जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल होकर रहेगा। लेकिन करेगा कौन? राहुल गांधी और उमर अब्दुल्ला ने कुछ दिन पहले कहा था कि वे राज्य का दर्जा बहाल कराके रहेंगे। लेकिन अब अमित शाह ने उनके वादे पर सवाल उठाया है और कहा है कि वे आख़िर ऐसा कैसे कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि 'कोई भी ताकत' वहां स्वायत्तता की बात नहीं कर सकती। उन्होंने कहा है कि यह तो सिर्फ़ भारत सरकार ही कर सकती है।
अमित शाह ने कहा, 'नेशनल कांफ्रेंस व कांग्रेस पार्टी कहती है कि हम जम्मू-कश्मीर को स्टेट का दर्जा वापस देंगे। मैं अब्दुल्ला साहब और राहुल बाबा से पूछना चाहता हूं कि आप जम्मू-कश्मीर को स्टेट का दर्जा कैसे वापस देंगे? जनता को मूर्ख बना रहे हो आप। जम्मू-कश्मीर को स्टेट का दर्जा तो सिर्फ भारत सरकार ही दे सकती है।'
आगे अमित शाह ने कहा, 'मैंने खुद सदन में कहा है कि चुनाव के बाद जम्मू-कश्मीर को स्टेट का दर्जा देंगे। जो चीज हमने दे ही दी है, वो चीज आप (नेशनल कांफेरेंस व कांग्रेस) मांग रहे हैं।' बता दें कि जम्मू कश्मीर को अनुच्छेद 370 के तहत ही विशेष अधिकार मिले हुए थे और बीजेपी सरकार ने इस अनुच्छेद को हटाकर राज्य का दर्जा छीन लिया था। मोदी सरकार ने ही राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बनाया।
गृह मंत्री ने विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा और कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और महबूबा मुफ्ती की पीडीपी पर पूर्ववर्ती राज्य को लूटने का आरोप लगाया। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से जम्मू-कश्मीर के लोगों को गुमराह न करने को कहा। शनिवार को जम्मू के पलाउरू में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अमित शाह ने अनुच्छेद 370 को हटाने का जिक्र किया। इसी अनुच्छेद 370 ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिया था। उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव ऐतिहासिक है क्योंकि यह पहली बार होगा जब जम्मू-कश्मीर के मतदाता दो झंडों के नीचे नहीं बल्कि एक तिरंगे और एक संविधान के तहत अपना वोट डालेंगे।
जम्मू कश्मीर में अपने चुनाव अभियान की शुरुआत करते हुए अमित शाह ने शनिवार को कहा कि जम्मू के लोग ही तय करेंगे कि इस बार यहां कौन सरकार बनाएगा। शाह ने कहा, 'इससे पहले, कोई और तय करता था कि जम्मू-कश्मीर में कौन सरकार बनाएगा, लेकिन इस बार यह फैसला जम्मू के लोग करेंगे'। साथ ही, उन्होंने कश्मीर के युवाओं से नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन को वोट न देने की अपील करते हुए कहा कि इससे 'आतंकवाद वापस आ सकता है'।
गृहमंत्री शाह ने आरोप लगाया कि महबूबा मुफ़्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ ही एनसी-कांग्रेस गठबंधन ने इस क्षेत्र को 'आतंकवाद की आग में धकेलने' की कोशिश की है।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों से विकास और आतंकवाद में से एक को चुनने को कहा। शाह ने पूछा, 'क्या आप आतंकवाद के काले दिनों में वापस जाना चाहते हैं या विकास और प्रगति के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं?'
उन्होंने आरोप लगाया, 'तीन परिवारों ने जम्मू-कश्मीर को लूटा है। अगर एनसी और कांग्रेस सत्ता में आती है तो आतंकवाद वापस आ जाएगा। जम्मू को अपने भाग्य का फैसला करना है। अगर भाजपा सत्ता में आती है, तो हम आतंकवाद को सिर उठाने नहीं देंगे।' उन्होंने जोर देकर कहा कि जब तक शांति बहाल नहीं हो जाती, तब तक पाकिस्तान के साथ बातचीत फिर से शुरू नहीं होगी।
उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला की भी आलोचना करते हुए कहा कि आतंकवाद के उभरने के बाद वे लंदन चले गए थे, लेकिन घाटी के युवा ही आतंकवादी हिंसा में मारे गए।
जम्मू-कश्मीर में 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए 18 सितंबर से 1 अक्टूबर तक तीन चरणों में मतदान होगा। मतों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी।
राज्य का दर्जा दिलाकर रहेंगे: राहुल
बता दें कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए रामबन में 4 सितंबर को एक बड़ी रैली को संबोधित करते राहुल गांधी ने कहा था कि वह जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा दिलाकर रहेंगे।
राहुल ने कहा था, 'आज जम्मू-कश्मीर में राजा बैठा हुआ है। उसका नाम एलजी है पर है वो राजा। ...आपकी संपत्ति छीनकर बाहर के लोगों को दी जा रही है। सभी लाभ बाहरी लोगों को दिए जा रहे हैं। हम इसे खत्म करेंगे। हम जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा दिलाकर रहेंगे।'