क्या भारतीय मुसलमानों के ख़िलाफ़ ग़लत जानकारी फैला रहे हैं तारिक फ़तह?
पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तारिक फ़तह इन दिनों भारत में हैं और सोशल मीडिया ही नहीं, मुख्यधारा की मीडिया में भी ख़ासे सक्रिय हैं। वे पाकिस्तान की आलोचना करने और भारतीय मुसलमानों पर निशाना साधने के लिए भी मशहूर हैं। सोशल मीडिया पर बेहद सक्रिय तारिक फ़तह अपने ट्वीट के लिए तो जाने ही जाते हैं, वह ग़लत जानकारियाँ ट्वीट करने के लिए भी ख़बरों में हैं। यह महत्वपूर्ण इसलिए भी है कि ट्विटर पर उनके 6 लाख फ़ॉलोवर हैं और कई बार वे ग़लत जानकारियाँ ट्वीट कर देते हैं।
वेबसाइट ऑल्टन्यूज़ ने उनके कुछ विवादस्पद और ग़लत जानकारियाँ देने वाले ट्वीट की पड़ताल की है।
तारिक फ़तह ने पिछले साल एक फोटो ट्वीट किया था, जिसमें एक मुसलमान ब्लैकबोर्ड पर यह साबित करने की कोशिश कर रहा दिखता है कि इसलाम हिन्दू धर्म से श्रेष्ठ है।
लेकिन ऑल्ट न्यूज़ में अपनी पड़ताल में पाया कि वह तसवीर मॉर्फ़ की हुई है। दरअसल मूल तसवीर में एक आदमी ब्लैकबोर्ड पर संस्कृत पढ़ा रहा है।
इसी तरह एक दूसरे ट्वीट में तारिक फ़तह यह दावा करते हैं कि एक मुसलमान लड़की को इसलिए पीटा गया कि वह बग़ैर हिजाब के साइकिल चल रही है।
Man upset at seeing girls cycling without Hijab, slaps one on her head. Coming soon to a neighbourhood near you. https://t.co/dc8QUcpaaV
— Tarek Fatah (@TarekFatah) June 25, 2017
ऑल्ट न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि अव्वल तो यह वीडियो भारत का नहीं, तुर्की का है। उसमें 9 साल की एक लड़की को थप्पड़ मारा गया है, पर उसकी वजह साफ़ नहीं है। इसलिए यह कहना ग़लत है कि बग़ैर हिजाब के साइकिल चलाने की वजह से उसे थप्पड़ मारा गया।
इसी तरह तारिक फ़तह ने एक फोटो ट्वीट कर दावा किया कि तमिलनाडु में रमज़ान के दौरान पाकिस्तान का झंडा फहराया गया। पर ऑल्ट न्यूज़ ने पड़ताल में पाया कि वह पाकिस्तानी झंडा नहीं है, वह इसलाम का झंडा है।
Guess which community is waving Pakistan flags in India's Tamilnadu state? Buddhists? Zoroastrians? Must be Jews. pic.twitter.com/ypeXYknY0o
— Tarek Fatah (@TarekFatah) June 9, 2019
इसी तरह तारिक फ़तह ने यह भी ट्वीट किया कि राजस्थान में कांग्रेस की जीत के बाद मुसलमान समर्थकों ने पाकिस्तान का झंडा फहराया और अल्लाहो अकबर के नारे लगाए। पर ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि वह दरअसल पाकिस्तान नहीं, इंडियन यूनियन मुसलिम लीग का झंडा है, जिसे लेकर उसके समर्थक कहीं जा रहे थे।
तारिक फ़तह ने एक वीडियो ट्वीट कर कहा कि मुसलमानों की जाली टोपी पहने एक आदमी सीएए विरोधी आन्दोलन के दौरान पत्थर फेंक रहा है।
लेकिन पड़ताल करने पर पाया गया कि वह वीडियो 2017 का है और सीएए के बहुत पहले का है। वह तसवीर मॉर्फ़ की हुई है।
इसी तरह तारिक फ़तह के एक ट्वीट में एक वीडियो लगाया गया है, जिसमें एक मुसलमान पत्थर फेंक रहा है और यह कहा गया है कि यह सीएए आन्दोलन के दौरान हुआ था।
Meanwhile #, in India a 'peaceful' in action. pic.twitter.com/cVNeOwTErX
— Tarek Fatah (@TarekFatah) December 24, 2019
तारिक फ़तह भारत में टेलीविज़न चैनलों पर लगभग रोज़ दिख जाते हैं। उनके निशाने पर मूल रूप से पाकिस्तान रहता है, जबकि वे ख़ुद पाकिस्तानी मूल के ही हैं। वे चूंकि पाकिस्तान पर हमेशा हमला ही बोलते रहते हैं, लिहाज़ा भारतीय दर्शकों के बीच लोकप्रिय हैं और टेलीविज़न चैनल वाले उन्हें हाथों हाथ लेते हैं। लेकिन लोग इस बात को नज़रअंदाज कर देते हैं कि तारिक मुसलमानों, ख़ास कर भारतीय मुसलमानों के बारे में कई बार ग़लत जानकारियाँ देते हैं।