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बाइडेन के बाद सुनाक इजराइल में, क्या है मकसद, क्या है अपडेट 

बाइडेन के बाद सुनाक इजराइल में, क्या है मकसद, क्या है अपडेट 

जर्मनी के चांसलर, अमेरिकी राष्ट्रपति के बाद अब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनाक गुरुवार को इजराइल पर पहुंच गए हैं। दुनिया के विकसित देशों के प्रमुखों का दौरा इजराइल का हौसला बढ़ा रहा है और उसी के साथ ग़ज़ा पर होने वाली बमबारी भी बढ़ जाती है। लेकिन इन देशों के प्रमुख सिर्फ इजराइल का हौसला बढ़ाने आ रहे हैं या फिर कुछ और भी मकसद है। जानिए पूरी कहानीः

तेल अवीव में जब गुरुवार को ब्रिटिश पीएम का विमान उतर रहा था, तो उस समय ग़ज़ा के लोग मंगलवार को अस्पताल में मारे गए लोगों का शोक मना रहे थे, तभी ग़ज़ा के आसमान से इजराइली वायुसेना ने बमबारी कर दी। चारों तरफ कोहराम मच गया। अल जज़ीरा की रिपोर्ट के मुताबिक कई दर्जन लोग गुरुवार की बमबारी में मारे गए। फ़िलिस्तीनी रेड क्रिसेंट सोसाइटी के अनुसार, इज़रायली सेना ने कब्जे वाले वेस्ट बैंक में कम से कम पाँच फ़िलिस्तीनियों को मार डाला। ऐसा बुधवार को भी हुआ था। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन जब इजराइल पहुंचे तो ग़ज़ा पर बमबारी शुरू हो गई। ऐसा सोमवार को भी हुआ था, जब जर्मनी के चांसलर शुल्ज इजराइल पहुंचे थे। इजराइल हमास युद्ध 13वें दिन में प्रवेश कर गया है।

दुनिया के तमाम देशों को उम्मीद थी कि कम से कम बाइडेन के दौरे से इजराइल-हमास युद्ध शिथिल पड़ेगा और युद्ध रुक जाएगा। लेकिन जर्मनी, अमेरिका और ब्रिटेन के जितने भी प्रमुख वहां पहुंचे, उन्होंने इजराइल से युद्ध रोकने की सीधी अपील नहीं की। बाइडेन ने युद्ध के नुकसान की फिलासफी पर बात की। लेकिन सीधी अपील नहीं की। हालांकि पश्चिमी मीडिया यह बता रहा है कि बाइडेन ने इजराइल से कहा है कि वो हिजबुल्लाह से कतई न उलझे, क्योंकि वो हमास से ज्यादा ताकतवर है।


बाइडेन के जाने के कुछ घंटों बाद सुनाक इजराइलियों के लिए समर्थन और संवेदना के समान संदेश लेकर तेल अवीव पहुंचे। सुनाक ने विमान से उतरने के बाद इजराइली संवाददाताओं से कहा, "सबसे बढ़कर, मैं यहां इजराइली लोगों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करने के लिए आया हूं। आपको आतंकवाद के एक अकथनीय, भयानक कृत्य का सामना करना पड़ा है और मैं चाहता हूं कि आप जानें कि यूनाइटेड किंगडम और मैं आपके साथ खड़े हैं।" .

यहां से कहां जाएंगे सुनाकः ब्रिटिश पीएम सुनाक के प्रवक्ता ने कहा कि इजराइल के बाद सुनाक सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस से मिलने रियाध चले जाएंगे। यह घटनाक्रम महत्वपूर्ण है। क्योंकि सऊदी अरब ने इजराइल के ग़ज़ा हमले का भारी विरोध किया है। सऊदी अरब ने ही 56 मुस्लिम देशों की बैठक बुलाई थी।

क्या है मकसद

जर्मनी के चांसलर, अमेरिकी राष्ट्रपति और ब्रिटिश पीएम एक मकसद लिए इजराइल और अन्य देशों की यात्रा कर रहे थे, ताकि युद्ध रुक जाए लेकिन इजराइल से सीधे नहीं कह रहे हैं। इसका सीधा मकसद इन तीनों देशों की अर्थव्यवस्था से जुड़ा है। इस समय अमेरिका और ब्रिटेन की आर्थिक स्थिति कोई बहुत अच्छी नहीं है। अगर युद्ध आगे बढ़ता है और इसमें रूस, चीन और ईरान का प्रवेश होता है तो इससे तमाम देशों की अर्थव्यवस्था सीधे प्रभावित होगी। इसलिए ये तीनों ही देश नहीं चाहते कि इजराइल जमीनी लड़ाई छेड़े और युद्ध को आगे बढ़ाए। लेकिन इजराइल से युद्ध रोकने की बात अगर बड़े देश कहेंगे तो बाकी देशों को इजराइल पर रौब गांठने का मौका मिल जाएगा। इस मौके को विकसित देश नहीं देना चाहते। दिल्ली में जब पिछले दिनों जी20 हुआ था तो यूरोप जाने वाले कॉरिडोर को लेकर ब्रिटिश पीएम भी काफी उत्साहित थे। लेकिन सऊदी अरब ने अब वो डील ठंडे बस्ते में डाल दी है। समझा जाता है कि सुनाक सऊदी अरब को फिर से समझौते के लिए तैयार करने रियाध जा रहे हैं।

अमेरिकी अधिकारी ने इस्तीफा दिया

ग़ज़ा में इजराइली जुल्म के खिलाफ दुनिया में गुस्सा बढ़ रहा है। कई देशों में गुरुवार को भी प्रदर्शन हुए। लेकिन अमेरिका से अलग ही खबर आई। यह खबर बाइडेन के इजराइली स्टैंड को भी चुनौती है। अमेरिकी विदेश विभाग के एक अधिकारी ने इजराइल को सैन्य सहायता बढ़ाने के वाशिंगटन के फैसले पर इस्तीफा दे दिया है, उन्होंने कहा है कि अमेरिका समर्थित ग़ज़ा युद्ध से इजराइल और फिलिस्तीनियों दोनों के लिए और अधिक पीड़ा बढ़ेगी।

विदेश विभाग के राजनीतिक-सैन्य मामलों के ब्यूरो के निदेशक जोश पॉल ने बुधवार को ऑनलाइन प्रकाशित एक नोट में लिखा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन का प्रशासन वही गलतियाँ दोहरा रहा है जो वाशिंगटन दशकों से कर रहा है। उन्होंने लिखा, इजराइल जो प्रतिक्रिया दे रहा है, और इसके साथ ही उस प्रतिक्रिया और कब्जे की यथास्थिति दोनों के लिए अमेरिकी समर्थन, केवल इजराइली और फिलिस्तीनी लोगों के लिए अधिक और गहरी पीड़ा का कारण बनेगा।

जोश पॉल ने लिखा- “मुझे डर है कि हम वही गलतियाँ दोहरा रहे हैं जो हमने पिछले दशकों में की हैं, और मैं लंबे समय तक इसका हिस्सा बनने से इनकार करता हूँ।” उन्होंने कहा, बाइडेन प्रशासन का “एक पक्ष के लिए अंधा समर्थन” नीतिगत निर्णयों की ओर ले जा रहा है।  यह अदूरदर्शी, विनाशकारी, अन्यायपूर्ण और उन मूल्यों के विपरीत है जिनका हम सार्वजनिक रूप से समर्थन करते हैं।"

उन्होंने लिखा है- "मुझे पता था कि यह नैतिक जटिलता और नैतिक समझौतों के बिना नहीं है, और मैंने खुद से वादा किया कि मैं तब तक रुकूंगा जब तक मुझे लगेगा कि मैं जो नुकसान कर सकता हूं वह मेरे द्वारा किए जा सकने वाले अच्छे से अधिक हो सकता है।" पॉल ने लिखा  11 वर्षों से अधिक समय से अमेरिकी सहयोगियों को हथियार दिए जा रहे हैं।

गजा में क्या हो रहा है

हमास ने सबसे पहले 7 अक्टूबर को इजराइल पर हमला किया था। उसने पांच हजार रॉकेट इजराइल पर दागे। इजराइल के मुताबिक इस हमले में 1400 नागरिक मारे गए। इसके बाद इजराइली सेना ने हमास के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया। युद्ध के 13वें दिन गुरुवार तक करीब 3500 लोग ग़ज़ा में मारे जा चुके हैं। मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इजराइली सेना ने गजा को चारों तरफ से घेर रखा है। अभी तक वहां कोई मानवीय सहायता नहीं पहुंची है। बाइडेन ने इजराइल और मिस्र को कहकर राफा बॉर्डर खुलवा दिया है, जिसके रास्ते शुक्रवार को 20 ट्रक राहत सामग्री गजा पहुंच सकती है।

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