भारत का विकास अनुमान से 'काफ़ी कमज़ोर' : आईएमएफ़

04:59 pm Sep 13, 2019 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

सरकार चाहे जो कहे, सच यह है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी में चल रही है। अब तो अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) ने भी कह दिया। आईएमएफ़ ने अपने हालिया बयान में कहा है कि भारत का विकास अनुमान से भी काफ़ी कमज़ोर है। इसकी वजह पर्यावरण और कॉरपोरेट मामलों से जुड़ी अनिश्चितता है। इसके अलावा ग़ैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की कमज़ोरी का भी असर पड़ा है। 

अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान ने अनुमान लगाया है कि साल 2019 और 2020 के दौरान भारत के सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर में 0.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की जाएगी। नतीजतन, जीडीपी वृद्धि दर पहले साल 7 प्रतिशत और दूसरे साल 7.2 प्रतिशत रहेगी। यह पहले के अनुमान से कम है। इसके बावजूद भारत की विकास दर चीन से काफ़ी ऊँची रहेगी। 

हमें जल्द ही नए आँकड़े मिल जाएँगे, पर भारत का विकास अनुमान से काफ़ी कम रहा और उसकी मुख्य वजहें कॉरपोरेट और पर्यावरण से जुड़े मामलों को नियंत्रित करने वाली एजंसियों की अनिश्चितता और ग़ैर-बैंकिंग वित्ती कंपनियों की कमजोरी है।


जेरी राइस, प्रवक्ता, आईएमएफ़

6 साल की न्यूनतम जीडीपी 

भारत सरकार के आँकड़ों के मुताबिक़, सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर 7 साल के न्यूनतम स्तर 5 प्रतिशत पर पहुँच चुका है।अप्रैल-जून 2019 की यह जीडीपी वृद्धि दर पिछले साल इसी तिमाही की वृद्धि दर 8 फ़ीसदी की अपेक्षा काफ़ी कम है। पाँच फ़ीसदी की यह वृद्धि दर 25 क्वार्टर में सबसे कम है। सबसे बड़ी गिरावट विनिर्माण क्षेत्र में आई है। इसमें सिर्फ़ 0.6 फ़ीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है जो पिछले साल इसी अवधि की वृद्धि दर 12.1 फ़ीसदी से काफ़ी कम है। विश्लेषकों का भी कहना है कि गिरावट के लिए मुख्य तौर पर उपभोक्ताओं की कमज़ोर माँग और कमज़ोर निजी निवेश ज़िम्मेदार है। 

8 अगस्त को रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने अप्रैल-सितंबर के दौरान अर्थव्यवस्था के 5.8-6.6 फ़ीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद जताई थी। हालाँकि यह उसके जून की 6.4-6.7 फ़ीसदी के अनुमान से भी कम थी।

कृषि और विनिर्माण क्षेत्रों में ख़राब प्रदर्शन के कारण जनवरी-मार्च 2018-19 में विकास दर पाँच साल के निचले स्तर 5.8 प्रतिशत तक फिसल गई थी। यह 20 तिमाहियों में सबसे कम वृद्धि दर थी। तब क़रीब दो साल बाद भारत को चीन ने पीछे कर दिया था। यूपीए के दूसरे कार्यकाल में जनवरी-मार्च 2013-14 की अंतिम तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 5.3 प्रतिशत थी। वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रही, जो पिछले वित्त वर्ष में 7.2 प्रतिशत से कम थी। यह 2014-15 के बाद से जीडीपी की वृद्धि सबसे धीमी थी क्योंकि इससे पहले 2013-14 में यह दर 6.4 प्रतिशत रही थी।