेकर एक भी लाइन एफ़आईआर में नहीं लिखी थी। तब इसे लेकर बहुत हैरानी हुई थी कि आख़िर ऐसा कैसे हो सकता है क्योंकि तबरेज़ को भीड़ द्वारा बेरहमी से पीटे जाने का वीडियो तो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है।
अब जब पुलिस ने फिर से हत्या की धारा जोड़ दी है तो यह उम्मीद जगी है कि तबरेज़ को इंसाफ मिलेगा और उसके गुनाहगारों को सजा। क्योंकि तबरेज़ के परिजन आरोप लगा चुके हैं कि इस मामले को जानबूझकर कमज़ोर किया जा रहा है।