निर्भया बलात्कार व हत्याकांड में कब क्या हुआ :
6 दिसंबर, 2012: दिल्ली के मुनीरका में 6 लोगों ने चलती बस में फ़ीजियोथेरैपी की छात्रा से सामूहिक बलात्कार किया। उसके साथ मारपीट भी की गई। निर्भया और उसके दोस्त को चलती बस से फेंक दिया गया था।
18 दिसंबर, 2012: दिल्ली पुलिस ने 4 अभियुक्तों को राम सिंह, मुकेश, विनय शर्मा और पवन गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया।
21 दिसंबर, 2012: पुलिस ने एक नाबालिग को दिल्ली से और छठे दोषी अक्षय ठाकुर को बिहार से गिरफ्तार किया।
29 दिसंबर, 2012: दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में निर्भया का इलाज चला, बाद में सरकार ने उसे इलाज के लिए सिंगापुर भेजा। सिंगापुर में अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
3 जनवरी, 2013: पुलिस ने पांच वयस्क अभियुक्तों के ख़िलाफ़ हत्या, गैंगरेप, हत्या की कोशिश, अपहरण, डकैती का केस दर्ज करने के बाद चार्जशीट दाख़िल की।
17 जनवरी, 2013: फास्ट ट्रैक कोर्ट में पांचों पर आरोप तय।
11 मार्च 2013: राम सिंह ने तिहाड़ जेल में खुदकुशी कर ली।
31 अक्टूबर, 2013: जुवेनाइल बोर्ड ने नाबालिग अभियुक्त को सामूहिक बलात्कार और हत्या का दोषी क़रार दिया। उसे तीन साल के लिए सुधार गृह में भेज दिया गया।
10 सितंबर, 2013: फास्ट ट्रैक कोर्ट ने मुकेश, विनय, पवन और अक्षय को दोषी ठहराया।
13 सितंबर, 2013: कोर्ट ने चारों दोषियों मुकेश, विनय, पवन और अक्षय को मौत की सजा सुनाई।
13 मार्च, 2014: दिल्ली हाई कोर्ट ने चारों दोषियों की मौत की सज़ा को बरक़रार रखा।
15 मार्च, 2014: सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को फांसी दिए जाने पर लगाई रोक।
20 दिसंबर, 2015: नाबालिग अपराधी को बाल सुधार गृह से रिहा कर दिया गया।
5 मई, 2017: सुप्रीम कोर्ट ने चारों दोषियों की मौत की सज़ा बरकरार रखी।
9 नवंबर, 2017: मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में फांसी की सज़ा बरक़रार रखने के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर की, जिसे खारिज कर दिया गया।
दिसंबर, 2019: अक्षय की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दायर की गई।
दिसंबर, 2019: निर्भया की मां की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका के खिलाफ याचिका दायर की गई।
7 जनवरी, 2020: दिल्ली की एक अदालत ने चारों दोषियों को 22 जनवरी, सुबह 7 बजे फांसी देने का समय तय किया।
8 जनवरी, 2020: पवन ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर की। इसके बाद मुकेश ने भी ऐसा ही किया।
14 जनवरी, 2020: मुकेश ने राष्ट्रपति को दया याचिका दी। वह खारिज कर दी गई। दया याचिका की प्रक्रिया की वजह से फांसी टाल दी गई और 1 फरवरी, सुबह 6 बजे का वक्त तय हुआ।
30 जनवरी, 2020: पटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वारंट को रद्द किया और 3 मार्च की तारीख तय की।
2 मार्च, 2020: पवन गुप्ता की तरफ से राष्ट्रपति के पास याचिका दी गई, जिसके बाद 3 मार्च की तारीख भी रद्द हो गई। फांसी की नई तारीख 20 मार्च तय हुई।
19 मार्च, 2020: दोषियों के वकील ए. पी. सिंह ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की। वकील की तमाम कोशिशों के बाद रात 12 बजे हाई कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया।
20 मार्च 2020: वकील ए. पी. सिंह देर रात सुप्रीम कोर्ट गए। रात ढाई बजे से स्पेशल बेंच ने सुनवाई शुरू की। करीब एक घंटा सुनवाई चली और कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी गई।