दिल्ली के बाद अब झारखंड ने भी कोरोना रोकथाम के मद्देनज़र लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के घर पर हुई बैठक में यह फ़ैसला लिया गया कि एक हफ़्ते के लिए पूरे राज्य में लॉकडाउन लगा दिया जाए, कुछ चीजों को ही इससे छूट मिले।
सरकार ने कहा है कि 22 अप्रैल को शुरू होने वाले 'स्वास्थ्य सुरक्षा शपथ सप्ताह' के दौरान आवश्यक वस्तुओं से जुड़ी दुकानों को छोड़ कर सभी दुकानें बंद रखी जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ केंद्रीय, राज्य और निजी कार्यालय ही खुले रहेंगे। उद्योग, निर्माण, कृषि और खनन कार्य जारी रहेंगे।
हेमंत सोरेन ने कहा,
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यह निहायत ही ज़रूरी है कि झारखंड में कोरोना संक्रमण का चेन तोड़ा जाए। झारखंड एक ग़रीब राज्य है और लोगों की जान और आजीविका बचाना इसकी प्राथमिकता है।
हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री, झारखंड
उन्होंने लोगों से अपील की कि जिन कामों की अनुमति दी गई है, उसके अलावा किसी काम के लिए घर से कोई बाहर न निकले। कहीं भी पाँच से ज़्यादा लोगों का जमा होना मना है। देखें, मुख्यमंत्री हेमंत सोरने ने क्या कहा है।
सरकार के ऐलान के अनुसार, 22 अप्रैल सुबह छह बजे से से 29 अप्रैल की सुबह छह बजे तक लॉकडाउन रहेगा। इस दौरान पूरे राज्य में आवश्यक सेवाओॆं को छोड़कर सबकुछ बंद रहेगा। धार्मिक स्थल खुले रहेंगे, लेकिन भीड़ नहीं होगी।
झारखंड बीजेपी अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य दीपक प्रकाश ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कोरोना पर नियंत्रण को लेकर लागू लॉकडाउन के निर्णय की तारीफ की है।
लॉकडाउन में क्या खुला रहेगा, क्या बंद
- आवश्यक वस्तुओं की दुकानों को छोड़कर अन्य सभी दुकानें बंद रहेंगी।
- केंद्र सरकार, राज्य सरकार और निजी क्षेत्र के चुनिंदा दफ़्तरों को छोड़कर तमाम कार्यालय बंद रहेंगे।
- कृषि, औद्योगिक उत्पादन, निर्माण और खनन से जुड़े कामकाज चलते रहेंगे।
- सभी धार्मिक स्थल खुले रहेंगे, लेकिन श्रद्धालुओं की उपस्थिति पर रोक रहेगी।
- किसी नागरिक को पूर्व अनुमति को छोड़कर अपने घर से बाहर निकलने की इजाज़त नहीं होगी।
- किसी भी जगह एक समय पाँच से अधिक लोग एकत्रित नहीं हो सकते।