क्या अयोध्या में राम मंदिर उत्तर प्रदेश में अगले विधानसभा चुनाव तक बन कर तैयार हो जाएगा क्या राम मंदिर बनाने में कामयाबी उत्तर प्रदेश राज्य विधानसभा चुनाव का मुख्य मुद्दा होगा ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि विश्व हिन्दू परिषद का कहना है कि वह अगले रामनवमी को राम मंदिर निर्माण का काम विधिवत रूप से शुरू कर देगी। इस बार रामनवमी 2 अप्रैल को होगी।
रामनवमी को काम शुरू
इंडिया टुडे का दावा है कि विहिप के एक बड़े नेता ने उसे इसकी जानकारी देते हुए कहा है, 'राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण कार्य शुरू करने की इससे बेहतर तारीख़ नहीं हो सकती। तीन महीने में मंदिर निर्माण के लिए ट्र्स्ट बनाने की समय सीमा फ़रवरी में ख़त्म हो रही है। उस समय तक तमाम तैयारियाँ पूरी हो जानी चाहिए। पर हम तारीख़ का एलान करने के पहले इस मुद्दे पर सरकार से बात करेंगे।'
विहिप का यह भी कहना है कि निर्माण के पहले का काम जनवरी में मकर संक्रांति के पहले पूरा हो जाना चाहिए। परिषद विधिवत शिलान्यास नहीं करवाएगी क्योंकि यह 1989 में ही हो चुका है।
विहिप स्थापत्य कला के मशहूर शिल्पकार चंद्रकांत सोमपुरा के तैयार की हुई डिज़ायन के आधार पर ही मंदिर बनाया जाएगा। सोमपुरा ने 1989 में ही डिज़ायन बना कर तत्कालीन विहिप प्रमुख अशोक सिंघल को सौंपी थी।
सोमपुरा की डिज़ायन पर तैयार मॉडल अयोध्या के कारसेवकपुरम में रखा गया है।
इंडिया टुडे के मुताबिक़, विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा, 'हम नया मंदिर उसके आधार पर ही बनाएंगे।'
उन्होंने कहा कि उस डिज़ायन के आधार पर स्तम्भ और तोरण वगैरह बनाने का काम काफ़ी आगे बढ़ चुका है। इस काम में लगे कारीगर गुजरात-राजस्थान स्थिति अपने-अपने घर गए हुए हैं, वे जल्द ही लौट आएंगे और उसके बाद यह काम एक बार फिर शुरू कर दिया जाएगा। विहिप को उम्मीद है कि मोदी सरकार राम जन्मभूमि न्यास और विहिप के लोगों को प्रस्तावित ट्र्सट में शामिल करेगी।
212 स्तम्भ, 5 द्वार!
ज़ी न्यूज़ ने विहिप सूत्रों के हवाले से कहा है कि नए प्रस्तावित मंदिर में 212 स्तम्भ यानी खंभे होंगे। यह काम दो चरणों में होगा, हर चरण में 106 खंभे लगाए जाएंगे। लगभग आधे तादाद में खंभे बन कर तैयार हैं। आधे खंभों के ऊपर छत डाली जाएगी, जिसे 'शिखर' कहते हैं। यह शिखर इस तरह बनाया जाएगा 'भव्य राम मंदिर' का अहसास हो।इस प्रस्तावित राम मंदिर में 5 द्वार होंगे-सिंह द्वार, नृत्य मंडप, रंग मंडप, पूजा गृह और गर्भ गृह। गर्भ गृह सबसे महत्वपूर्ण होगा, इसके चारों ओर परिक्रमा होगी। राम लला की मूर्ति इस गर्भ गृह में ही खी जाएगी।
तेज़ होगा निर्माण कार्य!
तराशे हुए संगरमरमर के 1.75 लाख वर्ग फीट पत्थरों की ज़रूरत होगी। हालांकि इस पर काम 1990 से ही चल रहा है, पर अभी बहुत काम बाकी है और इसे बेहद तेज रफ़्तार से करना होगा ताकि यह समय पर हो जाए।
समझा जाता है कि पत्थर तराशने की रफ़्तार धीमी इसलिए है कि सड़क ठीक नहीं होने के कारण वहाँ तक निर्माण सामग्री पहुँचाने में दिक्कत होती है और समय लगता है।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुना 2022 के फ़रवरी में है। पर्यवेक्षकों का कहना है कि जितने बड़े और भव्य राम मंदिर की कल्पनी की गई है और जो डिज़ायन बनाया गया है, उसके आधार पर मंदिर बनाया गया तो इसमें कम से कम 5 साल लगेंगे। उस हिसाब से उत्तर प्रदेश चुनाव तक मंदिर के बनने के आासार नहीं है। पर विहिप इस काम में ज़ोरदार तेज़ी लाएगी ताकि वह मंदिर समय से पहले बन कर तैयार हो जाए।
सवाल फिर वहीं पहुँच रहा है। पूरे देश की राजनीति बदलने और इस राजनीति पर केंद्र की सत्ता तक पहुँचने के बाद भी विहिप-आरएसएस-बीजेपी इस मुद्दे को नहीं छोड़ेंगी वे कम से कम उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव तक इसे चलाती रहेंगी ताकि इस आधार पर एक बार फिर वोटों का ध्रुवीकरण कर बहुमत हिन्दू का वोट हासिल किया जा सके।