नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन से अलग हो गए। उन्होंने राजद और कांग्रेस से नाता तोड़ लिया और बीजेपी के समर्थन से फिर से सरकार बना रहे हैं। यह वही नीतीश कुमार हैं जो विपक्षी इंडिया गठबंधन के प्रमुख चेहरों में से एक रहे। उनके प्रयास से ही विपक्षी दल एकजुट हुए और बीजेपी के ख़िलाफ़ सभी दलों का गठबंधन बना। नीतीश ने अलग-अलग राज्यों में जाकर नेताओं से मुलाक़ात की और सबको साथ आने के लिए मनाया। उन्होंने ही इसकी पहली बैठक बिहार में कराकर औपचारिक शुरुआत भी कराई थी। आरजेडी से लेकर कांग्रेस के बड़े नेता तक कहते रहे कि नीतीश इंडिया गठबंधन की नींव रहे। तो सवाल है कि इसी इंडिया गठबंधन से नीतीश कुमार अलग क्यों हो गए? क्या नीतीश दरकिनार किए जा रहे थे?
इन सवालों का जवाब अब सीधे-सीधे जनता दल यूनाइटेड यानी जेडीयू ने ही दिया है। जेडीयू ने आधिकारिक तौर पर कांग्रेस को इंडिया गठबंधन के पतन के लिए ज़िम्मेदार ठहराते हुए उससे नाता तोड़ लिया है। पार्टी प्रवक्ता केसी त्यागी ने कांग्रेस पर गठबंधन के नेतृत्व को हड़पने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
केसी त्यागी ने कहा, 'दरअसल कांग्रेस का एक भाग इंडिया गठबंधन के नेतृत्व को हड़पना चाहता है।' उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने गठबंधन का नेतृत्व हड़पने के लिए तृणमूल की ममता बनर्जी के साथ साजिश रची।
उन्होंने कहा, '19 दिसंबर को इंडिया गठबंधन की बैठक के दौरान एक साजिश के तहत मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम प्रस्तावित किया गया था। एक साजिश के तहत, ममता बनर्जी को खड़गे का नाम पीएम चेहरे के रूप में प्रस्तावित करने के लिए मजबूर किया गया था। इससे पहले मुंबई में हुई बैठक में सर्वसम्मति से ये तय हुआ था कि बिना किसी का चेहरा आगे किए गठबंधन काम करेगा।'
उन्होंने आगे कहा, 'पहले शाम को केजरीवाल के आवास पर गई ममता बनर्जी ने कहा था कि बैठक में किसी का नाम नहीं सुझाया जाएगा। लेकिन कांग्रेस के एक हिस्से ने एक साजिश के तहत ममता द्वारा उनका नाम सुझाया गया। खड़गे जी ने बाद में इसे अस्वीकार कर दिया।'
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि 'जितनी भी गैर कांग्रेसी दल हैं, इन सब दलों ने कांग्रेस से लड़कर राजनीति में अपनी जगह बनाई है।' उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ अधिकतर क्षेत्रीय पार्टियाँ नहीं आना चाहती हैं और इन सबको एक साथ लाने का काम नीतीश कुमार ने किया। केसी त्यागी ने कहा कि उन्होंने सभी दलों से आग्रह कर इसके लिए मनाया और इसके बावजूद नीतीश को अपमानित किया गया।
उन्होंने कहा, 'कांग्रेस पार्टी अपने सर्वाइवल के दौर से गुज़र रही है, पिछले दो आम चुनावों में नेता प्रतिपक्ष के लायक भी उनके पास नेता नहीं थे। लिहाज़ा वो इन दलों का नेतृत्व ख़त्म करना चाहती है, वो इनके विकास में रोड़ा है। उसने टिकट बँटवारे के काम को लंबा खींचने का काम किया।'
केसी त्यागी ने कहा, 'कांग्रेस सीट बंटवारे को खींचती रही, हम कहते रहे कि सीट बंटवारा तुरंत होना चाहिए। इंडिया के पास भाजपा के खिलाफ लड़ने की योजना नहीं है।' उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन के पास न तो ग्रासरूट लेवल पर कार्यकर्ता हैं और न ही संसाधन। यह बीजेपी के पास है। जेडीयू ने कांग्रेस पर सीट-बंटवारे की प्रक्रिया को बाधित करने, सहयोगियों पर असंगत मांग करने और अन्य नेताओं को अपमानित करने का आरोप लगाया। पार्टी का तर्क है कि कांग्रेस की हरकतें इंडिया गठबंधन की एकजुटता के लिए हानिकारक थीं।
इससे पहले रविवार सुबह नीतीश कुमार ने बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर से मुलाकात की और अपना इस्तीफा सौंप दिया। अब वह बीजेपी के समर्थन से सरकार चालएँगे। नीतीश कुमार नौवीं बार मुख्यमंत्री के रूप में लौट रहे हैं।