तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी का पीएम मोदी पर सीधा खुला आरोप
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने इंडियन एक्सप्रेस के कार्यक्रम में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी "सभी विपक्षी राज्यों को खत्म करने की पूरी कोशिश" कर रहे हैं। विपक्ष शासित राज्यों के लिए निवेश को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के माध्यम से गुजरात में भेजा जा रहा है।
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वह भारत के प्रधान मंत्री हैं, लेकिन मोदी जी गुजरात के प्रधानमंत्री की तरह व्यवहार कर रहे हैं।
-रेवंत रेड्डी, सीएम तेलंगाना 13 नवंबर 2024 सोर्सः इंडियन एक्सप्रेस
रेवंत रेड्डी ने कहा- “2004 से 2014 तक, सोनिया गांधी यूपीए की अध्यक्ष थीं, मनमोहन सिंह प्रधान मंत्री थे। उन दस सालों में नरेंद्र मोदी ने दुनिया भर में गुजरात मॉडल का प्रचार किया। तत्कालीन केंद्र सरकार ने मोदीजी को इतना समर्थन दिया... हर राज्य को, चाहे वह विपक्ष द्वारा शासित हो या नहीं... विकास के लिए समर्थन दिया गया... चाहे वह योजनाओं की अनुमति हो, बजटीय समर्थन हो... यही कारण है कि एक गुजरात मॉडल सामने आया।''
सीएम रेड्डी ने कहा- “लेकिन आज… नरेंद्र मोदी, एक प्रधान मंत्री होने के नाते, केवल विपक्षी राज्यों की अनदेखी कर रहे हैं। वह सभी विपक्षी राज्यों को ख़त्म करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। क्यों? यही गुजरात मॉडल है।''
रेवंत रेड्डी ने पीएम मोदी पर आरोप लगाया कि “अगर कुछ निवेश तेलंगाना में आता है… अगर कोई निवेशक तेलंगाना में निवेश करने के लिए तैयार हो जाता है… तो पीएमओ उन्हें गुजरात जाने के लिए कहता है। सेमीकंडक्टर... निवेश किसके लिए दिया गया है... वह भारत के प्रधान मंत्री हैं, लेकिन मोदीजी गुजरात के प्रधान मंत्री की तरह व्यवहार कर रहे हैं। क्योंकि उनके लिए हर निवेश और हर नजरिये में... गुजरात है। हम दस साल तक सत्ता में रहे... लेकिन गुजरात के लिए कोई समस्या पैदा नहीं की।''
क्यों खतरनाक है गुजरात मॉडल
तेलंगाना के सीएम ने कहा, मोदी भारत को पांच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने की बात कर रहे हैं लेकिन विपक्षी राज्यों को अपने साथ लिए बिना। तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु के बिना वह पांच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था तक कैसे पहुंचेंगे? …महाराष्ट्र के बिना वह लक्ष्य तक कैसे पहुंचेंगे? यह भारत की वित्तीय राजधानी है... 17 प्रमुख निवेश... महाराष्ट्र से... गुजरात चले गए हैं... यह गुजरात मॉडल देश के लिए खतरनाक है।''
रेवंत रेड्डी ने खुलकर कहा कि यह "मोदी जी परिवार बनाम गांधी जी परिवार" की लड़ाई है। कांग्रेस को नेहरू-गांधी परिवार के पीछे एकजुट होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को अपना प्रारूप "टेस्ट मैच" से बदलकर "20-20" कर लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस पार्टी में ''मानवीय स्पर्श'' होता है वह राजनीति को ''लेनदेन के तरीके'' से नहीं देखती है।
रेड्डी ने कहा कि “कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनाव में "मोदीजी के छिपे हुए एजेंडे" को सामने लेकर आई है। उन्होंने कहा, हरियाणा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री ने विकास की समीक्षा नहीं की, बल्कि अगले चुनाव की समीक्षा की। मतलब, चुनाव से चुनाव, चुनाव दर चुनाव, कब तक आप लोगों को विभाजनकारी राजनीति के इस चक्र में फंसाए रखेंगे?”
मोदी के इस आरोप पर कि तेलंगाना गांधी परिवार के लिए 'एटीएम' बन गया है, मुख्यमंत्री रेड्डी ने कहा, 'यहां कोई कार्यकर्ता नहीं है जिसने कहा हो कि गांधी परिवार ने तेलंगाना को एटीएम बना दिया है। ये खुद प्रधानमंत्री हैं। अगर गांधी परिवार को पैसे की ज़रूरत होती, तो उन्होंने देश के लिए अपनी जान क्यों कुर्बान की?”
रेड्डी ने कहा- “गांधी परिवार का नजरिया राष्ट्रीय है, सत्ता की राजनीति का नहीं। देश को एक साथ लाने के लिए राहुल गांधी एक दशक से अधिक समय से अथक प्रयास कर रहे हैं।“ उन्होंने कहा- “राजीव गांधी के निधन के बाद कांग्रेस कई बार सत्ता में आई। लेकिन गांधी परिवार के किस सदस्य ने कोई भूमिका निभाई, चाहे वह भारत के राष्ट्रपति का चयन हो या केंद्रीय मंत्री बनाना हो।'' उन्होंने कहा, ''गांधी परिवार की विरासत देश के लिए बलिदान की है... उन्होंने हानि और लाभ की गिनती नहीं की है।'' रेवंत रेड्डी ने कहा कि उन्होंने तेलंगाना में "सोनिया गांधी के नाम पर" वोट मांगा था और उस नारे ने काम किया। अगर पार्टी ने हरियाणा में राहुल गांधी के नाम पर वोट मांगा होता तो नतीजे अलग होते।