झारखंड: लड़की को ज़िंदा जलाया, प्रदर्शन के बाद धारा 144

01:08 pm Aug 29, 2022 | सत्य ब्यूरो

झारखंड के दुमका में परेशान करने वाले एक शख्स द्वारा लड़की को जिंदा जलाए जाने के मामले में हंगामा बढ़ गया है। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने इस घटना के विरोध में प्रदर्शन किया है और प्रशासन को शहर में धारा 144 लगानी पड़ी है। इसका मतलब है कि बिना अनुमति अब 4 या इससे अधिक लोगों के इकट्ठे होने पर प्रतिबंध होगा।

लड़की को ज़िंदा जलाने के आरोपी की पहचान 19 वर्षीय शाहरूख हुसैन के रूप में हुई है। आरोपी शाहरूख और आग लगाने के लिए पेट्रोल लाने में मदद करने वाले उसके सहयोगी छोटू खान को गिरफ़्तार किया गया है।

इस मामले में लड़की की मौत के बाद विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने दुमका कस्बे के दुधानी चौक पर धरना दिया और 19 वर्षीय किशोरी को न्याय दिलाने की मांग को लेकर अनुमंडल पुलिस अधिकारी विजय कुमार को ज्ञापन सौंपा। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार अनुमंडल अधिकारी महेश्वर महतो ने कहा, 'क़ानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए दुमका उप-मंडल में धारा -144 लागू की गई है। पूर्व अनुमति के बिना रैली, प्रदर्शन और जुलूस की अनुमति नहीं है।'

इधर बीजेपी सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने इसको मुद्दा बनाया है और ट्विटर पर लिखा है कि 'हम दुमका की बेटी को नहीं बचा सके। मुख्यमंत्री और उनका कुनबा पार्टी करते रहे। अब आम लोगों को परेशान कर जेल भेजने का खेल चल रहा है...।'

पुलिस का कहना है कि आरोपी शाहरूख कुछ समय से उस लड़की को परेशान करता था। पुलिस ने कहा है कि जलाने की वह घटना मंगलवार को दुमका शहर में हुई जब आरोपी ने महिला पर उसके कमरे की खिड़की के बाहर से पेट्रोल डाला और उसे आग लगा दी।

पीड़िता 12वीं कक्षा की छात्रा है और उसे 90 फीसदी जलने के बाद गंभीर हालत में पहले दुमका के एक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पुलिस ने कहा कि बाद में उसे बेहतर इलाज के लिए रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान रेफर कर दिया गया।

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार दुमका के एसपी अंबर लकड़ा ने कहा, '23 अगस्त की तड़के आरोपी ने खिड़की से उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। वह मदद के लिए चिल्लाई। उसने आरोपी को भागते हुए देखा... हमारे पास उसका मरने से पहले का बयान है।'

एक कार्यकारी मजिस्ट्रेट को दिए गए बयान के अनुसार, पीड़िता ने कहा था कि आरोपी ने करीब 10 दिन पहले उसे उसके मोबाइल पर फोन किया और उसे अपना दोस्त बनने के लिए कहा। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार उसने बयान में कहा, 'उसने मुझे सोमवार रात करीब 8 बजे फिर से फोन किया और मुझसे कहा कि अगर मैंने उससे बात नहीं की तो वह मुझे मार डालेगा। मैंने अपने पिता को धमकी के बारे में बताया, जिसके बाद उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि वह मंगलवार को उस व्यक्ति के परिवार से बात करेंगे। खाना खाकर हम सोने चले गए। मैं दूसरे कमरे में सो रही थी।'

रिपोर्ट के अनुसार उसने बयान में आगे कहा है, 'मंगलवार की सुबह मुझे अपनी पीठ में दर्द महसूस हुआ और मुझे कुछ जलने की गंध आ रही थी। आंख खुली तो मैंने उसे भागते हुए देखा। मैं दर्द से कराहने लगी और अपने पिता के कमरे में भागती हुई गयी। मेरे माता-पिता ने आग बुझाई और वे मुझे अस्पताल ले गए।'