क़ानून की छात्रा से बलात्कार के मामले में आरोपी पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद के ख़िलाफ़ सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने ख़ुद को अलग कर लिया है। यह याचिका इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस फ़ैसले के ख़िलाफ़ दायर की गई थी जिसमें कोर्ट ने चिन्मयानंद को ज़मानत दे दी है। इसी मामले में एक और याचिका दायर की गई है जिसमें कहा गया है कि उत्तर प्रदेश से इस केस को दिल्ली के कोर्ट में लाया जाए। ये दोनों याचिकाएँ जस्टिस आर भानुमति और ए एस बोपन्ना की बेंच के सामने आईं। 'द इंडियन एक्सप्रेस' के अनुसार, इस बेंच ने अपने आदेश में कहा, 'मुख्य न्यायाधीश से आदेश मिलने के बाद दोनों मामलों को दूसरी किसी ऐसी बेंच के लिए सूचीबद्ध किया जाए जिसमें जस्टिस आर भानुमति और ए एस बोपन्ना नहीं हों।'
बेंच का यह फ़ैसला तब आया जब याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील कोलिन गोंसाल्वेस ने बेंच से कहा कि ये मामले तुरंत सुने जाने चाहिए। इस पर बेंच ने दोनों मामलों को सूचीबद्ध किए जाने के लिए रजिस्ट्री को उचित आदेश प्राप्त करने का निर्देश दिया।
बलात्कार के मामले में जेल में बंद पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को एक महीने पहले ही इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज़मानत दी है। चिन्मयानंद को पिछले साल सितंबर में गिरफ़्तार किया गया था और उनके ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 376सी के तहत मुक़दमा दर्ज किया गया था।
इस मामले की जाँच के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम यानी एसआईटी बनी थी और बाद में चिन्मयानंद को गिरफ़्तार किया गया था व पूछताछ की गई थी। एसआईटी ने बलात्कार का आरोप लगाने वाली छात्रा और उसके साथियों को भी गिरफ़्तार किया था। उन पर आरोप लगा था कि उन्होंने चिन्मयानंद से पाँच करोड़ रुपये की फिरौती माँगी थी।
पीड़िता शाहजहाँपुर के स्वामी सुखदेवानंद पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज में क़ानून की छात्रा है। पीड़िता ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मदद माँगी थी। स्वामी चिन्मयानंद इस कॉलेज की प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हैं।
पीड़िता ने आरोप लगाया था कि चिन्मयानंद ने एक साल तक उसका बलात्कार किया था। पीड़िता और उसके परिवार की ओर से आरोप लगाया गया था कि चिन्मयानंद के सियासी रसूख के कारण पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही थी और इसमें जानबूझ कर देरी की जा रही थी। पीड़िता ने आत्मदाह की चेतावनी भी दी थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दख़ल दिया था और यूपी पुलिस ने चिन्मयानंद को गिरफ़्तार कर लिया था।
दुष्कर्म का आरोप लगने के बाद चिन्मयानंद की ओर से पीड़िता पर 5 करोड़ रुपये की रंगदारी माँगने का आरोप लगाया गया था। 23 वर्षीय पीड़िता ने कहा था कि उसके पास पूर्व सांसद के कम से कम 35 वीडियो हैं। पीड़िता ने कहा था कि उसे उम्मीद है कि इन वीडियो के आधार पर उसे इंसाफ़ ज़रूर मिलेगा। पीड़िता ने कहा था कि उसे कॉलेज कैंपस में बने चिन्मयानंद के आवास पर मसाज के लिए बुलाया जाता था। पीड़िता ने कहा था कि इस दौरान वह ऐसा चश्मा पहनती थी जिसमें ख़ुफ़िया कैमरा लगा होता था।