बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हम लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए तैयार हैं। उन्होंने भाजपा के शीर्ष नेताओं पर इशारा करते हुए कहा कि वे लोग तो पूरे देश में जल्द से जल्द चुनाव कराना चाहते हैं, तो जल्दी करा लें चुनाव।
हम लोग तो चुनाव का इंतजार कर रहे हैं। जितना जल्दी चुनाव कर दें उतना ही अच्छा और बढ़िया रहेगा। नीतीश कुमार ने कहा कि हम लोग तो हर समय चुनाव के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को तो इसका अधिकार है।
नीतीश कुमार इससे पहले भी लोकसभा चुनाव जल्दी होने की संभावना जता चुके हैं। यह पहली बार है कि नीतीश कुमार ने विधानसभा चुनावों को लेकर भी कहा है। ऐसे में नीतीश कुमार के इस बयान के सियासी मतलब निकाले जा रहे हैं।
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार के ही मधुबनी जिले के झंझारपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि बिहार में जल्द ही विधानसभा चुनाव होंगे। उन्होंने दावा किया था कि अब जब बिहार विधानसभा के चुनाव होंगे तो उसमें भाजपा की जीत होगी और ऐसा होने पर वे सीमांचल की हर समस्या को दूर कर देंगे।
अमित शाह ने अपनी सभा में राजद और जदयू गठबंधन को तेल और पानी का मेल बताया था। उन्होंने कहा था कि तेल और पानी कभी साथ नहीं रह सकते। बिहर के इस महागठबंधन को स्वार्थी और ठगबंधन कहा था।
अमित शाह के इस बयान पर जवाब देते हुए नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार में तेजी से विकास हो रहा है। जो लोग इस तरह का बयान दे रहे हैं उन्हें पहले बिहार देखना चाहिए।
इंडिया गठबंधन के अहम किरदार हैं नीतीश
राजनैतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि नीतीश कुमार ने पटना में जिस तरह से लोकसभा और बिहार विधानसभा चुनाव के सवाल पर प्रतिक्रिया दी है वह उनके आत्मविश्वास को बताता है। नीतीश कुमार ने लोकसभा और बिहार विधानसभा चुनाव जल्द कराने की वकालत कर के भाजपा को चुनौती दी है कि वे सिर्फ जल्दी चुनाव कराने की बात कह कर विपक्षी इंडिया गठबंधन को डराने की कोशिश न करें बल्कि अगर करवा सकते हैं तो जल्दी चुनाव करा कर दिखाएं।नीतीश जानते हैं कि ऐसे समय में जब लोकसभा चुनाव सामने खड़ा है और वे इंडिया गठबंधन के अहम किरदार हैं तब भाजपा मतदाताओं में यह संदेश देने की कोशिश कर सकती है कि बिहार में ही इंडिया गठबंधन में सब सही नहीं चल रहा तो देश में कैसे वह एकजुट होंगे।
नीतीश कुमार को भरोसा है कि उनका महागठबंधन बिहार में फिलहाल मजबूत है और नहीं टूटने वाला ऐसे में समय से पहले बिहार विधानसभा का चुनाव होना आसान नहीं है। यही तभी हो सकता है जब एक देश एक चुनाव को लेकर केंद्र सरकार कानून बना दे लेकिन फिलहाल यह भी जल्द होता नहीं दिख रहा। इसलिए नीतीश कुमार को लगता है कि भले ही अमित शाह ने अपनी सभा में बिहार विधानसभा चुनाव जल्दी होने की संभावना जता दी है लेकिन यह सच नहीं हो सकता।
माना जा रहा है कि अमित शाह का बयान की बिहार में जल्दी चुनाव होगा यह बिहार के लोगों को संदेश था कि बिहार सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है और राजद-जदयू का गठबंधन बेमेल है। अमित शाह ने अपने भाषण से लोगों को समझाना चाहा है कि नीतीश सरकार जल्द ही गठबंधन टूटने के कारण गिर सकती है।
पहले से ही नीतीश लोकसभा चुनाव के लिए तैयार हैं
नीतीश ने जल्दी चुनाव कराने की वकालत कर के बताना चाहा है कि लोकसभा के चुनावी मैदान में उतरने के लिए वह पूरी तरह से तैयार हैं। नीतीश का बयान अपनी पार्टी, महागठबंधन के नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए भी था कि वे लोकसभा चुनाव के लिए तैयारी तेज कर दें।नीतीश पहले भी आशंका जता चुके हैं कि देश में समय से पहले ही लोकसभा चुनाव हो सकते हैं। बिहार की राजनीति की समझ रखने वालों का मानना है कि नीतीश कुमार लोकसभा और बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पहले से ही तैयार हैं कि कभी भी इसकी घोषणा हो सकती है। यही कारण है कि अंदर ही अंदर उनकी पार्टी ने चुनावी तैयारियां भी शुरु कर दी है।
इंडिया गठबंधन को खड़ा करने में सबसे बड़ा योगदान नीतीश कुमार का है। इस गठबंधन के लिए जमीन तैयार करना ही लोकसभा चुनाव को लेकर नीतीश कुमार की तैयारियों की शुरुआत थी।