अमेरिकी अधिकारी भारत में पन्नू समेत कई मामलों पर बात करने पहुंचाः व्हाइट हाउस

10:19 am Dec 05, 2023 | सत्य ब्यूरो

व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन का का एक शीर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत करने के लिए भारत में हैं, जिसमें अमेरिकी धरती पर खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या के प्रयास से संबंधित आरोप भी शामिल हैं।

व्हाइट हाउस ने सोमवार को कहा, "प्रधान उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर ने भारत के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विक्रम मिस्री के साथ महत्वपूर्ण और महत्वाकांक्षी यूएस-भारत प्रौद्योगिकी (आईसीईटी) पर पहल में हुई प्रगति की समीक्षा करने के लिए 4 दिसंबर को नई दिल्ली में एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।" 

व्हाइट हाउस के बयान में कहा गया है कि "फाइनर ने यूएस में घातक साजिश की जांच के लिए भारत द्वारा गठित कमेटी और इस मामले में जिम्मेदार पाए गए व्यक्ति को जवाबदेह ठहराने के संंबंध में जानकारी हासिल की।" पिछले हफ्ते, अमेरिकी जस्टिस विभाग ने 52 वर्षीय भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर पन्नू के खिलाफ कथित हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोपपत्र मैनहट्टन फेडरल कोर्ट में दाखिल किया था।

अमेरिकी जस्टिस विभाग के अदालती दस्तावेजों का हवाला देते हुए कहा गया था कि इस साल की शुरुआत में, "भारत और अन्य जगहों पर गुप्ता सहित अन्य लोगों के साथ मिलकर काम करने वाले एक भारतीय सरकारी अधिकारी (CC-1) ने अमेरिकी धरती पर एक वकील और राजनीतिक व्यक्ति की हत्या की साजिश रचने का निर्देश दिया।" इस शख्स (गुरपतवंत सिंह पन्नू) की पहचान न्यूयॉर्क शहर में रहने वाले भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक के रूप में की गई थी।

जवाब में, भारत ने अपने एक सरकारी अधिकारी के इस साजिश से जुड़े होने पर चिंता व्यक्त की। भारत ने कहा कि यह हमारी सरकारी नीति के खिलाफ है। भारत ने पिछले सप्ताह कहा था कि वह औपचारिक रूप से अमेरिका की तमाम चिंता की जांच करेगा। इस संबंध में 18 नवंबर को एक पैनल गठित किया गया है जो इस मामले की जांच कर रिपोर्ट देगा।

बहरहाल, व्हाइट हाउस ने अब यह भी कहा है कि फाइनर ने विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की और मिडिल ईस्ट में चल रहे घटनाक्रमों पर बात की। इस बातचीत में इज़राइल-हमास युद्ध, युद्ध के बाद गजा की योजना और लाल सागर में जहाजों पर यमन के हूती लड़ाकों के हाल के हमले के मुद्दे शामिल थे।