इस बार लोकसभा चुनाव जीतने के बाद अपने पहले भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी के सांसदों को संबोधित करते हुए अपने पुराने नारे में कुछ सुधार किया था। पिछली सरकार में वह ‘सबका साथ, सबका विकास’ की बात कहते थे तो इस बार उन्होंने इसमें ‘सबका विश्वास’ को भी जोड़ा। प्रधानमंत्री ने भाषण में कहा था कि देश के अल्पसंख्यकों के साथ लंबे समय तक छल हुआ और उन्हें भ्रमित और भयभीत रखा गया। प्रधानमंत्री ने कहा था कि उनकी सरकार को इस छल में छेद करना है और अल्पसंख्यकों का विश्वास जीतना है।
प्रधानमंत्री के इस भाषण के बाद देश की अल्पसंख्यक आबादी में बहुमत रखने वाले मुसलमान ख़ुश हुए थे और उन्हें लगा था कि बीजेपी के नेतृत्व वाली पिछली सरकार में मुसलमानों के ख़िलाफ़ हुई मॉब लिंचिंग की घटनाओं और उनके ख़िलाफ़ सोशल मीडिया में फैलाई जा रही नफ़रत अब ख़त्म होगी। मुसलमानों को यह भी लगा था कि उन्हें भारत का ही नागरिक माना जायेगा और पाकिस्तान जाने के लिए नहीं कहा जायेगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और सरकार बनने के कुछ ही दिन बाद मुसलमानों को मारने-पीटने के कई वाक़ये सामने आये। लेकिन अब जो घटना सामने आई है, वह बेहद ख़तरनाक है और यह बताती है कि प्रधानमंत्री मोदी के भाषण का उनकी पार्टी के नेताओं, कार्यकर्ताओं के लिए कोई मतलब नहीं है।
उत्तराखंड के रुद्रपुर से बीजेपी विधायक राजकुमार ठुकराल का एक वीडियो सामने आया है। वीडियो में ठुकराल एक चुनावी सभा में लोगों को संबोधित करते हुए मुसलमानों के ख़िलाफ़ जमकर जहर उगल रहे हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो में ठुकराल कहते हैं, ‘मुझे याद है जब विधानसभा चुनाव होता था, मैं कहता था कि मेरी सभा के अंदर कोई मुसलमान हो चला जाए यहां से, मुझे किसी मुसलमान का वोट नहीं चाहिए और मैं आज भी अपनी बात पर कायम हूँ।’ वहां खड़े लोग इस पर उनकी जिंदाबाद के नारे लगाते हैं।
विधायक आगे कहते हैं, 'मेरा जीवन खुली क़िताब है, मैं इन मुसलमानों के वहां पानी भी नहीं पीयूंगा, इनकी पत्नी, इनकी बेग़म उस पानी में थूक डालकर देती हैं, चाय पीयोगे, सेवइयां खाओगे, रोटी खाओगे, उसमें थूक डाल देते हैं और हिंदू को नापाक करते हैं।'
विधायक अपनी रौ में आगे कहते हैं, मैं जब तक जिंदा हूं, इनके दरवाजे पर नहीं जाऊंगा, कभी ईदगाह में इनसे मिलने नहीं जाऊंगा, कभी जिंदगी में रोजा इफ़्तारी नहीं कराऊंगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ राजकुमार ठुकराल।
विधायक ठुकराल कहते हैं, ‘मेरा सिर कभी मुसलमान के आगे, किसी मसजिद में नहीं झुकेगा, ये मैं आपसे कहता हूँ। मैं किसी मुसलमान का कोई काम नहीं करता। अधर्मी, पापी, देश में रहते हो, देश का अन्न खाते हो, देश का बुरा करते हो, भारत तेरे टुकड़े होंगे चार, कोई माई का लाल भारत के टुकड़े नहीं कर सकता।’
अगर आप यू ट्यूब पर राजकुमार ठुकराल लिखेंगे तो आपको ठुकराल के कई वीडियो मिलेंगे जिनमें विधायक महिलाओं से बद्तमीजी करते, टोल टैक्स को लेकर कर्मचारियों को माँ-बहन की गालियां देते, महिला कांस्टेबल को धमकाते हुए मिलेंगे। लेकिन इन घटनाओं के बाद भी बीजेपी ने उनसे सिर्फ़ स्पष्टीकरण लिया और छोड़ दिया।
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ राजकुमार ठुकराल।
अब सारा सवाल प्रधानमंत्री जी से ही होना चाहिए। क्योंकि राजकुमार ठुकराल उन्हीं की पार्टी के टिकट पर दो बार विधायक का चुनाव जीत चुके हैं। इस बार भी बीजेपी ने उनसे सात दिन के भीतर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है। हद इस बात की है कि जब ठुकराल साफ़-साफ़ गालियां देते दिख रहे हैं और कहीं से नहीं दिखता कि इस वीडियो से छेड़छाड़ की गई है तो फिर उन्हें स्पष्टीकरण देने के लिए क्यों समय दिया गया है।
प्रधानमंत्री जी, जब विधायक के अंदर इतनी नफ़रत देश के मुसलमानों के ख़िलाफ़ भरी होगी और वह खुलकर कह रहे हैं कि वह किसी मुसलमान का कोई काम नहीं करते तो फिर आपके ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ वाले नारे का क्या होगा।
वीडियो के सामने आने के बाद ठुकराल ने सफ़ाई दी है कि उन्होंने ऐसा नहीं कहा है और उनके वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है। ऐसा पहले भी कई बार हुआ है जब बीजेपी के नेता पहले नफ़रत फैलाने वाले बयान देते हैं और विवाद होने पर कह देते हैं कि उनके बयान के साथ छेड़छाड़ की गई है।
प्रधानमंत्री जी, अगर आप वास्तव में देश में मुसलमानों को आगे बढ़ते देखना चाहते हैं (जैसा आपने भाषण में कहा था) तो अपनी पार्टी के इस विधायक के ख़िलाफ़ इतनी कड़ी कार्रवाई कीजिए कि आगे से कोई नेता इस तरह की बात सोच भी न सके। इससे यह भी पता चलेगा कि प्रधानमंत्री का भाषण क्या सिर्फ़ कोरा बयान था या वह वास्तव में अल्पसंख्यकों के लिए चिंतित थे। क्योंकि पहले भी उन्होंने महात्मा गाँधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने वाली बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर के लिए कहा था कि वह उसे मन से माफ़ नहीं कर पायेंगे, लेकिन तब कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं हुआ था।