कांवड़ यात्रा के रास्ते में पड़ने वाली शराब और मांस की दुकानों को यूपी, हरियाणा, दिल्ली और उत्तराखंड में बंद करा दिया गया है। कोरोना की वजह से कांवड़ यात्रा दो वर्षों बाद शुरू हुई है, इसलिए इस बार बहुत एहतियात और इंतजाम किए गए हैं। कांवड़ यात्रा गुरुवार से शुरू हुई है।गृह मंत्रालय (एमएचए) ने राज्य सरकारों को कट्टरपंथी तत्वों से खतरे का हवाला देते हुए कांवड़ियों की सुरक्षा कड़ी करने का निर्देश दिया है।
दिल्ली पुलिस ने कहा है कि कांवड़ यात्रा जिन रास्तों से होकर गुजरेगी, वहां मांस और शराब की दुकानों को बंद करा दिया गया है। दिल्ली पुलिस सोशल मीडिया पर भी नजर रख रही है। उसने कहा है कि किसी भी नफरती पोस्ट पर कार्रवाई की जाएगी। इसी तरह हरियाणा के गुड़गांव, फरीदाबाद, सोनीपत, बहादुरगढ़ और यूपी के नोएडा, गाजियाबाद, लोनी में व्यवस्था की गई है। इन शहरों में कांवड़ यात्रा के अलावा भी मुस्लिम बहुल इलाकों में मांस की दुकानें बंद करने का आदेश दिया गया है। फरीदाबाद, गुड़गांव, नोएडा, गाजियाबाद में ऐसी दुकानें 14 जुलाई से बंद हो गई हैं।
मांस और शराब की दुकान चलाने वाले कारोबारियों का कहना है कि इससे उन्हें बड़ा नुकसान होने जा रहा है लेकिन आदेश का पालन करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है। करीब 13-14 दिन ऐसी सभी दुकानें बंद रहेंगी।
इस बीच इंटेलिजेंस ब्यूरो की रिपोर्ट के इनपुट के आधार पर गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों के लिए कांवड़ यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाने के लिए एडवाइजरी जारी की है।
रेलवे बोर्ड ने भी खतरे को देखते हुए ट्रेनों की सुरक्षा कड़ी करने के निर्देश दिए हैं। एडवाइजरी के मुताबिक कांवड़ यात्रा के दौरान किसी भी तरह के खतरे से निपटने के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाना चाहिए।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच गुरुवार को हिंदू महीने श्रावण (सावन) के पहले दिन कांवड़ यात्रा शुरू हुई, जिसमें भगवान शिव के भक्त बड़ी संख्या में गंगा का पानी लेने हरिद्वार पहुंचे।
कोविड-19 महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद कांवड़ यात्रा हो रही है। अधिकारियों का अनुमान है कि करीब एक पखवाड़े तक चलने वाले मेले के दौरान कम से कम चार करोड़ कांवड़िए हरिद्वार और पड़ोसी ऋषिकेश में पवित्र नदी का पानी लेने पहुंचेंगे। यूपी के गढ़ मुक्तेश्वर में भी ऐसी ही स्थिति रहेगी।
उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान सहित कई राज्यों के कांवड़िए हरिद्वार और ऋषिकेश जाते हैं और गंगा का पानी इकट्ठा करते हैं और अपने घर वापस मंदिरों में भगवान शिव को चढ़ाते हैं।
जगह-जगह सुरक्षा के कड़े इंतजाम तमाम शहरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की आशंका को देखते हुए सीसीटीवी कैमरों, ड्रोन और सोशल मीडिया के जरिए कड़ी निगरानी रखी जा रही है। मेला क्षेत्र में बम निरोधक दस्ते और आतंकवाद निरोधी दस्ते भी तैनात किए गए हैं।
लगभग 10,000 पुलिस कर्मियों की तैनाती के साथ हरिद्वार और आसपास के क्षेत्रों को 12 सुपर जोन, 31 जोन और 133 सेक्टरों में विभाजित किया गया है। पुलिस ने कहा कि कांवड़ यात्रा मार्गों की भी चौबीसों घंटे निगरानी की जाएगी और किसी भी शिव भक्त को भाले और अन्य हथियारों के साथ शहर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।