जम्मू कश्मीरः उमर ने शपथ ली, इंडिया के बड़े नेता पहुंचे, 10 साल बाद सरकार
#WATCH | Omar Abdullah takes oath as the Chief Minister of Jammu and Kashmir.
— ANI (@ANI) October 16, 2024
The leaders from INDIA bloc including Lok Sabha LoP Rahul Gandhi, Congress leader Priyanka Gandhi Vadra, JKNC chief Farooq Abdullah, Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav, PDP chief Mehbooba Mufti, AAP… pic.twitter.com/IA2ttvCwEJ
नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) ने अगले मुख्यमंत्री के रूप में पार्टी उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को शपथ ले ली है। समारोह में शामिल होने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सहित इंडिया गठबंधन के शीर्ष नेता पहुंचे। जिसमें समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव भी शामिल थे। एनसीपी (शरद पवार) की सुप्रिया सुले, सीपीआई के डी.राजा, डीएमके से कनी मोझी, आम आदमी पार्टी से संजय सिंह आदि थे। पीडीपी प्रमुख और पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती भी मौजूद थीं।
उमर ने शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर (एसकेआईसीसी) में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। उमर के साथ पांच अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली। सुरिंदर चौधरी ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। अब तक शपथ लेने वाली पांच महिलाओं में से एकमात्र महिला सकीना इटू थीं, जिन्होंने दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में नूराबाद निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा में अपनी सीट जीती थी। राजौरी के मेंढर से जीते पूर्व मंत्री जावेद राणा, पूर्व मंत्री जावेद डार, जम्मू के छंब से निर्दलीय विधायक सतीश शर्मा भी शपथ लेने वालों में शामिल हैं।
कांग्रेस सरकार का बाहर से समर्थन
शपथ ग्रहण समारोह से कुछ घंटे पहले कांग्रेस ने सरकार से बाहर रहने और बाहर से समर्थन देने की घोषणा की। जम्मू कश्मीर कांग्रेस प्रमुख कर्रा ने कहा, ''फिलहाल कांग्रेस जम्मू-कश्मीर में मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं होगी, पार्टी इस बात से नाखुश है कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल नहीं किया गया है। चूंकि यूटी सरकार में सीएम सहित केवल 9 मंत्री हो सकते हैं, इसलिए उमर को कांग्रेस के लिए एक कैबिनेट बर्थ आवंटित करने की उम्मीद थी।खबर है कि कांग्रेस नई जम्मू-कश्मीर सरकार का हिस्सा नहीं होगी। हालांकि दोनों ने गठबंधन में चुनाव लड़ा है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस ने आने वाली सरकार में एक मंत्री पद की पेशकश को अस्वीकार कर दिया है। इसके बजाय वो बाहर से समर्थन की पेशकश करेगी। हालांकि दो वरिष्ठ नेता - नेता विपक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका वाड्रा गांधी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए।
नेशनल कॉन्फ्रेंस को चार निर्दलीय विधायकों और आम आदमी पार्टी के एकमात्र विधायक ने समर्थन की पेशकश की है। केंद्र शासित होने और अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद यहां पहला विधानसभा चुनाव हुआ है। हालांकि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने साफ कर दिया है कि वो राज्य के दर्जे की बहाली के लिए संघर्ष करेगी, क्योंकि यह जम्मू कश्मीर के लोगों का हक है। उमर की पार्टी धारा 370 को बहाल करने के पक्ष में भी है।
श्रीनगर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए, एनसी नेता ने कहा, "हमें बहुत कुछ करना है" और आश्वासन दिया कि उनकी सरकार केंद्र शासित प्रदेश के लोगों की शिकायतें सुनेगी। उन्होंने कहा, "हमें लोगों को यह उम्मीद देनी होगी कि यह उनकी सरकार है और उनकी बात सुनी जाएगी। पिछले 5-6 साल से उनकी बात नहीं सुनी जा रही थी। यह हमारी जिम्मेदारी होगी कि हम उनकी बात सुनें और उस पर कार्रवाई करें।" .
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को उमर अब्दुल्ला को जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए आमंत्रित किया था। यह निमंत्रण सरकार द्वारा केंद्र शासित प्रदेश में राष्ट्रपति शासन हटाने के एक दिन बाद आया था।
उमर अब्दुल्ला को संबोधित एक पत्र में, सिन्हा ने कहा, “मुझे जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला से 11 अक्टूबर 2024 का एक पत्र मिला है, जिसमें यह सूचित किया गया है कि आपको सर्वसम्मति से विधायक दल के नेता के रूप में चुना गया है।” पिछले गुरुवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) विधायक दल ने सर्वसम्मति से उमर अब्दुल्लाह को अपना नेता चुना, जिससे मुख्यमंत्री के रूप में उनके दूसरे कार्यकाल का मार्ग प्रशस्त हो गया। उनका पहला कार्यकाल, 2009 से 2014 तक, तब हुआ जब एनसी-कांग्रेस गठबंधन सरकार के तहत जम्मू और कश्मीर तब एक पूर्ण राज्य था।