रिज़र्व बैंक ने फिर की ब्याज दरों में कटौती

01:56 pm Aug 07, 2019 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

रिज़र्व बैंक ने साल में चौथी बार ब्याज दरों में कटौती की है। रीपो रेट में 35 अंकों की कटौती कर इसे 5.75 प्रतिशत से 5.40 प्रतिशत कर दिया गया है। रीपो रेट वह ब्याज दर होता है, जिस पर रिज़र्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को पैसे देती है। यानी अब बैंकों को कम ब्याज पर पैसे मिलेंगे। इसका नतीजा यह होगा कि बैंक अब कम ब्याज दरों पर कर्ज़ दे सकेंगे। इससे उद्योग व वाणिज्य जगत को सस्ते में कर्ज़ मिल सकेगा। 

रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि पहले तीन बार ब्याज दरों में कटौती करने से वित्तीय बाज़ार पर अच्छा असर पड़ा है। इसलिए अब और कटौती की जा रही है। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से उम्मीद जताई कि वह विकास को आगे बढ़ाएगी। उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि ब्याज दरों में कटौती करने से अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। 

जीडीपी वृद्धि में कटौती

केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में कटौती करने के साथ ही सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी वृद्धि दर में भी कटौती कर दी है। अब उसका मानना है कि जीडीपी 7 प्रतिशत नहीं, 6.9 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। ब्याज दरों में कटौती का एलान ऐसे समय हुआ है जब अर्थव्यवस्था बदहाल है। जीडीपी ही नहीं, दूसरे इंडिकेटर भी बता रहे हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति सुधरने के बजाय और बिगड़ रही है। 

निर्यात गिरने से हाल बदतर

क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ऑटो सेक्टर में बुरा हाल तो है ही, निर्यात सेक्टर के भी अच्छा कामकाज नहीं करने से दिक्क़तें बढ़ी हैं। इसने यह भी कहा है कि मानसून के ख़राब होने से कृषि क्षेत्र भी बहुत अच्छा नहीं कर पाएगा। लेकिन क्रिसिल को यह उम्मीद है कि सरकार खर्च बढ़ाएगी और बुनियादी ढाँचे पर खर्च करेगी, जिससे स्थिति सुधरेगी।

ऑटो सेक्टर में बिक्री का गिरना जारी

देश की बड़ी मोटर कंपनियों ने अपनी मासिक बिक्री के आँकड़े बृहस्पतिवार को जारी किए। बिक्री में कमी लगातार नौवें महीने देखी गई और जून में भी पैसेंजर कारों और दोपहिया वाहनों की बिक्री पहले से कम रही। 

मारुति की बिक्री 1 लाख के आँकड़े को भी नहीं छू पाई, इसकी बिक्री में 33.5 प्रतिशत की कमी देखी  गई। इसी तरह महिंद्रा एंड महिंद्रा की बिक्री 15 प्रतिशत गिरी। दुपहिया वाहनों की स्थित इससे बदतर ही रही है। टीवीएस मोटर की बिक्री में 13 फ़ीसदी तो रॉयल एनफ़ील्ड की बिक्री में 22 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।