विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान ने 'मिग' लड़ाकू जहाज़ क्रैश करने के बाद बेहद बुद्धिमानी और चतुराई से न सिर्फ़ ख़ुद को उग्र और हिंसक भीड़ से बचाया, बल्कि अपने साथ ले जा रहे तमाम सबूत भी नष्ट कर दिए। उन्होंने एक पेशेवर सैनिक की तरह व्यवहार किया और उत्तेजना और परेशानी के क्षणों में भी संतुलन बनाए रखा।
पाकिस्तान की अंग्रेजी वेबसाइट 'द डॉन' के मुताबिक़, भारतीय लड़ाकू जहाज़ नियंत्रण रेखा से क़रीब 7 किलोमीटर दूर पाक अधिकृत कश्मीर के किलां नामक गाँव में गिरा। एक मिग पाकिस्तानी मिसाइल की चपेट में आने के बाद किसी तरह भारतीय वायु सीमा में दाखिल हो गया, पर दूसरा विमान क्रेश कर वहीं गिरने लगा। उसमें आग लग गई और वह आग की लपटों से घिर कर नीचे गिर पड़ा। लेकिन तब तक इसके पायलट ने ख़ुद को 'इजेक्ट' कर लिया था, यानी वह कॉकपिट से बाहर निकल गए थे। वह पैराशूट के सहारे नीचे आ गए।
गाँव के एक किसान ने जहाज़ गिरते हुए देखा, उन्होंने मोबाइल फ़ोन पर स्थानीय लड़कों को बुलाया और उन्हें हिदायत दी की वे खु़ुद विमान के पास न जाएँ, पर पायलट को पकड़ लें। पायलट अभिनंदन बिल्कुल पूरी तरह ठीक थे, क्योंकि वह पैराशूट से उतरे थे। उन्होंने उतरते ही पूछा कि यह इलाक़ा पाकिस्तान है हिन्दुस्तान। इस पर उन लड़कों ने मक्कारी दिखाते हुए कहा कि यह हिन्दुस्तान है। पायलट ने इसे अपना देश समझ कर देशभक्ति से जुड़े कई नारे लगा दिए।
उन्होंने जब गाँव का नाम पूछा तो किसी ने कहा कि यह किलां है और यह भारत नहीं पाकिस्तान है। इस स्थिति में भारतीय पायलट ने ख़ुद को फँसा हुआ पाया। लेकिन उन्होंने बुद्धिमानी का परिचय देते हुए कहा कि उनकी कमर टूट चुकी है और वह पानी पीना चाहते हैं। पर वे पाकिस्तानी लड़के उन्हें मारने पर उतारू थे, पत्थर उठा चुके थे। वे 'पाकिस्तान जिन्दाबाद' के नारे लगा रहे थे और भारतीय पायलट को बुरी तरह पीट रहे थे।
विंग कमांडर अभिनंदन ने मजबूरी में आत्मरक्षा में अपनी बंदूक निकाली और लड़कों को भगाने के लिए हवा में फ़ायर किए। वह किसी तरह वहाँ से तेजी से दौड़ते हुए पास के तालाब में घुस गए।
अभिनंदन ने अपने पास मौजूद नक्शे और ऑपरेशन से जुड़े दूसरे काग़ज़ात को पानी में डुबो दिया, नष्ट कर दिया और कुछ को निगलने की कोशिश की। उन्होंने ऐसा इसलिए किया कि ऑपरेशन से जुड़ी जानकारी पाकिस्तानी सेना के हाथ न लगे।
एक पाकिस्तानी युवक ने उन्हें पैर में गोली मार दी। अभिनंदन ने इसके बावजूद शाँति रखी, संतुलन बनाए रखा और सबूत नष्ट कर ख़ुद को सुरक्षित रखा। थोड़ी देर बाद पाकिस्तानी सेना के लोग पहुँच गए। उन्होंने स्थानीय लड़कों से उन्हें छुड़ाया और पास की चौकी में ले गए। उन्हें एक कॉनवाय में भिम्बर शहर ले जाया गया और पाकिस्तानी सेना के बड़े अफ़सर के हवाले कर दिया गया।