जांच एजेंसी ईडी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को समन भेजा है। दोनों नेताओं को यह समन नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में भेजा गया है।
सोनिया गांधी को ईडी के सामने 8 जून को बुलाया गया है जबकि राहुल गांधी को 2 जून को पेश होने के लिए कहा गया है। ईडी ने इस मामले में अप्रैल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और पवन बंसल से भी नई दिल्ली में पूछताछ की थी। खड़गे यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ हैं जबकि बंसल इस के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं।
कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने बुधवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सोनिया गांधी 8 जून को एजेंसी के सामने पेश होंगी लेकिन पार्टी जांच एजेंसी को पत्र लिखकर राहुल गांधी को कुछ राहत देने की मांग करेगी क्योंकि वह विदेश में हैं। अगर वह आ जाते हैं तो वे तय समय पर जांच एजेंसी के सामने पेश हो जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी ने ईडी से इस मामले में पेश होने के लिए वक्त मांगा है।
सिंघवी ने कहा कि दोनों नेताओं के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग या पैसे के लेनदेन को लेकर कोई सबूत नहीं हैं।
बता दें कि जांच एजेंसियों की ओर से की जा रही कार्रवाई को लेकर दिल्ली, महाराष्ट्र के साथ ही देश भर के राज्यों में राजनीतिक माहौल बेहद गर्म है।
विपक्षी राजनीतिक दल बीजेपी और मोदी सरकार पर जांच एजेंसियों का राजनीतिक इस्तेमाल करने का आरोप लगाते रहे हैं।
क्या है नेशनल हेराल्ड मामला?
नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और सांसद राहुल गांधी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं।
बीजेपी के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा था कि सोनिया और राहुल गांधी ने केवल 50 लाख रुपये का भुगतान कर यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के ज़रिए कांग्रेस के स्वामित्व वाले एसोसिएट जरनल लिमिटेड (एजेएल) की 90.25 करोड़ की रकम वसूलने का अधिकार हासिल कर लिया था।
स्वामी ने इस मामले में दिल्ली की एक अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी। स्वामी की याचिका पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने आयकर विभाग से यंग इंडिया लिमिटेड के खिलाफ जांच करने के लिए कहा था। इस मामले में ईडी ने भी प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत नया केस दर्ज किया था।
पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने एजेएल को 1937 में शुरू किया था। 2010 में कंपनी में 1057 शेयर धारक थे और नुकसान होने के बाद 2011 में इसके स्वामित्व को यंग इंडिया लिमिटेड कंपनी को ट्रांसफर कर दिया गया था। एजेल की ओर से अंग्रेजी अखबार नेशनल हेराल्ड, उर्दू अखबार कौमी आवाज़ और हिंदी अखबार नवजीवन प्रकाशित किया जाता था।
यंग इंडिया लिमिटेड का गठन 2010 में किया गया था और इसमें राहुल गांधी और कांग्रेस के एक नेता निदेशक थे। राहुल गांधी और सोनिया गांधी के पास इस कंपनी के 76 फ़ीसदी शेयर थे और 24 फ़ीसदी शेयर कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नाडिस के पास थे।
हुड्डा पर भी आरोप
ईडी ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर भी आरोप लगाया था कि उन्होंने एजेएल को पंचकूला में नियम कानूनों को ताक पर रखकर प्लॉट का आवंटन किया था। असल में प्लॉट का आवंटन 1982 में किया गया था लेकिन इसे 1992 में वापस ले लिया गया था।
ईडी के मुताबिक, भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा का मुख्यमंत्री रहते हुए इस प्लॉट को फिर से पुरानी दरों पर एजेएल को आवंटित कर दिया। ईडी ने यह भी कहा है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एजेएल को यह प्लॉट देने के लिए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के नियमों को बदल दिया और इससे प्राधिकरण को 64 करोड़ का नुकसान हुआ। ईडी के मुताबिक, हुड्डा सरकार ने एजेएल को 2008 से 2012 के बीच में इस प्लॉट पर निर्माण के लिए तीन बार गलत तरीके से विस्तार भी दिया।
सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी
इन दिनों ईडी के द्वारा दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी को लेकर राष्ट्रीय राजधानी में बीजेपी और आम आदमी पार्टी आमने-सामने हैं। जबकि पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे व कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम के ठिकानों पर सीबीआई ने कुछ दिन पहले छापेमारी की थी। इसे लेकर कार्ति चिदंबरम ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को पत्र लिखा था और कहा था कि जांच एजेंसी की छापेमारी से सांसद के रूप में मिले उन्हें अधिकारों का उल्लंघन हुआ है।
उससे पहले महाराष्ट्र में शिवसेना के सांसद संजय राउत व उनके करीबियों के खिलाफ एजेंसियों की कार्रवाई, एनसीपी के बड़े नेताओं पर जांच एजेंसियों की कार्रवाई को लेकर महाराष्ट्र की सियासत में काफी बवाल हो चुका है।