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बीजेपी ने हिमाचल सीएम जयराम ठाकुर को दिल्ली तलब क्यों किया?

बीजेपी ने हिमाचल सीएम जयराम ठाकुर को दिल्ली तलब क्यों किया?

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को दिल्ली क्यों तलब किया गया है और वह भी पाँच दिनों में दूसरी बार? वह बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाक़ात करने दिल्ली क्यों पहुँचे?

गुजरात में बीजेपी के मुख्यमंत्री के बाद अब हिमाचल में बीजेपी के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर चर्चा में हैं। वह आज दिल्ली पहुँचे हैं। रिपोर्ट है कि उन्हें बीजेपी आलाकमान ने तलब किया है। 5 दिन के अंदर यह दूसरी बार है कि उन्हें दिल्ली बुलाया गया। आज बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा से उनकी मुलाक़ात है। हालाँकि, एएनआई से जयराम ठाकुर ने कहा है कि वह एक बैठक में शामिल होने दिल्ली पहुँचे हैं। इसी घटनाक्रम के बाद से राजनीति गर्मा गई है। गुजरात में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के बदले जाने के बाद से इस पर चर्चा काफ़ी ज़्यादा गर्म है। चर्चा इसलिए भी गर्म है क्योंकि हाल में बीजेपी शासित कई राज्यों में मुख्यमंत्रियों को बदला गया है। 

विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी ने अब तक कई राज्यों में मुख्यमंत्री बदल दिए हैं। हाल में तो एक नया ही रुझान देखने को मिल रहा है। पिछले छह महीनों में पार्टी ने चार राज्यों में पाँच चेहरे बदले हैं। गुजरात में विजय रूपाणी के अलावा कर्नाटक में येदियुरप्पा और उत्तराखंड में पहले त्रिवेन्द्र सिंह रावत और फिर तीरथ सिंह को बदल दिया गया। असम में भी सर्बानंद सोनोवाल के बजाय चुनावों के बाद हिमंत बिस्व सरमा को मुख्यमंत्री बनाने का फ़ैसला किया गया। 

एक समय तो उत्तर प्रदेश में भी योगी आदित्यनाथ को लेकर अलग-अलग ख़बरें आ रही थीं। तब मीडिया रिपोर्टों में केंद्रीय नेतृत्व के साथ उनकी खटपट की ख़बरें भी आई थीं। यह सब तब हो रहा था जब कोरोना की दूसरी लहर में कथित बदइंतज़ामी के लिए योगी सरकार की आलोचना की जा रही थी। इस बीच, कहा जाता है कि आरएसएस ने इस मामले में दखल दिया और तब मामला शांत हुआ।

इसी बीच अब हिमाचल के मुख्यमंत्री को दिल्ली में तलब किये जाने पर लोगों ने तरह-तरह के कयास लगाने शुरू कर दिए हैं। जयराम ठाकुर की बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाक़ात इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि हिमाचल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। समझा जाता है कि बीजेपी चुनावी तैयारियों में भी जुटी है। 

बीजेपी की ऐसी ही तैयारियों को गुजरात में विजय रूपाणी को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के लिए ज़िम्मेदार माना जा रहा है। गुजरात में भी अगले साल चुनाव होने हैं, लेकिन उससे क़रीब 15 महीने पहले रूपाणी को कुर्सी छोड़नी पड़ी।

रूपाणी की जगह पर पाटीदार नेता भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बनाया गया है। वह 2017 में पहली बार विधायक चुने गए थे। वह पूर्व में अहमदाबाद नगर निगम और अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण यानी एयूडीए के चेयरमैन रहे थे। भूपेंद्र पटेल को ऐसे समय में चुना गया जब कई बड़े दिग्गज मुख्यमंत्री पद की दौड़ में थे। 

 - Satya Hindi

रूपाणी को जिस तरह विधानसभा चुनाव से पहले इस्तीफा देना पड़ा उसी तरह से पिछले चुनाव से कुछ महीने पहले ही आनंदी बेन पटेल को मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ा था।

गुजरात में अगले साल विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र यह बदलाव बेहद महत्वपूर्ण है। समझा जाता है कि बीजेपी ने यह बदलाव इसलिए किया है कि उसे चुनाव के समय एंटी इनकम्बेन्सी यानी सरकार विरोधी लहर का सामना नहीं करना पड़े। 

हिमाचल प्रदेश के पड़ोस में हाल ही में बीजेपी ने उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बदला है, उसके पीछे भी यही तर्क दिया जा रहा है। उत्तराखंड में बीजेपी ने पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाकर तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया था, लेकिन बहुत कम समय में ही उन्हें हटाकर पुष्कर धामी को कमान सौंप दी। 

इस बीच हिमाचल कांग्रेस ने तंज कसा है कि जयराम ठाकुर अपनी कुर्सी बचा लें। आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पाँच नहीं छह मुख्यमंत्री बदलने हैं, इसलिए जयराम ठाकुर अपनी कुर्सी बचा लें। 

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