+
क्या भारतीय मुसलमानों के ख़िलाफ़ ग़लत जानकारी फैला रहे हैं तारिक फ़तह?

क्या भारतीय मुसलमानों के ख़िलाफ़ ग़लत जानकारी फैला रहे हैं तारिक फ़तह?

क्या पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तारिक फ़तह भारतीय मुसलमानों के बारे में जान बूझ कर ग़लत जानकारी फैला रहे हैं?

पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तारिक फ़तह इन दिनों भारत में हैं और सोशल मीडिया ही नहीं, मुख्यधारा की मीडिया में भी ख़ासे सक्रिय हैं। वे पाकिस्तान की आलोचना करने और भारतीय मुसलमानों पर निशाना साधने के लिए भी मशहूर हैं। सोशल मीडिया पर बेहद सक्रिय तारिक फ़तह अपने ट्वीट के लिए तो जाने ही जाते हैं, वह ग़लत जानकारियाँ ट्वीट करने के लिए भी ख़बरों में हैं। यह महत्वपूर्ण इसलिए भी है कि ट्विटर पर उनके 6 लाख फ़ॉलोवर हैं और कई बार वे ग़लत जानकारियाँ ट्वीट कर देते हैं। 

वेबसाइट ऑल्टन्यूज़ ने उनके कुछ विवादस्पद और ग़लत जानकारियाँ देने वाले ट्वीट की पड़ताल की है।

तारिक फ़तह ने पिछले साल एक फोटो ट्वीट किया था, जिसमें एक मुसलमान ब्लैकबोर्ड पर यह साबित करने की कोशिश कर रहा दिखता  है कि इसलाम हिन्दू धर्म से श्रेष्ठ है।

 - Satya Hindi

लेकिन ऑल्ट न्यूज़ में अपनी पड़ताल में पाया कि वह तसवीर मॉर्फ़ की हुई है। दरअसल मूल तसवीर में एक आदमी ब्लैकबोर्ड पर संस्कृत पढ़ा रहा है। 

 - Satya Hindi

इसी तरह एक दूसरे ट्वीट में तारिक फ़तह यह दावा करते हैं कि एक मुसलमान लड़की को इसलिए पीटा गया कि वह बग़ैर हिजाब के साइकिल चल रही है। 

ऑल्ट न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि अव्वल तो यह वीडियो भारत का नहीं, तुर्की का है। उसमें 9 साल की एक लड़की को थप्पड़ मारा गया है, पर उसकी वजह साफ़ नहीं है। इसलिए यह कहना ग़लत है कि बग़ैर हिजाब के साइकिल चलाने की वजह से उसे थप्पड़ मारा गया।

इसी तरह तारिक फ़तह ने एक फोटो ट्वीट कर दावा किया कि तमिलनाडु में रमज़ान के दौरान पाकिस्तान का झंडा फहराया गया। पर ऑल्ट न्यूज़ ने पड़ताल में पाया कि वह पाकिस्तानी झंडा नहीं है, वह इसलाम का झंडा है। 

इसी तरह तारिक फ़तह ने यह भी ट्वीट किया कि राजस्थान में कांग्रेस की जीत के बाद मुसलमान समर्थकों ने पाकिस्तान का झंडा फहराया और अल्लाहो अकबर के नारे लगाए। पर ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि वह दरअसल पाकिस्तान नहीं, इंडियन यूनियन मुसलिम लीग का झंडा है, जिसे लेकर उसके समर्थक कहीं जा रहे थे। 

 - Satya Hindi

तारिक फ़तह ने एक वीडियो ट्वीट कर कहा कि मुसलमानों की जाली टोपी पहने एक आदमी सीएए विरोधी आन्दोलन के दौरान पत्थर फेंक रहा है। 

 - Satya Hindi

 लेकिन पड़ताल करने पर पाया गया कि वह वीडियो 2017 का है और सीएए के बहुत पहले का है। वह तसवीर मॉर्फ़ की हुई है। 

 - Satya Hindi

इसी तरह तारिक फ़तह के एक ट्वीट में एक वीडियो लगाया गया है, जिसमें एक मुसलमान पत्थर फेंक रहा है और यह कहा गया है कि यह सीएए आन्दोलन के दौरान हुआ था। 

तारिक फ़तह भारत में टेलीविज़न चैनलों पर लगभग रोज़ दिख जाते हैं। उनके निशाने पर मूल रूप से पाकिस्तान रहता है, जबकि वे ख़ुद पाकिस्तानी मूल के ही हैं। वे चूंकि पाकिस्तान पर हमेशा हमला ही बोलते रहते हैं, लिहाज़ा भारतीय दर्शकों के बीच लोकप्रिय हैं और टेलीविज़न चैनल वाले उन्हें हाथों हाथ लेते हैं। लेकिन लोग इस बात को नज़रअंदाज कर देते हैं कि तारिक मुसलमानों, ख़ास कर भारतीय मुसलमानों के बारे में कई बार ग़लत जानकारियाँ देते हैं।

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें