झारखंडः महागठबंधन के 38 विधायक 2 चार्टर्ड प्लेन से जाएंगे हैदराबाद 

08:26 pm Feb 01, 2024 | सत्य ब्यूरो

झारखंड में महागठबंधन को अब अपने विधायकों के टूटने का खतरा महसूस हो रहा है। इसको देखते हुए कांग्रेस आगे आई है, और कांग्रेस के नेतृत्व में महागठबंधन के 38 विधायकों को तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद शिफ्ट किया जा रहा है। रांची के सर्किट हाउस से 43 विधायकों को बस में बैठा कर देर शाम एयरपोर्ट लाया गया है। इनमें से 38 विधायकों को दो चार्टर्ड प्लेन से हैदराबाद ले जाने की तैयारी है। 

तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार है, इसलिए माना जा रहा है कि वहां ये विधायक सुरक्षित रहेंगे। वहीं 5 विधायक रांची में ही रहेंगे। इस बीत महागठबंधन विधायक दल के नेता चंपई सोरेन ने गुरुवार की शाम 5.30 बजे एक बार फिर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की है। उन्होंने राज्यपाल से मिलकर एक बार फिर सरकार बनाने का दावा पेश किया है और मांग की है कि महागठबंधन को सरकार बनाने का न्योता राज्यपाल दें। 

झारखंड में राजनैतिक संकट छाया हुआ है। हेमंत सोरेन ने बुधवार को ही इस्तीफा दे दिया था। महागठबंधन की ओर से सरकार बनाने का दावा भी बुधवार की ही रात पेश किया जा चुका है लेकिन अब तक राज्यपाल ने महागठबंधन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है। 

महागठबंधन विधायक दल ने चंपई सोरेन को अपना नया नेता चुना है, ऐसे में माना जा रहा है कि चंपई सोरेन झारखंड के नए सीएम बन सकते हैं। 

चंपई सोरेन या महागठबंधन को सरकार बनाने के लिए अब तक राज्यपाल का आमंत्रण नहीं मिलने के कारण कई तरह की राजनैतिक चर्चाओं का बाजार गर्म है। सरकार बनाने का आमंंत्रण जब तक नहीं मिलता है तब महागठबंधन के 5 विधायकों को छोड़ बाकि सभी विधायकों को तेलंगाना में रखा जाएगा। 

इन 5 विधायकों में जेएमएम के चंपई सोरेन, कांग्रेस के आलमगीर आलम, आरजेडी के सत्यानंद भोक्ता, जेबीएम के प्रदीप यादव और सीपीआई (एमएल) के विनोद सिंह शामिल हैं। ये पांचों विधायक इस नए सियासी संकट के बीच रांची में ही रहकर रणनीति तैयार करेंगे। 

इससे पहले गुरुवार दिन में ही यह खबर आ गई थई कि रांची के सर्किट हाउस में दो ट्रेवलर बस लगी है। इन बसों में बैठा कर विधायकों को सीधे राजभवन या फिर एयरपोर्ट ले जाया जा सकता है। तेलंगाना ले जाने में एक बड़ी समस्या खराब मौसम के कारण आ सकती है। खराब मौसम के कारण उड़ान भरने में देरी हो सकती है। 

इस बीच महागठबंधन विधायक दल के नवनिर्वाचित नेता चंपई सोरेन ने कहा है कि राजभवन नींद से जागे और हमें सरकार बनाने के लिए बुलाए। दूसरी तरफ भाजपा ने भी अपने विधायकों की एक बैठक बुलाई है। सूत्रों का कहना है कि झारखंड में विधायकों की खरीद-फरोख्त की आशंका से महागठंधन के नेता डरे हुए हैं। विधायकों की खरीद-फरोख्त को रोकने के लिए ही उन्हें तेलंगाना शिफ्ट किया जा सकता है। 

वहीं ईडी द्वारा गिरफ्तारी के बाद हेमंत सोरेन की ओर से राहत पाने के लिए झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी लेकिन हाईकोर्ट ने कहा दिया है कि इस मामले में अत्यावश्कता प्रतीत नहीं होती, इसलिए सुनवाई कल होगी। 

इस मामले में सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है, जिस पर शुक्रवार को सुनवाई हो सकती है। इसके कारण झारखंड हाईकोर्ट से याचिका वापस ले ली जाएगी। 

ईडी की पूछताछ के बाद हेमंत सोरेन ने दिया था इस्तीफा 

जमीन घोटाले के एक मामले में बुधवार को ईडी ने करीब साढ़े छह घंटे हेमंत सोरेन से पूछताछ की थी। इस पूछताछ के बाद हेमंत सोरेन ने रात में करीब 8.30 बजे राजभवन पहुंचे थे और वहां जाकर राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया था।

 इस्तीफे के बाद ईडी हेमंत सोरेन को हिरासत में लेकर अपने कार्यालय चली गई थी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक हेमंत सोरेन से बुधवार को हुई पूछताछ में उनके दिल्ली आवास से छापेमारी के दौरान मिले 36 लाख रुपये के स्रोत के संबंध में सवाल किए। ईडी ने उनसे जमीन घोटाले से संबंधित कई सवाल पूछे थे।

जांच एजेंसी ईडी ने हेमंत सोरेन से 28-29 जनवरी की रात उनकी गतिविधियों को लेकर भी कई सवाल पूछे हैं। हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद उनका एक वीडियो सामने आया है जिसको लेकर कहा जा रहा है कि उन्होंने पूछताछ खत्म होने के बाद और इस्तीफा देने से पहले बनाया है।

इस समय उन्हें बता दिया गया था कि ईडी उन्हें हिरासत में ले रही है। इस वीडियो में हेमंत सोरेन कहते हैं कि, मेरे खून में संघर्ष है, मैं लड़ाई लड़ता रहूंगा। उन्होंने कहा है कि एक लोकप्रिय और अपने दम पर बनाई हुई सरकार के खिलाफ षड़यंत्र रचा गया है, अगली बार हम और मजबूती के साथ लड़ेंगे। ईडी के पास मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं है। 

इस वीडियो में हेमंत सोरेन ने कहा है कि मैं कोर्ट के निर्णय का सम्मान करता हूं। अब मैं कोर्ट जा रहा हूं। मेरे पास समय कम है। एक आदिवासी अपनी ताकत के बल पर जीत कर जनता की सेवा कर रहा था। आज लगता है कि मेरे लिए खत्म हो रहा है। आज मुझे संभवतः यह लोग अपने कब्जे में ले लेंगे, लेकिन मुझे इसकी चिंता नहीं है। 

हेमंत सोरेन ने कहा कि, जिस जमीन को लेकर मुझे गिरफ्तार करने का निर्णय लिया गया है, उसमें मेरा नाम कहीं दूर-दूर तक नहीं है। अभी हाल में एक राजनैतिक षड़यंत्र का शिकार बिहार हुआ है और अब ये झारखंड को इसका शिकार बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन झारखंड के हर बच्चे, बुजुर्ग और नौजवान के दिल में रहेगा। 

बुधवार को हेमंत सोरेन के इस्तीफे के समय महागठंबधन के 40 से अधिक विधायक राजभवन पहुंचे थे लेकिन उन्हें बाहर कर दिया गया था। इसके बाद देर रात तक सभी विधायक राजभवन के बाहर ही डटे रहे थे। दूसरी तरफ राजधानी रांची में सुरक्षा व्यवस्था को काफी सख्त कर दिया गया है।