सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले की मुख्य बातें:
- रफ़ाल सौदे में निर्णय लेने की प्रक्रिया पर संदेह करने का कोई आधार नहीं है।
- लड़ाकू जहाज़ ख़रीद की प्रक्रिया में अदालत के हस्तक्षेप की कोई वजह नहीं है।
- जहाज़ की क़ीमत का अध्ययन करना अदालत का काम नहीं है।
- सिर्फ़ प्रेस में दिए गए इंटरव्यू के आधार पर न्यायिक समीक्षा नहीं की जा सकती है, ख़ास कर जब सरकार ने किसी तरह की अनियमितता से इनकार कर दिया हो।
- सिर्फ़ निजी अनुमान के आधार पर किसी मामले की जाँच का आदेश नहीं दिया जा सकता है।
- सरकार कितने जहाज़ ख़रीदे, अदालत यह तय नहीं कर सकती।
- सौदे की समीक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा के हित को ध्यान में रख कर की जानी चाहिए।