झारखंड पुलिस ने शुक्रवार को भाजपा के कई सांसदों, विधायकों, केंद्रीय मंत्री सहित कई कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। इन सभी पर मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने के लिए भड़काऊ भाषण देने और हाथ में पत्थर लेकर मार्च करने का आरोप है।
झारखंड भाजपा ने शुक्रवार को राज्य में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ एक विरोध रैली की थी। हालांकि, पुलिस ने विरोध प्रदर्शन स्थल - रांची के मोरहाबादी मैदान के चारों तरफ बैरिकेडिंग कर दी थी और धारा 144 का हवाला देते हुए प्रदर्शनकारियों को सीएम आवास तक मार्च करने की अनुमति नहीं दी। इस पर हंगामा मच गया। जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया और बदले में पुलिस ने पानी की बौछारें कीं, आंसू गैस छोड़ी। कई पुलिस वाले पथराव में घायल हो गए।
रांची में कार्यकारी मैजिस्ट्रेट संजय कुमार के बयान पर कई धाराओं में एफआईआर दर्ज की गयी है। इसमें संजय सेठ, भाजपा के राज्य प्रमुख बाबूलाल मरांडी, पूर्व मंत्री अर्जुन मुंडा, विधायक नीलकंठ मुंडा सहित अन्य लोगों के नाम शामिल हैं। एफआईआर में कहा गया है कि उन्होंने कई बैरिकेड्स के बावजूद मोरहाबादी मैदान में इकट्ठा हुई भीड़ को सीएम के घर तक मार्च करने के लिए उकसाया था।
पुलिस का कहना है कि “सारे नेता बारी बारी से इस कार्यक्रम में शामिल युवाओं को भड़काते हुए भाषण दे रहे थे कि ये आक्रोश रैली का कार्यक्रम है। आज किसी भी हालत में मुख्यमंत्री आवास का घेराव करना है। पुलिस ने कहा कि भाजपा नेताओं के बयानों से युवा 'नाराज' हो गए और लगभग 10,000 की संख्या में प्रदर्शनकारी पुलिस चौकी गेट की ओर बढ़े और ड्रॉप गेट तोड़ दिया। भीड़ को लाउडस्पीकर के जरिए कई बार रुकने के लिए कहा गया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
पुलिस ने बताया कि उस दौरान मंच से अमर बाउरी एवं भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं द्वारा पुलिस द्वारा लगाये गये बैरिकेडिंग को तोड़ने एवं कंटीले तार को काटने के लिए बार-बार भाषण दिये जा रहे थे। भीड़ ने आगे बढ़ने के लिए पथराव किया। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस बल द्वारा पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया गया। पानी की बौछारों के इस्तेमाल के बाद भी लोगों ने फिर से पथराव किया और वायर कटर से कंटीले तारों को काटकर बैरिकेडिंग की दो परतें तोड़ दीं...पुलिस ने तब आंसू गैस का इस्तेमाल किया...यह भी देखा गया कि भाजपा कार्यकर्ता जेब से पत्थर निकालकर हमला कर रहे थे।
झारखंड में विधानसभा चुनाव इसी साल होना है। भाजपा सत्ता में वापसी करना चाहती है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जमीन के एक मामले में जनवरी में गिरफ्तार किया गया। हेमंत सोरेन ने जेल जाने से पहले चंपाई सोरेन को मुख्यमंत्री बना दिया था। रांची हाईकोर्ट ने जमीन के मामले में ईडी को झूठा केस दर्ज करने के लिए कड़ी फटकार लगाई। हेमंत सोरेन जमानत पर बाहर और फिर सीएम बने। इस पर अब चंपाई सोरेन नराज हैं और असंतुष्ट गतिविधियां चला रहे हैं। भाजपा पर चंपाई सोरेन को इस्तेमाल करने का आरोप है। कुल मिलाकर विधानसभा चुनाव के मद्देनजर झारखंड में राजनीतिक घटनाक्रम तेज है।