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कर्नाटक बीजेपी की पदयात्रा से जेडीएस क्यों हटा, गठबंधन में दरार?

कर्नाटक बीजेपी की पदयात्रा से जेडीएस क्यों हटा, गठबंधन में दरार?

क्या कर्नाटक बीजेपी और जेडीएस गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है? आख़िर बीजेपी की पदयात्रा से जेडीएस के पीछे हटने का क्या मतलब है?

कर्नाटक में बीजेपी और जेडीएस के बीच दरार अब खुलकर सामने आ गई लगती है। जेडीएस ने बीजेपी पर कई आरोप लगाते हुए उसकी पदयात्रा से अपने आप को अलग कर लिया है। बीजेपी ने बेंगलुरु-मैसूर पदयात्रा की योजना बनाई है। इसका उद्देश्य मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण घोटाले को लेकर सीएम सिद्धारमैया के इस्तीफे की मांग करना है। लेकिन अब जेडीएस की आपत्ति के बाद उसकी पदयात्रा पर ही संकट के बादल मंडराने लगे हैं।

जेडीएस ने बीजेपी की 3 अगस्त से प्रस्तावित बेंगलुरु-मैसूर पदयात्रा को लेकर कई सवाल किए हैं और कहा है कि यह उसका खुद का क्षेत्र होने के बाद भी पदयात्रा की योजना बनाने से पहले बीजेपी ने उससे संपर्क नहीं किया। 

केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने हासन के पूर्व विधायक प्रीतम जे. गौड़ा को आमंत्रित किए जाने पर नाराजगी जताते हुए पदयात्रा का समर्थन करने से इनकार कर दिया है। कुमारस्वामी रविवार को भाजपा-जेडीएस की बैठक में मौजूद थे, जिसमें पदयात्रा योजना को अंतिम रूप दिया गया। 

उन्होंने बुधवार को इस बात पर निराशा जताई की कि पदयात्रा के कार्यक्रम पर न तो उनसे और न ही उनकी पार्टी के पदाधिकारियों से सलाह ली गई। टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, 'बेंगलुरु से मैसूर तक जेडीएस ही मज़बूत है। आप हमारी उपेक्षा कैसे कर सकते हैं या हमसे सलाह किए बिना ऐसा निर्णय कैसे ले सकते हैं?'

अंग्रेजी अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार, कुमारस्वामी ने पूछा कि क्या उन्हें उस व्यक्ति के साथ मंच साझा करना चाहिए जिसने 'देवेगौड़ा के परिवार को जहर दिया'। उन्होंने कहा कि जब वे हमें विश्वास में लेने के लिए तैयार नहीं हैं, तो हमें उनका समर्थन क्यों करना चाहिए? 

जेडीएस नेता ने कहा कि 'उन्हें हमें बताना चाहिए कि पदयात्रा के संबंध में उन्होंने हमारे साथ कैसा व्यवहार किया। वे क्या हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं? मैं आहत हूं, मुझे इससे पीड़ा होती है। प्रीतम गौड़ा कौन है? वह वही है जिसने गौड़ा परिवार को नष्ट करने की कोशिश की। वे उसे मंच पर लाते हैं और मेरे साथ बैठाते हैं। उन पेन ड्राइव (प्रज्वल रेवन्ना के मामले में) के वितरण के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या वे (भाजपा) नहीं जानते कि हासन में क्या हुआ था? चुनावी गठबंधन अलग होता है और राजनीति अलग होती है।'

कुमारस्वामी ने कहा है कि जब लोग भारी बारिश और बाढ़ से पीड़ित हैं, तो पदयात्रा करना सही नहीं है। उन्होंने कहा, 'हमने इससे दूरी बनाने का फ़ैसला किया है, हम नैतिक समर्थन भी नहीं देंगे।' उन्होंने कहा कि मुदा घोटाले के मामले में पदयात्रा से कोई नतीजा नहीं निकलेगा। 

कुमारस्वामी द्वारा पदयात्रा से हटने की घोषणा के तुरंत बाद राज्य भाजपा प्रमुख बी.वाई. विजयेंद्र ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने विश्वास जताया कि वे इस समस्या को सुलझा लेंगे और उन्होंने कहा कि वे कुमारस्वामी से बात करेंगे। रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि पदयात्रा को लेकर जेडीएस और भाजपा के बीच भ्रम की स्थिति है। हमारा राष्ट्रीय नेतृत्व उस भ्रम को दूर करने में लगा है। टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि पदयात्रा योजना के अनुसार ही होगी। हालाँकि, कुछ भाजपा पदाधिकारियों ने संकेत दिया कि रैली को एक सप्ताह के लिए स्थगित किया जा सकता है।

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