तमिलनाडु पुलिस की एटीएस ने राज मोहम्मद नामक शख्स को पुड्डुकोट्टि से गिरफ्तार किया है। उस पर आरोप है कि उसने वाट्सऐप पर आरएसएस के दफ्तरों को बम से उड़ाने की धमकी वाला संदेश भेजा था। पुलिस इस शख्स से पूछताछ कर रही है। तमिलनाडु एटीएस ने उसे यूपी पुलिस से प्राप्त सूचना के आधार पर पकड़ा है। अभी इस बारे में और कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
आरएसएस के दफ्तरों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी। पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के बाद जांच शुरू कर दी। आरएसएस के दफ्तरों को लेकर इससे पहले इतनी गंभीर धमकी कभी नहीं मिली। यूपी पुलिस ने देशभर में अलर्ट भेजकर हर राज्य को इस बारे में सूचित किया था।
सोमवार की रात लखनऊ और उन्नाव में संघ के दफ्तरों को बम से उड़ाने की धमकी का वाट्सऐप पर मैसेज आया था। इसके बाद लखनऊ के मड़ियाहूं थाने में एफआईआर दर्ज की गई। इस मैसेज में लखनऊ और उन्नाव के आरएसएस कार्यालयों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। यह मैसेज रात 8 बजे एक व्हाट्सएप पर भेजा गया था। लखनऊ पुलिस ने कहा कि साइबर सेल की मदद से मैसेज भेजने वाले नंबर का पता लगाया जा रहा है।
संघ के सदस्य नीलकंठ तिवारी को अंतरराष्ट्रीय नंबरों से यह मैसेज हिंदी, अंग्रेजी और कन्नड़ में भेजा गया।
देश में इस समय आरएसएस चर्चा के केंद्र में है। तमाम मस्जिदों में सर्वे की मांग करते हुए उनमें खुदाई की मांग की जा रही है। आरएसएस और बीजेपी से जुड़े लोगों ने इस संबंध में कोर्ट में याचिकाएं भी दायर की हैं। वाराणसी की ज्ञानवापी का सर्वे कोर्ट के आदेश पर हो चुका है। इन हालात में मुसलमानों में चिन्ता देखी जा रही है।
हाल ही में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि हर मस्जिद में शिवलिंग क्या खोजना। उनके बयानों के दोहरे अर्थ लगाए जा रहे हैं। हाल ही में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने तीसरे वर्ष के संघ शिक्षा वर्ग (अधिकारी) समापन समारोह में बोलते हुए सांप्रदायिक सद्भाव की बात कही थी। भागवत ने कहा था कि हिंदुओं को यह महसूस करना चाहिए कि मुसलमान अपने पूर्वजों के वंशज हैं और हमारा डीएनए एक ही है।