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बीजेपी नेताओं के दावे पर जेडीयू बोला- विपक्षी बैठक से नीतीश नाराज़ नहीं

बीजेपी नेताओं के दावे पर जेडीयू बोला- विपक्षी बैठक से नीतीश नाराज़ नहीं

क्या बेंगलुरु में हुई विपक्षी दलों की बैठक से नीतीश कुमार नाराज़ लौटे हैं? आख़िर किस आधार पर बीजेपी नेता यह दावा कर रहे हैं? जानिए, जेडीयू ने सफ़ाई में क्या कहा है। 

जेडीयू ने नीतीश कुमार के विपक्षी दलों की बैठक से नाराज़ लौटने के बीजेपी नेताओं के दावों को खारिज किया है। इसने कहा है कि गठबंधन को लेकर कोई असंतोष नहीं है। जेडीयू के अध्यक्ष ललन सिंह ने नीतीश कुमार के असंतोष की अटकलों को खारिज करते हुए कहा, 'नीतीश कुमार वह व्यक्ति हैं जो विपक्ष को एक साथ लाए हैं और जो व्यक्ति सभी को एक साथ लाया है वह कभी नाराज नहीं हो सकता है। मैं पांच साल तक एनडीए का हिस्सा रहा और आज तक पीएम मोदी ने कभी एनडीए के साथ बैठक नहीं बुलाई। अब उन्होंने बैठक के लिए क्यों बुलाया?'

जेडीयू की यह सफ़ाई तब आई है जब विपक्षी दलों की बेंगलुरु में बैठक के बाद हुई कॉन्फ्रेंस से नीतीश कुमार के ग़ायब रहने और गठबंधन के नाम से कथित तौर पर असहमति जताने के बाद बीजेपी नेताओं ने उनकी नाराज़गी के कयास लगाए थे।

बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने लिखा, "बेंगलुरु में सबसे बड़ी किरकिरी तो नीतीश कुमार की हुई है। उन्हें फर्जी 'इंडिया' का संयोजक ना बनाए जाने से नाराज़ होकर पहले ही बैठक से निकलना पड़ा। वे प्रेस कांफ्रेंस में नहीं थे। बेंगलुरु में नीतीश-विरोधी पोस्टर भी लगाए गए थे, जबकि वहाँ सरकार कांग्रेस की है।'

उन्होंने यह भी कहा, 'इन दलों की पटना बैठक में इसी तरह नाराज़ होकर दिल्ली लौट गए थे। जो लोग चुनाव से पहले न मन मिला पा रहे हैं, न एक चेहरा तय कर पाए, वे देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोई चुनौती नहीं दे पाएँगे।'

बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह ने भी ट्वीट कर कुछ इसी तरह की बात कही। उन्होंने कहा, 'अपनी इज्जत का ख़्याल नहीं था तो कम से कम बिहार की इज्जत का ख़्याल रखते। बेंगलुरु की बैठक से नाराज़ होकर पटना लौटे नीतीश कुमार, मीडिया से बनाई दूरी।'

हालाँकि, जिस आधार पर नीतीश कुमार के बारे में ये अटकलें लगाई जा रही हैं, उसको लेकर कल ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सफाई दे दी थी। खड़गे ने कहा था कि फ्लाइट की वजह से नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव को जाना पड़ा।

एक ख़बर यह भी आई थी कि नीतीश कुमार 'INDIA' नाम से सहमत नहीं थे। हालांकि सभी नेताओं से बेंगलुरु बैठक में सुझाव मांगे गए थे। सूत्रों के हवाले से ख़बर आई थी कि नीतीश इस नाम पर बहुत सहमत नहीं थे लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि जब सभी सहमत हैं तो ठीक है। 

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