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इंदौर: इंजीनियर की कंपनी ने गूगल में खोज निकाली गलतियां, मिले करोड़ों रुपये

इंदौर: इंजीनियर की कंपनी ने गूगल में खोज निकाली गलतियां, मिले करोड़ों रुपये

बग्समिरर नाम की कंपनी चलाने वाले अमन पांडे मूलतः झारखंड के रहने वाले हैं। उन्होंने भोपाल के मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान से बी टेक किया है। 

भोपाल से पासआउट होने के बाद 2021 में इंदौर में अपना कारोबार शुरू करने वाले एक युवा इंजीनियर की स्टार्टअप कंपनी ने गूगल में 280 गलतियां ढूंढकर 65 करोड़ का इनाम हासिल किया है।

अमन पांडे नामक युवा इंजीनियर इंदौर में बग्समिरर नाम की कंपनी चलाते हैं। उनकी प्रबंधन टीम में चार लोग हैं। जबकि बाकी इंटर्न हैं।

भोपाल के मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान से बी टेक की डिग्री प्राप्त करने वाले अमन पांडे ने पिछले साल ही इंदौर में अपनी कंपनी को रजिस्टर्ड कराया है।

गूगल ने अपनी रिपोर्ट में अमन और उनकी कंपनी की टीम का जिक्र किया है। गूगल ने कहा है, ‘बग्समिरर टीम के पांडे पिछले साल हमारे शीर्ष शोधकर्ता रहे।’

दरअसल, अमन पांडे ने गूगल की 280 गलतियां खोजकर बग रिपोर्ट भेजी थी।

बता दें, पिछले साल इस प्रोग्राम के तहत 220 सिक्योरिटी रिपोर्ट के लिए 2 लाख 96 हजार डॉलर का भुगतान किया गया था। क्रोम वीआरपी के तहत 115 शोधकर्ताओं को 333 क्रोम सिक्योरिटी बग के बारे में रिपोर्ट करने के लिए कुल 33 लाख डॉलर दिए गए थे।

इन 33 लाख डॉलर में से 31 लाख डॉलर क्रोम ब्रॉउजर सिक्योरिटी बग और 2 लाख 50 हजार डॉलर के लगभग की राशि क्रोम ओएस बग की रिपोर्ट करने के लिए दी गई। गूगल प्ले ने 60 से अधिक शोधकर्ताओं को 5 लाख 55 डॉलर से अधिक का रिवार्ड दिया।

एंड्राइड वीआरपी ने वर्ष 2021 में वर्ष 2020 की तुलना में दोगुना भुगतान किया है। उसने एंड्राएड में एक एक्सप्लाइट चेन का पता लगाने के लिए अब तक की सबसे बड़ी राशि 1 लाख 57 हजार डॉलर का भुगतान किया है।

अमन पांडे मूलतः झारखंड के रहने वाले हैं। शुरुआती पढ़ाई पतरातू में हुई। उसके बाद बोकारो स्थित चिन्मया विद्यालय से 12वीं पास की। उनका सलेक्शन भोपाल एनआईटी में हुआ और यहां से बीटेक किया।

अमन और उनकी टीम इस बड़ी उपलब्धि से खासी उत्साहित है।

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