सुप्रीम कोर्ट में दो और जजों की नियुक्ति को सरकार ने मंजूरी दे दी है। इस बाबत कानून मंत्री किरन रिजिजू ने ट्विट कर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और गुजरात हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरविंद कुमार को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति को मंजूरी दी गई है।
दो नये जजों की नियुक्ति के साथ सुप्रीम कोर्ट में स्वीकृत जजों की संख्या 34 के साथ यह पूरी हो गई है। नये जजों की नियुक्ति के साथ ही अब सुप्रीम कोर्ट फुल बैंच के साथ काम करेगी। सुप्रीम कोर्ट काफी समय से जजों की कमी से जूझ रहा था। इस कारण उस पर काम का दबाव बढ़ता जा रहा था। कोर्ट कई बार नए जजों की नियुक्ति की बात सरकार से कहता रहा है।
जजों की नियुक्ति को लेकर बंगलूरू बार एसोशिएसन की तरफ से अदालत में एक याचिका भी दायर की गई थी। उस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से जजों की नियुक्ति में हो रही देरी पर सवाल पूछा था। उसी सुनवाई में अटॉर्नी जनरल ने नये जजों की नाम को जल्दी ही मंजूरी देने का भरोसा दिया था।
नई नियुक्तियों से पहले बीते सोमवार को ही पांच जजों को शपथ दिलाई गई थी। इन पांच नामों की नियुक्ति के संबंध में बीते शनिवार को ही आदेश जारी किये गये थे। उसी दिन कोर्ट ने याचिका पर सरकार से जजों की नियुक्ति को जल्द से जल्द मंजूरी देने का आग्रह किया था।
बीते दिनों कोर्ट और सरकार के बीच जजों की नियुक्ति के लिए लागू कॉलोजियम सिस्टम पर लगातार खींचतान चलती रही है। सरकार की मांग है कि जजों की सिलेक्शन कमेटी में सरकार के प्रतिनिधी को भी शामिल किया जाए। जबकि कोर्ट का कहना है कि इससे सरकारी हस्तक्षेप बढ़ेगा जिससे न्यायपालिका की स्वतंत्रता प्रभावित होगी। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और कानून मंत्री किरन रिजिजू लगातार न्यायपालिका पर मुखर रहे हैं।