जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की कोशिश नाकाम, 5 लश्कर आतंकी ढेर
जम्मू कश्मीमर पुलिस ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा यानी एलओसी पर पुलिस और सेना ने घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया है। इसने घुसपैठ विरोधी अभियान के दौरान गुरुवार को लश्कर के पांच आतंकवादी मार गिराए।
मुठभेड़ गुरुवार को कुपवाड़ा जिले के माछिल सेक्टर में हुई। पुलिस का कहना है कि शुरुआती गोलीबारी में दो आतंकवादी मारे गए और इसके बाद हुई मुठभेड़ में तीन और आतंकवादी मारे गए। पुलिस के मुताबिक, मारे गए आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा के थे। खोजी अभियान अभी भी जारी है।
#KupwaraEncounterUpdate: Three (03) more #terrorists of LeT killed (Total 05). Identification being ascertained. Search #operation in progress. Further details shall follow: ADGP Kashmir@JmuKmrPolice https://t.co/qOMWE0M3uh
— Kashmir Zone Police (@KashmirPolice) October 26, 2023
पिछले महीने भी एलओसी के पास मुठभेड़ हुई थी। जम्मू कश्मीर के उरी में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए थे। वह मुठभेड़ बारामूला के उरी और हथलंगा इलाके में नियंत्रण रेखा के पास हुई थी। माना गया था कि आतंकी घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे।
आतंकवादियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई में ऑपरेशन में भारतीय सेना और बारामूला पुलिस शामिल थी। पिछले महीने की उस कार्रवाई से दो दिन पहले भी दो आतंकवादी मारे गए थे। 4 सितंबर को जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया था और गोलीबारी में एक पुलिस अधिकारी भी घायल हो गया था।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा है कि एलओसी के पार 16 आतंकवादी लॉन्चिंग पैड अभी भी चालू हैं और पाकिस्तान से आतंकवादियों को घुसपैठ कराने की कोशिश की जा रही है।
एक दिन पहले ही यानी बुधवार को श्रीनगर स्थित 15 कोर के मुख्यालय में जम्मू-कश्मीर और सुरक्षा एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों की बैठक हुई थी। बैठक में कश्मीर में विदेशी आतंकवादियों की भूमिका बड़े चर्चा बिंदुओं में से एक थी।
रिपोर्ट के अनुसार एक अधिकारी ने कहा, 'विदेशी आतंकवादियों की संख्या फिर से बढ़ गई है क्योंकि स्थानीय भर्तियां काफी कम हो गई हैं।'
आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि इस साल केंद्र शासित प्रदेश में मारे गए 46 आतंकवादियों में से 37 पाकिस्तानी थे और केवल नौ स्थानीय थे। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के 33 साल के इतिहास में यह पहली बार है कि मारे गए विदेशी आतंकवादियों की संख्या स्थानीय आतंकवादियों से चार गुना अधिक है। गृह मंत्रालय का कहना है कि घाटी में इस समय करीब 130 आतंकवादी सक्रिय हैं, जिनमें से आधे विदेशी आतंकवादी हैं।