राजस्थान के जालौर मामले में पुलिस का कहना है कि वहां कोई मटका या मटकी नहीं मिली है। सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल के छात्रों का कहना है कि वे लोग स्कूल की टंकी से पानी पीते थे। हालांकि जो कमरा स्कूल टीचर छैल सिंह का बताया गया, वहां मटका रखने की जगह मिली लेकिन मटका नहीं था। यह सारी जानकारी अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (अपराध) रवि प्रकाश ने सरकार को भेजी गई रिपोर्ट में दी है। इस रिपोर्ट से यही ध्वनि निकल रही है कि स्कूल में टीचर के पीटने से किसी छात्र की मौत नहीं हुई है। दलित संगठनों ने इस पुलिस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि हमारा शुरू से आरोप है कि पुलिस और सवर्ण समाज इस मामले को मिलकर दबा रहा है।
भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने गहलोत सरकार को 72 घंटे का समय देते हुए पीड़ित परिवार की मदद और इंसाफ दिलाने की मांग की है। अगर मांगें पूरी नहीं हुई तो भीम आर्मी अगली रणनीति का ऐलान करेगी। 20 अगस्त को राजस्थान के सभी जिला मुख्यालयों पर भीम आर्मी ने प्रदर्शन किया। भीम आर्मी ने कहा कि एडीजीपी की रिपोर्ट में कोई नई बात नहीं है। वो एक तरह से मीडिया ने जो बताया, उसी कहानी को दोहराया गया है। इसलिए इस रिपोर्ट पर विश्वास नहीं किया जा सकता।
राजस्थान सरकार ने एडीजीपी क्राइम को मामले की जांच घटनास्थल पर करने और रिपोर्ट देने को कहा था। एडीजीपी ने स्कूल और गांव में जाकर इस मामले की जांच की। बता दें कि जालौर के सुराणा गांव में हाल ही में एक दलित छात्र इंद्र मेघवाल की मौत हो गई थी। घर वालों का आरोप है कि स्कूल में इस दलित छात्र ने टीचर छैल सिंह के मटके से पानी पी लिया था। आरोप है कि उन्होंने छात्र की बहुत पिटाई की। करीब 22 दिनों बाद छात्र इंद्र मेघवाल की मौत हो गई।
मीडिया का एक वर्ग शुरू से कह रहा था कि दलित छात्र की मौत पीटे जाने से नहीं हुई है। कई टीवी चैनल दिल्ली से उस गांव में कवरेज करने पहुंचे और उन्होंने बताया कि उन्हें स्कूल में कोई मटकी नहीं मिली है। स्कूल के छात्रों का कहना है कि वे लोग स्कूल में लगी टंकी से पानी पीते थे। गांव वालों ने भी यही कहा था कि बच्चे स्कूल की टंकी से पानी पीते हैं। अब जब सरकार ने एडीजीपी क्राइम से जांच कराई तो उन्होंने भी अपनी रिपोर्ट में उन्हीं बातों को दर्ज किया, जिन्हें अभी तक मीडिया का एक वर्ग दिखा रहा था।
दलित संगठनों का कहना है कि वे छात्र इंद्र कुमार मेघवाल के परिवार को इंसाफ मिलने तक आंदोलन करते रहेंगे। भले ही वे बहुत सशक्त नहीं हैं और मीडिया का भी समर्थन नहीं है, इसके बावजूद उनका आंदोलन जारी रहेगा। इस बीच सोशल मीडिया पर शनिवार को एक वीडियो दिखाई दिया, जिसमें आरोपी टीचर छैल सिंह को बहुत दीनहीन दिखाया गया है। उनका घर खपरैल का बना हुआ है। घर की स्थिति भी ठीक नहीं है। हालांकि इस वीडियो के जरिए क्या कहने की कोशिश की गई है, यह कोई नहीं जानता। लेकिन इसके बाद सोशल मीडिया पर छैल सिंह के समर्थन में सहानुभूति दिखी और कुछ लोगों ने आर्थिक मदद देने की बात भी कही।