पिछले कुछ समय से जम्मू-कश्मीर से आ रही चिंताजनक ख़बरों के बाद अब कुछ राहत देने वाली ख़बर आई है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के जनसंपर्क निदेशक सहरिश असगर ने कहा है कि जिन इलाक़ों में प्रतिबंधों में ढील दी जा रही है, वहाँ हाई स्कूल फिर से खुलेंगे। मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए असगर ने जम्मू-कश्मीर के हालात के बारे में जानकारी दी। असगर ने कहा कि बृहस्पतिवार से 10 पुलिस थानों को खोला जायेगा जबकि जिन इलाक़ों से प्रतिबंध हटा लिया गया है, वहाँ दुकानें खोली जा सकती हैं।
असगर ने यह भी कहा कि मंगलवार शाम से ही 15 और टेलीफ़ोन एक्सचेंज में सेवाएँ बहाल कर दी गई हैं। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, राज्य के शिक्षा निदेशक यूनिस मलिक ने कहा, ‘हम पहले ही प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों को खोले जाने की घोषणा कर चुके हैं और जिन इलाक़ों में प्रतिबंध ख़त्म किये जा चुके हैं, बुधवार से (आज) वहाँ हाई स्कूलों के खोले जाने की घोषणा कर रहे हैं।’
मलिक ने कहा कि घाटी में 3,037 प्राथमिक और 774 माध्यमिक स्कूलों को फिर से खोला जा चुका है और पिछले एक हफ़्ते में स्कूलों में टीचरों की उपस्थिति में काफ़ी सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि हम स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति बढ़ाने के पूरे प्रयास कर रहे हैं।
बता दें कि कश्मीर से ऐसी ख़बरें आई थीं कि स्कूल खुलने के बावजूद लोग अपने बच्चों को भेजने के लिए तैयार नहीं हैं। लोगों का कहना था कि वे ऐसे हालातों में बच्चों को स्कूल में कैसे भेजें। श्रीनगर के एसएसपी हसीब मुग़ल ने कहा है कि घाटी में कहीं से भी किसी बड़ी अप्रिय घटना के समाचार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि केवल दो छोटी घटनाएँ श्रीनगर में हुई हैं। इनमें से एक टट्टू ग्राउंड औऱ दूसरी हवाल इलाक़े में हुई है और हम स्थिति पर पैनी नज़र रख रहे हैं।
कश्मीर में हालात शांतिपूर्ण
इस बीच, अधिकारियों ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि कश्मीर में हालात शांतिपूर्ण हैं लेकिन सामान्य जनजीवन पर अभी भी असर पड़ रहा है क्योंकि दुकानें और स्कूल बंद हैं। जबकि सार्वजनिक परिवहन ठप होने के कारण सड़कें सूनी हैं। बता दें कि घाटी में दुकानों को बंद हुए तीन हफ़्ते से ज़्यादा का समय हो चुका है। पीटीआई को अधिकारियों ने यह भी बताया कि श्रीनगर में और घाटी में अन्य जगहों पर निजी वाहनों की आवाजाही बढ़ी है।बता दें कि पिछले कुछ दिनों से कश्मीर से लगातार चिंताजनक ख़बरें आ रही थीं। इन ख़बरों के मुताबिक़, घाटी में दवाओं की कमी के कारण मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है और इससे वे और उनके परिजन ख़ासे परेशान हैं। इसके अलावा प्रशासन की ओर से प्रतिबंधों में ढील दिये जाने के बाद भी लोग बाज़ार खोलने के लिए तैयार नहीं हैं। इसके अलावा इंटरनेट और टेलीफ़ोन सेवाओं के बंद होने की वजह से लोगों को ख़ासी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ रहा है।
हालाँकि केंद्र सरकार व जम्मू-कश्मीर प्रशासन लगातार इस बात के दावे कर रहा था कि घाटी में हालात सामान्य हैं लेकिन कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया एजेंसियों ने ख़बर दी थी कि प्रतिबंधों में ढील दिये जाने के बाद कश्मीर में श्रीनगर व कुछ अन्य इलाक़ों में प्रदर्शन हुए हैं।
जब जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी और विपक्षी नेताओं को कश्मीर के दौरे पर जाने से रोक दिया था तब यह सवाल उठा था कि अगर घाटी में हालात सामान्य हैं तो आख़िर प्रशासन विपक्षी दलों के नेताओं को वहाँ क्यों नहीं जाने दे रहा है। लेकिन अब जब जम्मू-कश्मीर पुलिस सहित शिक्षा विभाग ने कहा है कि राज्य में हालात सामान्य हैं, इससे यह उम्मीद जगी है कि बहुत जल्द घाटी में एक बार फिर जनजीवन पटरी पर लौटेगा।