ट्रम्प की टैरिफ धमकी का असरः यूएस से आने वाली कुछ चीजों पर टैक्स घटाएगा भारत
भारत अमेरिका से आयातित विशेष प्रकार के स्टील, महंगी मोटरसाइकिल और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं पर टैरिफ में कटौती कर सकता है। हालांकि अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को जब बजट पेश करेंगी तो इसके संकेत साफ तौर पर मिल जाएंगे। भारत अमेरिका से 20 वस्तुओं का आयात करता है जिन पर 100 प्रतिशत से अधिक ड्यूटी (टैक्स) है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ब्रिक्स के देशों भारत, चीन और ब्राजील पर सीधे सौ फीसदी टैरिफ लगाने की धमकी दी थी। ट्रम्प ने आरोप लगाया था कि ब्रिक्स के देश अमेरिकी वस्तुओं पर सौ फीसदी टैरिफ लगा रहे हैं, जिसे सहन नहीं किया जाएगा। हाउस रिपब्लिकन से बात करते हुए, उन्होंने कहा कि वह इसे जारी रखने की अनुमति नहीं देंगे।... हम अमेरिका को पहले स्थान पर रखेंगे।
ट्रम्प का बयान था- "हम बाहरी देशों और उन लोगों पर टैरिफ लगाने जा रहे हैं जो वास्तव में हमें नुकसान पहुंचाते हैं। चीन एक जबरदस्त टैरिफ निर्माता है, और भारत, ब्राजील और कई अन्य देश भी इसमें हैं। लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। अब और भी होगा... क्योंकि हम अमेरिका को पहले स्थान पर रखने जा रहे हैं,'' ट्रंप ने तालियां बजाते हुए घोषणा की।
हालांकि ट्रम्प ने जब अपने चुनाव अभियान के दौरान टैरिफ को लेकर धमकी दी थी तो भारत ने उसी समय तैयारी शुरू कर दी थी। इकोनॉमिक टाइम्स ने 19 दिसंबर को बताया था कि भारत ट्रम्प प्रशासन द्वारा निर्यात पर संभावित टैरिफ वृद्धि के लिए तैयार हो रहा है, ताकि प्रभाव को कम किया जा सके। रिपोर्ट में कहा गया था कि विभिन्न मंत्रालय और विभाग विभिन्न हालात की समीक्षा कर रहे हैं और टैरिफ में संभावित बढ़ोतरी का हर सेक्टर के हिसाब से विश्लेषण कर रहे हैं।
हालांकि, भारत में व्यापार विशेषज्ञों का कहना है कि अगर नवनिर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प घरेलू वस्तुओं पर अधिक टैरिफ लगाते हैं तो भारत को समान उपायों के साथ जवाब देना चाहिए। उन्होंने याद दिलाया कि भारत ने पहले भी अमेरिका द्वारा कुछ स्टील और एल्युमीनियम उत्पादों पर लगाए गए "अवैध" टैरिफ के जवाब में कई अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी सीमा शुल्क लागू किया था।
ईडी की एक रिपोर्ट के मुताबिक आर्थिक थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, "भारत को दृढ़ता से और समान उपायों से जवाब देना चाहिए।" उन्होंने याद दिलाया कि 2018 में, जब अमेरिका ने भारतीय स्टील और एल्यूमीनियम पर टैक्स लगाया, तो भारत ने जवाबी कार्रवाई की थी। श्रीवास्तव ने कहा, "इस नपी-तुली प्रतिक्रिया ने संतुलित रहते हुए अपने व्यापारिक हितों की रक्षा करने की भारत की क्षमता को दर्शाया था।"
उन्होंने कहा कि अगर नया अमेरिकी प्रशासन 'अमेरिका फर्स्ट' एजेंडे को आगे बढ़ाने का फैसला करता है तो भारतीय निर्यातकों को ऑटोमोबाइल, कपड़ा और फार्मास्यूटिकल्स जैसी वस्तुओं के लिए भारी सीमा शुल्क का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर ट्रंप एच-1बी वीजा नियमों को सख्त करेंगे तो इससे भारतीय आईटी कंपनियों की ग्रोथ पर असर पड़ सकता है।
भारत की 80 फीसदी से अधिक आईटी निर्यात आय अमेरिका से आती है। अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है, जिसका वार्षिक व्यापार 190 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक है।