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इजराइल-हमास युद्धः वॉर रुकवाने में जुटा यूएस, फिर हथियार क्यों दे रहा

इजराइल-हमास युद्धः वॉर रुकवाने में जुटा यूएस, फिर हथियार क्यों दे रहा

इजराइल-हमास युद्ध ने कई देशों के चेहरों को बेनकाब कर दिया है। कुछ देश दूसरे देशों को मानवाधिकारों पर लंबी चौड़ी नसीहतें देते हैं लेकिन जब खुद की बारी आती है तो युद्ध की स्थिति में हथियारों की सप्लाई करने वाले देशों के समर्थन में खड़े नजर आते हैं। यूएन के मुताबिक ग़ज़ा में युद्ध अपराध हो रहा है। अमेरिका कह रहा है कि वो शांति बहाली की कोशिश में जुटा है, दूसरी तरफ वो उस इजराइल को अत्याधुनिक हथियार दे रहा है जो ग़ज़ा को मिटाने और हजारों लोगों को मार देने में जुटा हुआ है। 

अमेरिका एक तरफ तो ग़ज़ा में शांति बहाली की कोशिशों पर बार-बार बयान दे रहा है। हमास को चेतावनी दे रहा है। ईरान को चेतावनी दे रहा है लेकिन दूसरी तरफ वो इजराइल को अत्याधुनिक हथियार और वॉरशिप दे रहा है। पेंटागन ने यूएसएस आइजनहावर कैरियर स्ट्राइक ग्रुप को इज़राइल के पास जल क्षेत्र में तैनात करने का आदेश दिया है। इजराइल के पास इस समुद्री क्षेत्र में अमेरिका की ओर से तैनात किए जाने वाला यह दूसरा अमेरिकी वॉरशिप ग्रुप है। जो पहले वाले से भी बड़ा है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने समुद्री क्षेत्र में अमेरिकी मौजूदगी को लेकर आलोचना की है।

जमीनी हमले की तैयारी

इज़राइल की सेना ने ग़ज़ा पर बमबारी जारी रखी हुई है। इजराइली मीडिया के मुताबिक  इजराइल अब ज़मीन से हमलों के जरिए ग़ज़ा पर अपने युद्ध का विस्तार कर रहा है। इज़राइल ने उत्तरी गाजा के 1.1 मिलियन निवासियों को संभावित जमीनी हमले से पहले जगह को खाली करने के अपने आदेश के बीच भी लगातार बमबारी जारी रखी है। ग़ज़ा पर इजराइली हवाई हमलों में अब तक कम से कम 2,329 फिलिस्तीनी मारे गए हैं और लगभग 9,000 घायल हुए हैं। पिछले हफ्ते हमास ने दक्षिणी इज़राइल पर जो हमला किया था, उसमें 1,300 लोग मारे गए थे, 3,400 से अधिक घायल हुए हैं। ईरान ने इज़राइल को चेतावनी दी है कि अगर ग़ज़ा में उसने अपने "युद्ध अपराधों" को नहीं रोका तो बड़े ज़लज़ले (भूकंप) के लिए तैयार रहे।

जैसे-जैसे ग़ज़ा में युद्ध भड़क रहा है, अमेरिका पूरे मध्य पूर्व में कूटनीतिक रणनीति अपना रहा है। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इज़राइल के लिए  सऊदी अरब तक से समर्थन मांगा है। उन्होंने रविवार को रियाध में सऊदी क्राउन प्रिंस से मुलाकात की। यह मुलाकात एक घंटे तक चली। उनकी टीम में रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन भी हैं। अमेरिका के कई अरब सहयोगी विवादित हैं। हाल के वर्षों में कई देश इज़राइल के करीब चले गए हैं। लेकिन सड़कों पर ग़ज़ा के साथ एकजुटता दिखाने के लिए रैलियां आयोजित की जा रही हैं। लेकिन असली सवाल यह है कि क्या बाइडेन प्रशासन मध्य पूर्व (मिडिल ईस्ट) में युद्ध को फैलने से रोक सकता है?

रॉयटर्स के मुताबिक अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि रियाध में सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ उनकी बैठक "बहुत सार्थक" रही। जिस होटल में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ठहरा हुआ था, वहां लौटते समय शीर्ष अमेरिकी राजनयिक एक रॉयटर्स रिपोर्टर के सवाल का जवाब दे रहे थे। एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि राज्य के वास्तविक शासक के साथ उनकी बैठक करीब एक घंटे तक चली। ब्लिंकन की बैठक मध्य पूर्व की उनकी यात्रा के हिस्से के रूप में हुई, जहां वह इज़राइल और हमास के बीच युद्ध को बड़े संघर्ष में बदलने से रोकने के लिए क्षेत्रीय सहयोगियों के साथ काम कर रहे हैं, और हमास द्वारा अपहरण किए गए बंधकों की रिहाई को सुरक्षित करने में मदद करने के लिए काम कर रहे हैं।

ब्रिटेन की पूर्व सांसद क्लेयर शॉर्ट, जो ब्रिटेन की स्टेट सेक्रेटरी भी रह चुकी हैं, का कहना है कि  “पश्चिमी शक्तियां अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करने के लिए इज़राइल पर दबाव डालने में नाकाम हो रही हैं। इजराइल अब बमबारी कर रहा है। निर्दोषों और बच्चों को मार रहा है। फिर भी, पश्चिमी देशों का इजराइल को समर्थन प्राप्त है। ऐसे देश यह कहने की बजाय कि इजराइल को युद्ध रोक देना चाहिए, यह कह रहे हैं कि हम ग़ज़ा के लिए कुछ मानवीय राहत प्राप्त करने की कोशिश करेंगे। 

ब्रिटेन की पूर्व सांसद ने अल जजीरा से कहा कि इज़राइल हर समय अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करता है। किसी भी देश के इलाके पर कब्ज़ा अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। लेकिन ग़ज़ा और वेस्ट बैंक में इजराइली कब्जे के खिलाफ पश्चिमी शक्तियाँ कुछ नहीं करतीं। हमास से अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करने को कहा जा रहा है लेकिन इज़राइल जो चाहे कर सकता है? और यही कारण है कि इज़राइल इतना भयानक व्यवहार करता रहता है। इतनी क्रूरता से। उन्होंने कहा कि "पश्चिम का पूर्वाग्रह असहनीय है।"

बता दें कि इससे पहले ईरान भी यह मुद्दा उठा चुका है। उसके विदेश मंत्री हुसैन अमीर ने शनिवार को कहा था कि अमेरिका इजराइल-हमास में दोहरी नीति चल रहा है। एक तरफ वो इजराइल को हथियार दे रहा है और दूसरी तरफ हमास से शांति की अपील कर रहा है।

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