भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह वह अकेले खुशकिस्मत इन्सान हैं जो बुधवार को हुए कुन्नूर हेलीकॉप्टर हादसे में जीवित बच गए हैं। इस हादसे में चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ जनरल बिपिन रावत समेत 13 लोगों की मौत हो गई।
ग्रुप कैप्टन सिंह इस हादसे में बुरी तरह झुलस गए हैं और वेलिंगटन के सरकारी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है।
भारतीय वायु सेना ने ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के हादसे में घायल होने की पुष्टि की है। उसने एक ट्वीट में कहा है कि डीएसएसी के डाइरेक्टिंग स्टाफ़ ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह घायल हो गए हैं और वेलिंगटन के सैनिक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है।
शौर्य चक्र
वरुण सिंह ने पिछले साल एक उड़ान के दौरान हवाई जहाज़ में तकनीकी खराबी आने के बावजूद उसे संभाल लिया था और कुशलता पूर्वक ज़मीन पर उतार लिया थ। उन्हें इस कारण इस साल अगस्त में शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था।
बुधवार को हुए हादसे में भारतीय वायु सेना का हेलीकॉप्टर ज़मीन पर गिरते ही आगे के गोले में तब्दील हो गया। ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह इस आगे में बुरी तरह जल गए और उनका इलाज इस जख़्म को ठीक करने के लिए ही हो रहा है। उनकी स्थिति गंभीर बताई जा रही है।
हेलीकॉप्टर गिरने पर आसपास के इलाक़े में आग लग गई।
वरुण सिंह डिफ़ेन्स सर्विसेज स्टाफ़ कॉलेज के निदेशक स्टाफ़ हैं।
जनरल बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर ने बुधवार सुबह दिल्ली से उड़ान भरी थी। तब उनके साथ नौ लोग थे। सुलूर एयरबेस से हेलिकॉप्टर में पांच और लोग सवार हुए।
सुलूर के एयरबेस से उड़ान भरने के थोड़ी ही देर बाद यह हेलिकॉप्टर नीलगिरी की पहाड़ियों के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। सीडीएस रावत वेलिंगटन में स्थित डिफ़ेंस स्टाफ़ सर्विसेस कॉलेज में लेक्चर देने जा रहे थे।