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ओलंपिक: भारत ने हॉकी में स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक जीता

ओलंपिक: भारत ने हॉकी में स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक जीता

ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने कमाल कर दिया। एक समय 0-1 से पिछड़ने के बाद कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने आगे बढ़कर भारत को 2-1 की बढ़त दिलाई। जानिए, कैसे जीता कांस्य पदक।

पेरिस ओलंपिक में गुरुवार का दिन भारत के लिए शानदार रहा। भारतीय हॉकी टीम ने शुक्रवार को स्पेन को 2-1 से हराकर पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीता है। यह पदक भारतीय हॉकी टीम का इतिहास में 13वां और टोक्यो 2020 के बाद खेलों में दूसरा कांस्य पदक है।

खेल की शुरुआत में भारत पिछड़ता हुआ दिखा था। एक समय 0-1 से पिछड़ने के बाद कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने आगे बढ़कर मोर्चा संभाला। उन्होंने भारत को 2-1 की बढ़त दिलाई। यही बढ़त आख़िर तक बनी रही। हरमनप्रीत सिंह ने दो पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदला जिससे भारत ने पेरिस ओलंपिक 2024 के पुरुष हॉकी कांस्य पदक मैच में स्पेन को 2-1 से हरा दिया। 

इस तरह भारत ने ओलंपिक में लगातार दो पदक हासिल किए। इससे पहले उसने तीन साल पहले टोक्यो में भी कांस्य पदक जीता था। तब यह 52 साल में पहली बार हुआ था। उससे पहले भारत ने ओलंपिक में लगातार दो हॉकी पदक 1968 और 1972 में जीते थे। 

पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक वाले मैच में हरमनप्रीत सिंह ने तीसरे क्वार्टर में भारत को बढ़त दिलाने के लिए अपना दूसरा गोल स्पेनिश गोल में लो ड्रैगफ्लिक से किया। उन्होंने हाफ-टाइम के ठीक पहले एक जोरदार ड्रैग फ्लिक लगाकर मैच में स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया था। बाद में उन्होंने एक और गोल किया और इस तरह भारत 2-1 से विजयी रहा। 

भारत के लिए अपना आखिरी मैच खेल रहे अनुभवी गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने स्पेन के कप्तान मार्क मिरालेस को पेनल्टी कॉर्नर से वंचित करने के लिए कुछ असाधारण बचाव किए। फुल-टाइम सीटी बजने के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने श्रीजेश को घेर लिया और 36 वर्षीय खिलाड़ी को शानदार विदाई दी। इसी के साथ दो दोस्तों का एक साथ सफर खत्म हो गया है। श्रीजेश ने विदाई ली। लगता है कि मनप्रीत थोड़े और समय तक खेलेंगे। लेकिन साथ मिलकर, अपने चौथे ओलंपिक में उन्होंने दो कांस्य पदक जीते हैं।

बता दें कि भारत ने हाल के दिनों में स्पेन के खिलाफ़ अच्छा रिकॉर्ड भी बनाया है। एफआईएच रैंकिंग में भारत 2771.06 रैंकिंग अंकों के साथ पांचवें स्थान पर है, जबकि स्पेन 2547.16 रैंकिंग अंकों के साथ आठवें स्थान पर है। 

पूर्व भारतीय कप्तान मनप्रीत सिंह ने कहा कि टीम इस पदक को पीआर श्रीजेश को समर्पित करना चाहती है। उन्होंने कहा कि उन्होंने श्रीजेश के साथ 13 साल तक खेला है और इस दौरान उन्होंने बहुत कुछ देखा है।

भारतीय कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने फाइनल में दो गोल सहित 11 गोल करके अभियान पूरा किया। उन्होंने कहा कि टीम देश के लिए स्वर्ण जीतना चाहती थी। उन्होंने कहा कि वे भले ही जीत के करीब पहुंच गए थे, लेकिन स्वर्ण जीतना उनके भाग्य में नहीं था। उन्होंने इस बार स्वर्ण नहीं जीत पाने के लिए देश से माफ़ी भी मांगी, लेकिन उन्होंने कहा कि भारतीय हॉकी आगे बढ़ रही है।

टीम हॉकी की जीत पर प्रधानमंत्री मोदी ने बधाई दी है। उन्होंने कहा है, 'एक ऐसी उपलब्धि जिसे आने वाली पीढ़ियाँ याद रखेंगी! भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक जीता! यह और भी खास है क्योंकि यह ओलंपिक में उनका लगातार दूसरा पदक है। उनकी सफलता कौशल, दृढ़ता और टीम भावना की जीत है। उन्होंने बहुत हिम्मत और रेजिलिएंस दिखाया। खिलाड़ियों को बधाई। हर भारतीय का हॉकी से भावनात्मक जुड़ाव है और यह उपलब्धि हमारे देश के युवाओं के बीच इस खेल को और भी लोकप्रिय बनाएगी।'

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा है, 'भारतीय हॉकी टीम का शानदार मैच- आप सभी को कांस्य पदक जीतते देखकर गर्व हुआ। धन्यवाद, श्रीजेश। उत्कृष्टता के प्रति आपकी निरंतर प्रतिबद्धता ने हमें प्रेरित किया है।'

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक में स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया। पेरिस में भारत ने चौथा ओलंपिक पदक जीता। पूरी हॉकी टीम को बधाई। हमारे लिए यह और भी गर्व की बात है कि कप्तान हरमनप्रीत सिंह और उपकप्तान हार्दिक सिंह सहित 10 पंजाबी खिलाड़ी थे। टीम का हर खिलाड़ी शानदार खेला। चक दे इंडिया!'

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