वरुण गांधी ने फिर से अपनी ही बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। इस बार उन्होंने रेलवे की आरआरबी-एनटीपीसी परीक्षाओं में कथित गड़बड़ियों पर छात्रों का पक्ष लिया है। वरुण गांधी ने कहा है कि देश में आज बेरोज़गारी सबसे बड़ी समस्या बनकर उभर रही है। उन्होंने पटना में प्रदर्शन के दौरान प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले एक छात्र की एक क्लिप को ट्विटर पर शेयर करते हुए बेरोजगारी को विकराल समस्या बताई।
उस वीडियो क्लिप में युवक बेरोज़गारी के लिए सरकार को ज़िम्मेदार ठहरा रहा है और छात्रों के सामने आने वाली गंभीर समस्याओं को रख रहा है। इस वीडियो को साझा करते हुए ही वरुण ने कहा है कि बेरोजगारी से मुंह मोड़ना कपास से आग ढकने जैसा है।
अपनी ही सरकार के प्रति वरुण की यह प्रतिक्रिया तब आई है जब आज छात्रों ने बिहार बंद रखा। छात्रों के बिहार बंद का असर राजधानी सहित कई ज़िलों में देखने को मिला। बंद को आरजेडी सहित महागठबंधन के दल और जन अधिकारी पार्टी ने भी समर्थन दिया। राजनीतिक दलों के समर्थन से भी इसका व्यापक असर पड़ा। दरभंगा, मुजफ्फरपुर, जहानाबाद सहित कई ज़िलों में यातायात बाधित हुआ है।
आरजेडी कार्यकर्ताओं ने दरभंगा में दरभंगा संपर्क क्रांति एक्सप्रेस का रास्ता रोक दिया। उन्होंने वैशाली में हाईवे पर टायरों में आग लगाकर रास्ता रोक दिया। बक्सर में नेशनल हाइवे 84 हाइवे को प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने जाम कर दिया। हाइवे पर आगजनी की गई और केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ नारेबाजी की गई।
मुजफ्फरपुर में नेशनल हाइवे 57 और 28 पर राजद पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने जाम लगा दिया। उन्होंने टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया और सरकार के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की गई। औरंगाबाद में जिला मुख्यालय समेत जिले के विभिन्न हिस्सों में छात्रों के साथ ही विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। अररिया में भी राजद कार्यकर्ताओं ने सड़क पर जाम लगाया। भाकपा माले एवं महागठबंधन के कार्यकर्ता जहानाबाद में सड़क को जाम कर दिया। आरजेडी सहित महागठबंधन दलों के कार्यकर्ताओं ने समस्तीपुर में प्रदर्शन किया और सड़कों को जाम किया।
बता दें कि वरुण गांधी पिछले कुछ समय से अपनी पार्टी की नीतियों की आलोचना करते रहे हैं। हाल ही में उन्होंने एक ट्वीट कर कहा था कि रात में कर्फ्यू लगाना और दिन में रैलियों में लाखों लोगों को बुलाना यह सामान्य जनमानस की समझ से परे है। यह वह दौर था जब प्रधानमंत्री मोदी ने देर शाम को कोरोना पर बैठकें की थीं और दिन में रैलियाँ।
बेरोजगारी के मुद्दे को वरुण गांधी ने दिसंबर महीने में भी उठाया था। उन्होंने ट्वीट किया था, "पहले तो सरकारी नौकरी ही नहीं है, फिर भी कुछ मौक़ा आए तो पेपर लीक हो, परीक्षा दे दी तो सालों साल रिजल्ट नहीं, फिर किसी घोटाले में रद्द हो। रेलवे ग्रुप डी के सवा करोड़ नौजवान दो साल से परिणामों के इंतज़ार में हैं। सेना में भर्ती का भी वही हाल है। आख़िर कब तक सब्र करे भारत का नौजवान?''
बता दें कि लखीमपुर खीरी की घटना के बाद से ही वरुण गांधी बीजेपी से खासे नाराज हैं और भीख में मिली आजादी वाला बयान देने पर वह कंगना रनौत पर भी हमला बोल चुके हैं। वरुण ने कुछ दिन पहले गोडसे जिंदाबाद के नारे लगाने वालों को भी फटकार लगाई थी और कहा था कि ऐसे लोग इस देश को शर्मिंदा कर रहे हैं।
तो क्या उन्हें बीजेपी से टिकट कटने का डर नहीं है? इस सवाल का भी उन्होंने हाल ही में जवाब दिया था। उन्होंने कहा था कि इससे उन पर कोई फर्क नहीं पड़ता है कि पार्टी उन्हें चुनाव में टिकट देती है या नहीं, वे आम जनता से जुड़े मुद्दे उठाते रहेंगे।