आईएनएक्स मामला: सीबीआई को नोटिस, पर जेल में ही रहेंगे चिदंबरम
आईएनएक्स मीडिया मामले में गिरफ़्तार पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की ज़मानत याचिका पर दिल्ली के हाई कोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी किया है। सीबीआई को ज़मानत याचिका पर अगले सात दिनों में स्टेटस रिपोर्ट अदालत को देनी होगी। अगली सुनवाई अब 23 सितंबर को होगी। यानी चिदंबरम फ़िलहाल जेल में ही रहेंगे। उन्होंने ज़मानत के लिए याचिका दायर की थी। साथ ही ट्रायल कोर्ट द्वारा न्यायिक हिरासत दिए जाने के आदेश को चुनौती दी थी। हालाँकि बाद में चिदंबरम के वकीलों ने न्यायिक हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका वापस ले ली।
Congress leader P Chidambaram's lawyers have also withdrawn their second plea challenging judicial custody of him. Delhi High Court asks Central Bureau of Investigation (CBI) to file status report in the his bail plea case in 7 days. https://t.co/l5UfskYuJn
— ANI (@ANI) September 12, 2019
बता दें कि आईएनएक्स मीडिया मामले में दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत याचिका को रद्द किये जाने के बाद ही चिदंबरम को दिल्ली के जोरबाग स्थित उनके आवास से सीबीआई ने गिरफ़्तार किया था। दिल्ली हाई कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की ओर रुख किया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट से भी उन्हें राहत नहीं मिली और ज़मानत याचिक पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह संबंधित ट्रायल कोर्ट में जाएँ या उसके सक्षम दूसरी अदालत में। इस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत में मामला चल रहा है और कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इसके बाद ही चिदंबरम ने ज़मानत के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी।
चिदंबरम पर क्या है आरोप?
आरोप है कि 2007 में कार्ति चिदंबरम ने अपने पिता पी. चिदंबरम के ज़रिए आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश प्रमोशन बोर्ड से विदेशी निवेश की मंज़ूरी दिलाई थी जबकि विदेशी निवेश के लिए कैबिनेट की आर्थिक मामलों की सलाहकार समिति की इजाज़त लेना ज़रूरी है। आरोप है कि इस मामले में सभी नियमों को ताक पर रखा गया था। हालाँकि चिदंबरम सीबीआई के इन आरोपों को ख़ारिज़ करते रहे हैं और कहते रहे हैं कि विदेशी निवेश के प्रस्तावों को मंज़ूरी देने में कोई भी गड़बड़ी नहीं की गयी है। उस दौरान चिदंबरम केंद्र में वित्त मंत्री थे।
इस मामले में सीबीआई ने 15 मई, 2017 को एफ़आईआर दर्ज की थी। आरोप है कि कार्ति ने ही आईएनएक्स मीडिया की प्रमोटर इंद्राणी मुखर्जी और पीटर मुखर्जी को पी. चिदंबरम से मिलवाया था। यह भी आरोप हैं कि आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश की मंज़ूरी दिलाने में कार्ति चिदंबरम ने घूस के तौर पर मोटी रकम ली थी। इस मामले में कार्ति चिदंबरम को गिरफ़्तार भी किया गया था। हालाँकि बाद में उन्हें ज़मानत मिल गई थी। फिर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर जाँच शुरू कर दी थी।